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DDU News Today: अमेरिका से लौटते ही कुलपति ने बढ़ाया संवाद का हाथ,शिक्षक आंदोलन पर अड़े

Janjwar Desk
5 Jan 2022 10:16 AM IST
DDU News Today: अमेरिका से लौटते ही कुलपति ने बढ़ाया संवाद की ओर हाथ,शिक्षक अपने आंदोलन पर अड़े
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DDU News Today: अमेरिका से लौटते ही कुलपति ने बढ़ाया संवाद की ओर हाथ,शिक्षक अपने आंदोलन पर अड़े

DDU News Today: दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलपति को हटाने की मांग को लेकर एक शिक्षक के शुरू हुए सत्याग्रह के बाद अब आंदोलन की कमान शिक्षक संघ ने संभाल ली है।

जितेंद्र उपाध्याय की रिपोर्ट

DDU News Today: दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलपति को हटाने की मांग को लेकर एक शिक्षक के शुरू हुए सत्याग्रह के बाद अब आंदोलन की कमान शिक्षक संघ ने संभाल ली है। इस बीच दस दिन के अमेरिका के दौरे से वापस लौटे कुलपति ने पहली बार विभागाध्यक्षों के साथ बैठक कर संवाद का रास्ता अपनाते हुए समस्याओं के समाधान करने पर जोर दिया।

डीडीयू के कुलपति प्रो. राजेश सिंह के खिलाफ अनियमितता व मनमानी का आरोप लगाते हुए हिन्दी विभाग के प्रोफेसर कमलेश गुप्ता ने पिछले दिनों सत्याग्रह की शुरूआत की। साथ ही एलान किया कि कुलपति के हटने तक यह आंदोलन जारी रहेगा। प्रोफेसर के आंदोलन पर जाते ही पूर्व कार्यक्रम के अनुसार कुलपति प्रो. राजेश सिंह दस दिन के अमेरिका की यात्रा पर रवाना हो गए। इस बीच शिक्षक का आंदोलन चलता रहा। कैंपस के शीतकालीन अवकाश में बंद हो जाने पर इस अवधि में प्रोफेसर कमलेश ने जनसंवाद का रास्ता चुना तथा लोगों के बीच संपर्क अभियान चलाते हुए विश्वविद्यालय के हालात के लिए कुलपति को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें हटाने के लिए सहयोग मांगा। यह क्रम चल रहा था कि 3 जनवरी को कैंपस ख्ुालने पर शिक्षक संघ ने आमसभा में आंदोलन को व्यापक रूप देने का एलान कर दिया। जिसके तहत शिक्षक संघ के पदाधिकारियों का नया चुनाव होने तक संघर्ष समिति का गठन कर कुलपति को हटाने की मांग को लेकर आंदोलन चलाने का एलान कर दिया।जिससे एक बार साफ हो गई है कि अब विश्वविद्यालय के अधिकांश शिक्षक पूरी समस्या के लिए कुलपति को जिम्मेदार मानते हुए उन्हें हटाने के अलाव अन्य किसी विकल्पों को मानने के लिए तैयार नहीं है।

इस बीच दस दिवसीय अमेरिकी दौरा से लौटने के बाद कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने विभिन्न विभागों के अध्यक्ष व अन्य विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ 4 जनवरी को बैठक की। इसकी जानकारी टवीट कर मीडिया एवं जनसंपर्क अधिकारी ने दी। उन्होंने लिखा कि माननीय कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने नव वर्ष के उपलक्ष्य में संकायाध्यक्षों, विभागाध्यक्षों एवं शिक्षकों के साथ बैठक की। बैठक में कुलपति प्रो. सिंह ने नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए विवि में पठन-पाठन के माहौल को उत्कृष्ट बनाने तथा संवाद के माध्यम से समस्याओं के निदान पर विमर्श किया।बैठक में शामिल शिक्षकों का कहना है कि कल तक जो कुलपति हठधार्मिता अपना रहे थे। वे पहली बार संवाद करने के पक्ष में दिखे। उन्होंने कहा कि हर शिकायतों व समस्याओं का संवाद के माध्यम से निदान निकाला जा सकता है।

उधर कुलपति के खिलाफ मुखर होकर आंदोलन चला रहे प्रो. कमलेश गुप्ता ने कहा कि यदि हमारे विश्वविद्यालय परिवार का कोई भी सदस्य इस बीच कोरोना-संक्रमित होता है, तो उसके लिए हमारे कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह जिम्मेदार होंगे। कुलपति कथित रूप से 3 जनवरी को अमेरिका से लौटे हैं और आज उन्होंने विश्वविद्यालय के ढेर सारे शिक्षकों को बुलवा-बुलवाकर मुलाकातें की हैं। श्री गुप्ता ने फेसबुक पोस्ट में यह जानकारी देते हुए आगे लिखा है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के बीच अमेरिका से लौटने वाले लोगों के लिए क्वारंटीन होने का नियम नहीं है क्या? अगर है तो सबके लिए नहीं है क्या? हमारा मानना है कि ऐसा नियम हो या न हो, कुलपति को अमेरिका से लौटने के एक ही दिन बाद इतने बड़े पैमाने पर शिक्षकों से नहीं मिलना चाहिए था।

कल की शिक्षक संघ की हुंकार, कुलाधिपति के विशेष कार्य अधिकारी से हुई शिक्षकों और विद्यार्थियों की वार्ता या चाहे जिन कारणों से उनके द्वारा की गई इस भेंट-मुलाकात ने विश्वविद्यालय परिवार के जीवन को एक बार फिर गहरे संकट में डाल दिया है। कुलपति ने एक मुखिया का धर्म तो नहीं ही निभाया एक नागरिक का धर्म निभाना भी जरूरी नहीं समझा।

उन्हांेने कहा कि 4 जनवरी को अपराहन 1.45 बजे कुलपति जी ने मेरे पास भी मिलने का संदेश भिजवाया था। मैंने यह जवाब दिया है कि अगर कुलसचिव महोदय के माध्यम से मुझे लिखित रूप में सूचना दी जाएगी और मुद्दा बताया जाएगा कि किस मुद्दे पर कुलपति जी मुझसे मिलना चाहते हैं, तो मैं मिलने पर विचार करूॅंगा, अन्यथा नहीं। कुलपति ने मेरे ऊपर जैसे- जैसे आरोप लगाए व लगवाए हैं उससे मन में सहज ही यह आशंका होती है कि वे मेरे खिलाफ कुछ भी साजिश रच सकते हैं। सुना है कि उन्होंने शिक्षक मित्रों से यह कहा है कि मैंने उनकी नोटिसों का जवाब नहीं दिया है। यह बात सरासर झूठ है। कुलपति चाहें तो अपनी सारी नोटिसों और मेरे सारे जवाबों को सार्वजनिक कर सकते हैं। हाॅं, मैंने अंग्रेजी में मिली किसी भी नोटिस का जवाब नहीं दिया है और इसको आप सबको बताया भी है। आगे भी वे अंग्रेजी में कोई नोटिस भिजवाएंगे, तो मैं उसका जवाब नहीं दूॅंगा।

श्री गुप्ता ने कहा कि जब हमारे शिक्षक संघ की आम सभा ने सर्वसम्मति से यह निर्णय ले लिया है कि प्रोफेसर राजेश सिंह अब हमारे विश्वविद्यालय के कुलपति नहीं रहेंगे, तो ऐसा ही होगा। मैं शिक्षक मित्रों से एकजुटता बनाए रखने की अपील करता हूॅं। व्यक्ति, समूह और संगठन के रूप में आप सबके अपार समर्थन, सहयोग और सुझावों के लिए मैं आभारी हूॅं।

प्रो. गुप्ता के इस बयान के बाद यह माना जा रहा है कि कुलपति भले ही संवाद का माध्यम तलाशें पर शिक्षक आंदोलन को जारी रखेंगे। शिक्षकों ने संघ के फैसले का स्वागत करते हुए कुलपति हटाओ अभियान का हिस्सा बनने का एलान कर दिया है। ऐसे में उम्मीद है कि जल्द ही शिक्षक संघ के सामने किसानों के हित के लिए विस्तारित लड़ाई के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा। इस बीच कुलपति के मामले में जल्द ही राभवन से भी कोई सूचना आने की उम्मीद लगाई जा रही है।

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