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भाजपा नेता का बलात्कार ज्ञान, कहा बाजरे, मक्के, गन्ने के खेत खुद चुनती हैं लड़कियां
photo : social media
जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में युवती के साथ हुए कथित गैंगरेप के बाद हत्या का मामला काफी गर्माया हुआ है। मामले में एक तरफ लोगों में रोष है, वहीं दूसरी तरफ बाराबंकी में बीजेपी के नेता का एक बयान विवादों के घेरे में आ गया है। भाजपा नेता ने पीड़िता को लेकर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। अपने दिए बयान में भाजपा नेता संवेदनशीलता की सभी सीमाओं को लांघ गया है।
बाराबंकी नगर पालिका परिषद नवाबगंज के चेयरमैन और बीजेपी नेता रंजीत श्रीवास्तव ने अपने बयान में कहा है कि ये सारी मरी हुई लड़कियां कुछ खास किस्म के खेतों में ही क्यों पाई जाती हैं। रंजीत श्रीवास्तव ने कहा कि अक्सर देखा गया है कि पीड़िताएं बाजरे, मक्के, गन्ने और अरहर के खेत में ही मिलती हैं? इस टाईप की फसल वाले खेतों में ऐसा क्या होता है।
आगे भाजपा नेता कहता है कि लड़की ने लड़के को बुलाया होगा, खेत में मिलने के लिए। सब चल रहा है सोशल मीडिया में। लड़की का लड़के से प्रेम प्रसंग चल रहा था। ये लड़कियां धान, गेंहूँ, चने इत्यादि के खेतों में क्यों नहीं पाई जाती हैं। लड़कियां कभी घसीटकर नहीं ले जाई जाती हैं। इस तरह की जो भी घटनाएं होती हैं सब प्रेम प्रसंग का मामला होता है।
नेता जी कहते हैं, लड़कों को छोड़ा जाना चाहिए सभी लड़के निर्दोष हैं। मामला सीबीआई जांच के लिए दे दिया गया है। जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। लड़के जेल में रहेंगे तो उनकी जवानी खराब हो जाएगी। उन सभी को न्याय देते हुए तुरंत छोड़ा जाना चाहिए।
रंजीत श्रीवास्तव कहते हैं, "मैं चुप इसलिए हूं कि आज मेरी सरकार है और मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि मैं उस भारतीय जनता पार्टी का सदस्य हूँ जिसमें चरित्र और नैतिकता का मापदंड सबसे ऊंचा है, इसलिए मैंने खामोशी बेहतर समझी। लेकिन अगर इसका उत्तर नही दूंगा तो मैं समझता हूं मैं अपने साथ ही नहीं, पूरे समाज से साथ अन्याय करूंगा।"
भाजपा नेता ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा, "मैं बड़े दु:ख के साथ कहना चाहूंगा कि जिस तरह से घटनाक्रम हुआ और एक कांग्रेस नेता के आने के बाद से बयान बदले गए. यह एक सोची समझी साजिश है, लेकिन मैं इसपर न जा कर मूल बात पर आना चाहूंगा कि पूरा देश और हर जांच एजेंसी इस बात पर गौर करे कि आज जब बाजरे की फसल कटाई हो गई है, खेत सूखा है तो बाजरे के खेत में ऐसी कौन सी घास थी जिसको काटने यह लड़की मां-भाई को छोड़कर चली गई। कौन सी घास थी ये बहुत बड़ा सवाल है। गांव-देहात के अंदर इन लड़कियों को जब अकेले में घास काटनी होती है तो इनको गन्ने का खेत, मक्के का खेत, अरहर और बाजरे का खेत मिलता है।"
वह इतने पर ही नहीं रुकते, आगे कहते हैं, "मैं नहीं कह रहा हूं कि लड़के को क्लीन चिट देनी चाहिए. क्योंकि जो सूचनाएं और वीडियो आ रहे हैं उसके साथ तो इसका अफेयर 3 साल से था। हो सकता है मारपीट की घटना हुई हो। हो सकता है गले की हड्डी टूटी हो, जुबान दांतों तले दबकर कट गई हो। लड़के पर हत्या का मुकदमा लगना चाहिए, उसको मारपीट करने की सजा मिलनी चाहिए। लेकिन इसके अतिरिक्त और रेप का आरोप नहीं लगना चाहिए। मैं योगी जी से कहना चाहूंगा कि किस बात के 25 लाख रुपये दिए जा रहे? यह जनता की कमाई है, किस बात के लिए मकान और तमाम सुविधाएं दी जा रही हैं। ऐसी लड़कियों के मामले में मेरी सरकार से अपील है कि फाइल बन्द कर उन्हें मुआवजा न दें।"
रंजीत श्रीवास्तव वही नेता हैं, जिन्होंने अप्रैल में तब्लीगियों को जब कोरोना के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा था तो बयान दिया था, 'तब्लीगियों को कोरोना बम बनाकर पाकिस्तान भेज देना चाहिए। हमारी सरकार को चाहिए कि इनका इस्तेमाल करे। पहले इन्हें पके आम की तरह पकाये, फिर इन्हें कराची, लाहौर और पूरे पाकिस्तान में छोड़ दे।'