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Piyush Jain Raid मामले में योगी आदित्यनाथ को पूर्व आईएएस ने क्यों दे डाली ट्वीट डिलीट करने की सलाह?
(पूर्व IAS ने योगी को दी ट्वीट डिलीट करने की सलाह)
Kanpur News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी-2022 (UP Election 2022) विधानसभा चुनाव को लेकर काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं। वह लगातार अपने कामों को गिनाने के साथ-साथ विपक्ष को भी आड़े हाथों लेने का मौका नहीं छोड़ रहे।
बीते सोमवार को उन्होंने अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था, 'आज पैसा दीवारों से निकल रहा है, कमरे नोटों से भरे पड़े हैं। अब जनता को समझ में आ रहा होगा कि बबुआ नोटबंदी का विरोध क्यों करता था।' मुख्यमंत्री योगी के इस ट्वीट पर अब पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने प्रतिक्रिया दी, साथ ही उन्हें इसे डिलीट करने की भी सलाह दी।
महाराज जी ट्वीट डिलीट कर दीजिए, बड़े साहब से समझौता कर लिया शिखर वालों ने।
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) December 29, 2021
जिसे आप काला धन कह रहे थे वो टर्नओवर निकला। 😂 https://t.co/KKS5DgpUs0
पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ के इस ट्वीट को लेकर उल्टा उन्हीं पर निशाना साधा और लिखा, 'महाराज जी ट्वीट डिलीज कर लीजिए। बड़े साहब से समझौता कर लिया है शिखर वालों ने। जिसे आप काला धन कर रहे थे, वो टर्नओवर निकला।' पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह के इस ट्वीट पर अब सोशल मीडिया यूजर भी खूब कमेंट कर रहे हैं।
आशा श्री नाम की यूजर ने पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, 'जैसे ही पता चला कि पीयूष जैन का भाजपा से संबंध है। छापेमारी बंद कर दी गई। गजब है।' एक यूजर ने पूर्व आईएएस के ट्वीट के जवाब में लिखा, 'जो लोग सरपंच बनने के काबिल नहीं थे, उनके हाथों में देश आ गया। क्या दिन आ गए हैं भारत के।'
राजेश मौर्या नाम के यूजर ने सूर्य प्रताप सिंह के ट्वीट के जवाब में लिखा, 'ये जो पैसा था इत्र का नहीं मित्र का था। कन्फ्यूज हो गए आईटी और डीजीजीआई वाले, अब साहब की डांट भी मिलेगी।' दुर्गेश नाम के यूजर ने ट्वीट के जवाब में लिखा, 'सत्ताधारी के संरक्षण के बिना पैसा नहीं रखा जा सकता है। ये दिखाकर लोगों की भावनाओं को बदलना चाह रहे हैं सत्ताधीश।'
अब सुनो कानपुर की असली कहानी!
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) December 29, 2021
अग्रवाल और पीयूष दोनों भाजपा सरकार के संरक्षण में अपना कारोबार चला रहे हैं।
IT विभाग की हिम्मत नहीं हुई सालों में रेड डालने की क्यूँकि कृपा ऊपर से प्राप्त है शिखर पान मसाला को।
पहले IT विभाग का भ्रष्टाचार सामने आया, अब DGGI की नीयत पता चल रही है।
बता दें कि सूर्य प्रताप सिंह ने इसके अलावा एक और ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था, 'अब सुनो कानपुर की असली कहानी। अग्रवाल और पीयूष दोनों भाजपा के संरक्षण में कारोबार चला रहे हैं। आईटी विभाग की हिम्मत नहीं हुई सालों में रेड डालने की, क्योंकि कृपा ऊपर से प्राप्त है शिखर पान मसाला की। पहले आईटी विभाग का भ्रष्टाचार सामने आया, अब डीजीजीआई की नीयत पता चल रही है।'