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हाथरस पर देश में हाहाकार, मोदी के मन की बात को 36 बार ट्वीट करने वाली महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा हैं चुप
जनज्वार। देश अजीब दुश्वारियों से गुजर रहा है। राष्ट्रीय महिला आयोग महिला अधिकारों, महिला हिंसा, उत्पीड़न व उनसे संबंधित अन्य विषयों को प्रमुखता से उठाने के लिए गठित एक स्वायत्त सरकारी संस्था है। कोई भी आयोग किसी सरकार के नियंत्रण में काम नहीं करता और उसके पास सरकारों से भी अपने अधिकार से संबंधित विषयों पर सवाल पूछने का अधिकार होता है। लेकिन, जब इन महत्वपूर्ण पदों पर राजनैतिक नामित व्यक्ति काबित होते हैं तो संस्थाएं कुंद हो जाता है और उसका नेत्व मौन धारण कर लेता है।
ऐसा ही हाल में देश के राष्ट्रीय महिला आयोग और उसकी अध्यक्ष रेखा शर्मा का हैं। रेखा शर्मा भाजपा की कार्यकर्ता-नेता रही हैं और मौजूदा सरकार द्वारा महिला आयोग प्रमुख के महत्वपूर्ण व संवेदनशील पद पर नियुक्त की गई हैं। अब वे संवैधानिक जिम्मेवारी में हैं तो जाहिर है उनके लिए पार्टी का दायरा नहीं हो सकता है, लेकिन हाथरस की दलित गैंगरेप पीड़िता की मौत पर उनकी चुप्पी बेचैन करने वाली है। इसकी वजह है कि वे सीधे तौर पर इस मामले को संज्ञान में लेने के लिए, हस्तक्षेप करने के लिए, जिला प्रशासन व राज्य सरकार से सवाल जवाब करने के लिए संवैधानिक रूप से अधिकृत हैं।
ऐसा लगता है कि ट्विटर पर खासा सक्रिय रहने वालीं रेखा शर्मा ने राष्ट्रीय महिला आयोग के एक ट्वीट को रिट्वीट कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री मान ली है। उन्होंने महिला आयोग के जिस ट्वीट को रिट्वीट किया है, उसमें कहा गया है कि महिला आयोग की सदस्य राजुल एल देसाई ने हाथरस की पीड़िता के भाई से बात की है और उन्हें आश्वस्त किया है महिला आयोग की ओर से परिवार को इस मामले में हर संभव मदद की जाएगी। वे संबंधित पुलिस अधिकारी से भी मिलीं जिन्होंने उन्हें मामले का ब्यौरा दिया और पुलिस की कार्रवाई से अवगत कराया।
@NCWIndia Member #RajulLDesai talked to the brother of #Hathras gangrape victim and has assured the family of extending all possible help from the Commission. She also met the concerned DCP who apprised her of the details and the action taken by police in the matter.
— NCW (@NCWIndia) September 29, 2020
राजुल एल देसाई महिला आयोग की सदस्य हैं और उत्तरप्रदेश सहित आठ राज्यों की प्रभारी हैं। उन्होंने अपने ट्विटर प्रोफाइल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फोटो लगा रखा है जो यह बताता है कि उन्हें संवैधानिक पद पर होते हुए भी सरकार के करीबी होने का गर्व है।
रेखा शर्मा ने दो दिन पहले मोदी के मन की बात के 36 ट्वीट किए थे
संवैधानिक पदों पर राजनैतिक नामितों की नियुक्ति का असर यह होता है कि वे अपने दायित्वों से अधिक सरकार के गुणगान में व्यस्त हो जाते हैं। रेखा शर्मा ने दो दिन पहले प्रधानमंत्री के मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात को लेकर 36 ट्वीट किए। प्रधानमंत्री का मन की बात का संबोधन 36 मिनट से कम का ही करीब 30 मिनट का होता है, लेकिन रेखा शर्मा ने उससे जुड़े 36 ट्वीट कर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। उन्होंने मोदी के संबोधन के हर अहम बात को ट्वीट किया।
पत्रकार रवींद्र चौधरी ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि रेखा शर्मा की के टाइमलाइन को देखने से लगता है कि वो महिला आयोग की नहीं बल्कि बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष हैं। उनका आधा समय भाजपा नेताओं को पद और जन्मदिन की बधाइयां देने में ही निकल जाता है। इनसे बधाई पाने वालों में तेजिंदर पाल बग्गा जैसे लोग भी शामिल हैं, जो हिंसा और महिला विरोध टिप्पणियों के लिए कुख्यात रहे हैं। रेखा शर्मा भाजपा के विरोधियों के राजनैतिक ट्वीट का जवाब देने से भी खुद को नहीं रोक पाती हैं, हाल उस देश के महिला आयोग की अध्यक्ष का है, जिस देश में हर 15 मिनट में एक बलात्कार होता है और हर चौथी बलात्कार पीड़िता नाबालिग़ होती है।