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उत्तर प्रदेश

28 साल पहले दो दलितों की हत्या के मामले में 17 आरोपियों को अदालत ने सुनाई उम्रकैद की सजा

Janjwar Desk
15 Sept 2022 11:14 AM IST
28 साल पहले दो दलितों की हत्या के मामले में 17 आरोपियों को अदालत ने सुनाई उम्रकैद की सजा
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Hamirpur Crime News : डबल मर्डर के 28 साल पुराने मामले में मृतक जसवंत के भाई रमेश चंद्र ने 25 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इनमें से 5 की सुनवाई के दौरान मौत हो गई और तीन अभी भी फरार हैं।

Hamirpur Crime News : उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) के हमीरपुर जिले की एक अदालत ने 1994 के एक डबल मर्डर ( Double murder ) के मामले में सभी 17 आरोपियों को उम्रकैद की सजा ( Life imprisonment ) सुनाई है। विशेष लोक अभियोजक विजय सिंह ने कहा कि अतिरिक्त जिला न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट मोहम्मद असलम सिद्दीकी ने कहा कि सभी आरोपियों को अदालत ने 1994 के दो दलितों की हत्या के ( Dalit murder ) मामले में दोषी करार दिया है। उन्होंने कहा कि अदालत ने सभी दोषियों पर 30-30 रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

दरअसल, हमीरपुर ( Hamirpur crime News ) की ये घटना 15 मार्च 1994 को कुरारा क्षेत्र के चकेठी गांव में हुई थी। पुरानी दुश्मनी को लेकर जसवंत और मोतीलाल पर आरोपियों ने धारदार हथियारों से हमला किया और ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर छलनी कर दिया था। इस मामले में जसवंत के भाई रमेश चंद्र ने 25 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी जिनमें से 5 की सुनवाई के दौरान मौत हो गई और तीन अभी भी फरार हैं।

हमीरपुर जिला अदालत के विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी मोहम्मद असलम सिद्दीकी ने 17 हत्यारोपियों को आजीवन कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई। मुकदमे की सुनवाई के दौरान 5 आरोपियों की मौत हो गई थी। जबकि लाला उर्फ ब्रजमोहन का वाद किशोर न्यायालाय बोर्ड में विचाराधीन है। तीन हत्यारोपित कोर्ट में हाजिर नहीं हुए और अभी तक फरार हैं।

विशेष न्यायाधीश मोहम्मद असलम ने जसवंत व मोतीलाल की हत्या के मामले में वीर सिंह, जाहर सिंह, भीष्म सिंह, भारत, महाराज, भूरा, इंद्रपाल, पप्पू उर्फ रणजीत, कामता, छुटकाई, शिवबदन सिंह, विजय सिंह, ओंकार सिंह, राजेंद्र सिंह, सुरेंद्र सिंह, अर्जुन सिंह, दद्दू उर्फ बृजकिशोर को हत्या व दलित उत्पीड़न का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास व 30-30 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। मुकदमे के दौरान रामऔतार सिंह, सूरज सिंह, देव सिंह उर्फ लाला, छोटे सिंह व संतोष की मौत हो चुकी है। जबकि लाला उर्फ बृजमोहन का वाद किशोर न्यायालय में विचाराधीन है। राजनबाबू, पुतान व रामाधीन अभी तक फरार है ।

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