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लखनऊ वायरलेस में महिला पुलिस कर्मियों का शारीरिक शोषण, नई लड़कियों की करते हैं पोस्टिंग, तीन कर चुकी हैं सुसाइड
महिला अत्याचार का प्रतीकात्मक फोटो.
जनज्वार। उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस रेडियो मुख्यालय में कार्यरत महिला पुलिस कर्मियों की स्थिति बेहद खराब है और उनका महकमे के अंदर के एक संगठित तंत्र के माध्यम से शारीरिक व मानसिक शोषण किया जाता है। इस बात का खुलासा खुद उन महिला पुलिस कर्मियों ने डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी को एक पत्र लिख कर किया है और हस्तक्षेप की मांग की है। महिला कर्मियों ने कहा है कि पुलिस कंट्रोल रूम 112 से वायरलेस में पोस्टिंग के नाम पर सौदेबाजी का दबाव बनाया जाता है।
महिला पुलिस कर्मियों ने डीजीपी को लिखे एक सामूहिक पत्र में इंगित किया है ऐसा पुलिस महकमे के अंदर के एक तंत्र द्वारा किया जा रहा है, जिसमें कुछ सीनियर महिला पुलिस कर्मी शामिल है। महिला कर्मियों ने मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए पत्र की काॅपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य वरीय अधिकारियों को भेजा है।
पत्र की काॅपी सामाजिक कार्यकर्ता व चर्चित आइपीएस अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर, राष्ट्रीय महिला आयोग व उत्तरप्रदेश महिला आयोग को भी भेजी गई है।
महिला कर्मियों ने अपने इस पत्र में लिखा है कि हम नई महिला कर्मियों की दशा देह व्यापार करने वाली महिलाओं से अधिक बदतर है। अबतक तीन लड़कियां आत्महत्या कर चुकी हैं और कई और आत्महत्या करने वाली हैं। महिला कर्मियों ने डीजीपी से व्यक्तिगत स्तर पर हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा है कि नीति बनाकर ट्रांसफर पोस्टिंग की जाए।
पत्र में लिखा गया है कि जब से यूपी 100 वर्तमान में 112 खुला है, तब से महिला कर्मियों का शोषण और बढ गया है। नई लड़कियों की छांट कर 112 में पोस्टिंग की जाती है और फिर रेडियो में उन्हें वापस लाने के लिए सौदेबाजी की जाती है। सौदेबाजी में शारीरिक शोषण का दबाव बनाया जाता है।
सीनियर महिला पुलिस कर्मियों के बारे में इसमें कहा गया है कि उनसे कोई मूल कार्य नहीं लिया जाता है और बदले में वे अफसरों व वीआइपी श्रेणी के नेताओं की सेवा पानी के लिए तैयार रहती हैं।
इस मामले में वकील व सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने सरकार से जांच कराने की मांग की है। नूतन ठाकुर ने एक पत्र भी डीजीपी को इस मामले को लेकर लिखा है। उन्होंने कहा है कि उन्हें युवा महिला पुलिस कर्मियों की शिकायत प्राप्त हुई है और इस काम में सीनियर महिला पुलिस कर्मी शामिल हैं और एक डीआइजी द्वारा यह सब किया जा रहा है।
समाजवादी पार्टी ने इस मामले में सरकार पर सवाल उठाया है और डीजीपी से मामले की जांच करा कर दोषी अफसरों पर कार्रवाई की मांग की है।