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नरेश टिकैत का दावा, कई भाजपा नेताओं ने फोन कर कहा दे देंगे इस्तीफा, अब चुप नहीं रहेंगे
जनज्वार। गाजीपुर बॉर्डर से किसान आंदोलनकारियों को हटाने की कोशिशें विफल होने के बाद आंदोलन नयी रफ्तार पकड़ चुका है। इस आंदोलन में अब राकेश टिकैत के बड़े भाई व भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत भी अब सक्रिय रूप से आंदोलन में कूद पड़े हैं। नरेश टिकैत ने कहा है कि उनके पास कई भाजपा नेताओं के फोन आए और उन्होंने कहा कि भाई साहब हम भी इस्तीफा दे रहें है, पार्टी में रहकर यूं किसानों का अपमान होते नहीं देख सकते।
नरेश टिकैत ने कहा है कि भाजपा नेताओं ने उनसे कहा कि अगर अब भी वे चुप रहे तो आने वाली पीढी उन्हें कभी माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी कमजोरी छिपाने के लिए षड्यंत्र कर रही है। लाल किला पर हमारा क्या उद्देश्य हो सकता है, क्या हम लाल किले पर इतना घिनौना काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोई किसान भूल-चूक से ट्रैक्टर लेकर लाल किले पर चला गया होगा लेकिन वह वापस आ गया था।
मेरे पास आज कई भाजपा नेताओं का फोन आया है , उनका कहना है भाई साहब हम भी इस्तीफा दे रहे हैं , पार्टी में रहकर यूँ किसानों का अपमान होते नहीं देख सकते, अगर अब भी हम चुप रहे तो आने वाली पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करेगी।
— Naresh Tikait (@NareshTikait_) January 29, 2021
नरेश टिकैत ने अपने छोटे भाई राकेश टिकैट की आंखों में गुरुवार को आए आंसू को किसानों की आत्मसम्मान पर चोट बताया और कहा कि अब चाहे जो भी हो जाए हम पीछे नहीं हटेंगे और ये काले कृषि कानून वापस लेने ही पड़ेंगे।
बिना किसी पूर्व सूचना , बिना किसी इंतज़ाम के बाद भी आज मुज्जफरनगर में लाखों की संख्या में किसान पहुँचे है। सबका यही कहना था कि राकेश टिकैत की आंखों में आँसू हमारे आत्मसम्मान पर चोट है । अब चाहे कुछ हो जाए हम पीछे नही हटेंगे , अब तो ये काले कानून वापिस लेने ही पड़ेंगे।
— Naresh Tikait (@NareshTikait_) January 29, 2021
शुक्रवार को उनके आह्वान पर मुजफ्फरनगर के जीआइसी मैदान में किसानों की महापंचायत हुई। इसके बारे में उन्होंने कहा कि बिना किसी इंतजाम के आज मुजफ्फरनगर में लाखों की संख्या में किसान पहुंचे हैं। सबका यही कहना था कि राकेश टिकैत की आंखों में आंसू हमारे आत्मसम्मान पर चोट है और अब हम बिना कानून वापस लिए नहीं मानेंगे। उन्होंने किसानों से अधिक से अधिक संख्या में गाजीपुर बाॅर्डर पहुंच कर आंदोलन को सफल बनाने का आह्वान किया है।
नरेश टिकैत ने यह भी कहा है कि 70 दिनों में 70 झूठे आरोप लगा दिए गए लेकिन किसान भाइयों की सच्चाई के कारण एक भी साबित नहीं कर सके।