Begin typing your search above and press return to search.
उत्तर प्रदेश

हाथरस केस में विपक्ष हुआ लामबंद, चंदपा पहुँचे रावण ने परिवार को वाई श्रेणी सुरक्षा देने की रखी मांग

Janjwar Desk
4 Oct 2020 8:38 PM IST
हाथरस केस में विपक्ष हुआ लामबंद, चंदपा पहुँचे रावण ने परिवार को वाई श्रेणी सुरक्षा देने की रखी मांग
x
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण आज हाथरस पहुंचे। प्रशाशन ने उन्हें सात लोगों के साथ गांव में प्रवेश करने की अनुमति दी थी। परिवार से मिलने के बाद चंद्रशेखर आजाद ने कहा है कि पीड़ित परिवार की सुरक्षा के लिए सरकार को वाई श्रेणी सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं मृतका के परिवार की सुरक्षा को देखते हुए पूरे परिवार को अपने साथ अपने घर ले जाना चाहता हूं।

जनज्वार, हाथरस। यूपी में हाथरस के चंदपा कोतवाली इलाके में युवती से सामूहिक दुष्कर्म और मौत मामले में लोगों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। आज सुबह सबसे पहले एसआईटी की टीम पीड़ित के घर फिर से पहुंची। पिता के बयान दर्ज किए। वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने हाथरस डीएम को हटाने की मांग की है। आज समाजवादी पार्टी का 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल गांव पहुंचा। इसके अलावा पूर्व विधायक के घर आरोपियों के पक्ष में पंचायत हुई। तो वहीं गांव में घुसने के प्रयास में पुलिस ने सपा व रालोद के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज भी कर दिया।

चंदपा पहुँचे रावण ने परिवार को वाई श्रेणी सुरक्षा देने की रखी मांग

भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण आज हाथरस पहुंचे। प्रशाशन ने उन्हें सात लोगों के साथ गांव में प्रवेश करने की अनुमति दी थी। परिवार से मिलने के बाद चंद्रशेखर आजाद ने कहा है कि पीड़ित परिवार की सुरक्षा के लिए सरकार को वाई श्रेणी सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं मृतका के परिवार की सुरक्षा को देखते हुए पूरे परिवार को अपने साथ अपने घर ले जाना चाहता हूं। सरकार अनुमति दें, अगर सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी तो वह न्यायालय की शरण लेंगे। हम परिवार की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी लेंगे।

पुलिस ने जयंत चौधरी पर भांजी लाठियां

हाथरस के चंदपा पहुंचे रालोद नेता जयंत चौधरी के खिलाफ सवर्ण परिषद के लोगों ने मुर्दाबाद के नारे लगाए। इतना ही नहीं जब जयंत चौधरी मीडिया से बात कर रहे थे तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। वहां मौजूद समर्थकों ने उन्हें घेर कर किसी तरह बचाया। दूसरी तरफ सवर्ण परिषद ने बिटिया के गांव के बाहर मोर्चा खोल रखा है। यह लोग यहां पहुंच रहे सभी राजनेताओ को सुना खरी खोटी सुना रहे हैं।

रालोद व सपा समर्थकों पर बरसी लाठियां

हाथरस के चंदपा कोतवाली इलाके में बिटिया के गांव के बाहर प्रदर्शन कर रहे सपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर जमकर लाठियां बरसाईं। सपा के कार्यकर्ता बेरियर तोड़कर गांव में घुसने का प्रयास कर रहे थे। इसके अलावा रालोद कार्यकर्ताओं पर भी लाठियां बरसाईं।

सपा प्रतिनिधि पहुंचे गांव

समाजवादी पार्टी का 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल हाथरस के चंदपा कोतवाली इलाके में स्थित बिटिया के घर पहुंच गया है। यह प्रतिनिधिमंडल घटना की जांच कर राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को रिपोर्ट देगा। प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल कर रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व केंद्रीय मंत्री रामजी लाल सुमन, पूर्व सांसद धर्मेन्द्र यादव व अक्षय यादव, सफाई कर्मचारी आयोग के पूर्व अध्यक्ष जुगुल किशोर वाल्मीकि, विधान परिषद सदस्य, उदयवीर सिंह, जसंवत यादव और डॉ. संजय लाठर, छात्र सभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अतुल प्रधान, लोहिया वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राम करन निर्मल और सपा के आगरा जिलाध्यक्ष रामगोपाल बघेल शामिल हैं।

विधायक ने आरोपियो के समर्थन में लगाई पंंचायत

हाथरस के पूर्व विधायक राजवीर पहलवान के आवास पर आरोपियों के समर्थन में पंचायत हुई, इसमें काफी संख्या में लोग मौजूद रहे। इससे पहले रविवार की सुबह एसआईटी की टीम पीड़ित के घर फिर पहुंची थी।

आज सुुुबह फिर पहुंची एसआईटी टीम

पांच सदस्य एसआईटी टीम पीड़ित के घर आज फिर से बयान दर्ज करने पहुंची थी। शनिवार को पीड़िता के पिता का बयान नहीं हो पाया था। आपको बता दें कि कल रात को SIT की टीम घर आई थी। आपको बता दें कि चौतरफा घिरी उतर प्रदेश सरकार ने हाथरस कांड की सीबीआई से कराने का फैसला किया है।

पीड़ित परिवार से मुलाकात करके लौटे अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी और डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी की रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार की रात 8.31 बजे ट्वीट कर फैसले की जानकारी दी।

सीबीआई 14 सितंबर से अब तक सामने आए सभी पहलुओं की जांच करेगी। हालांकि पीड़ित परिजनों की ओर से इस मामले में सीबीआई की जांच के बजाय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराए जाने की मांग की थी। लेकिन अपर मुख्य सचिव गृह और डीजीपी ने लौट कर मुख्यमंत्री को पूरी बात बताई जिसके बाद मुख्यमंत्री ने पूरा मामला सीबीआई को सौंपने का फैसला लिया।

Next Story

विविध