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जम्मू कश्मीर के एलओसी में गोलीबारी में शहीद हुआ कानपुर का लाल, परिवार में मातम का माहौल
photo : social media
जनज्वार, कानपुर। जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में एलओसी पर गोलाबारी में उत्तर प्रदेश के जनपद फतेहपुर का लाल त्रिवेद प्रकाश शहीद हो गया। उसकी शहादत की खबर मिलते ही तहसील बिंदकी स्थित उनके पैतृक गांव नंदापुर में शोक की लहर दौड़ गई। परिवार में मातम का माहौल छा गया।
कानपुर के नौबस्ता स्थित आवास विकास हंसपुरम घर पर परिवार के सभी सदस्य आनन-फानन में नंदापुर गांव के लिए रवाना हो गए। शहीद जवान के घर पर मातम का माहौल है। भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। जिला प्रशासन के तमाम अफसर भी शहीद के घर पहुंचे हैं। शहीद जवान का पार्थिव शरीर मंगलवार 9 मार्च की सुबह गांव पहुंचेगा।
बिंदकी तहसील के नंदापुर गांव निवासी अरुण कुमार तिवारी सेना के रिटायर्ड जवान हैं। उनके सबसे छोटे बेटे त्रिवेद प्रकाश वर्ष 2015 में महाराष्ट्र के नासिक से इंडियन आर्मी में भर्ती हुए थे। त्रिवेद प्रकाश भारतीय सेना की 6-RR बटालियन पैरंट यूनिट 332 मीडियम रेजीमेंट में थे। वर्तमान समय में त्रिवेद प्रकाश जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में एलओसी पर तैनात थे।
बताया जा रहा है कि देर रात गोलाबारी में त्रिवेद प्रकाश शहीद हो गए। रविवार 7 मार्च की देर रात सेना की तरफ से उनके शहीद होने की खबर परिवार के सदस्यों को मिली तो परिवार में मातम छा गया। कानपुर के नौबस्ता स्थित आवास विकास हंसपुरम में रह रहे परिवार के सदस्य पैतृक गांव नंदापुर के लिए सुबह जल्दी ही रवाना हो गए।
परिजनों के मुताबिक त्रिवेद 5 भाइयों में सबसे छोटे थे। त्रिवेद प्रकाश के बड़े भाई शिव मोहन, हरमोहन गांव में परिवार के साथ रहते हैं। तीसरे नंबर के भाई वेद प्रकाश संयुक्त शिक्षा निदेशक (कानपुर मंडल कार्यालय) में तृतीय श्रेणी कर्मचारी हैं। चौथे नंबर के भाई देव प्रकाश भारतीय सेना 16 मीडियम रेजीमेंट में जयपुर में तैनात हैं।
नंदापुर गांव के ग्रामीणों के मुताबिक शहीद जवान के घर पर भारी तादाद में भीड़ जमा है। लोकल पुलिस भी मौजूद है। तमाम प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंच रहे हैं। जनपद फतेहपुर के प्रशासन ने शहीद के अंतिम संस्कार को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। घर में महिलाओं के करुण क्रंदन से हर किसी की आंख नम है। त्रिवेद प्रकाश के बड़े भाई ने बताया कि यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री सतीश महाना से बातचीत हुई है। उन्होंने डीएम फतेहपुर से भी बातचीत की है। पार्थिव शरीर के आने का इंतजार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि त्रिवेद प्रकाश की शादी नहीं हुई थी।
वहीं दूसरी तरफ जवान बेटे के शहादत की खबर मिलते ही त्रिवेद प्रकाश के माता-पिता बदहवास हो गए। बुजुर्ग पिता अरुण कुमार तिवारी घर के बाहर बैठकर रोते-बिलखते रहे। तो मां प्रेमा देवी की तबियत खराब हो गई। गांव की महिलाओं ने किसी तरह उन्हें संभाला और ढांढस बंधाया।