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उत्तर प्रदेश

RLD chief Jayant Choudhary ने ट्विटर पर बदला अपना नाम, बताई ये वजह

Janjwar Desk
7 Jun 2022 10:47 AM IST
RLD chief Jayant Choudhary ने ट्विटर पर बदला अपना नाम, बताई ये वजह
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RLD chief Jayant Choudhary ने ट्विटर पर बदला अपना नाम, बताई ये वजह

आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ( RLD chief Jayant Choudhary ) ने ट्विटर पर अपना नाम सोमवार को बदल दिया है। इसकी जानकारी उन्होंने ट्विट कर दी है।

UP News : राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख और स्व. अजित सिंह चौधरी के बेटे जयंत चौधरी ( Jayant Chaudhary ) ने ट्विटर पर अपना नाम को बदल दिया है। सात जून को इसकी जानकारी उन्होंने ट्विट साझा कर सभी को दी है। जयंत चौधरी ने अपना नाम बदलकर जयंत सिंह बिश्नोई ( Jayant Singh Bishnoi ) कर दिया है।

बताई ये है वजह

जयंत सिंह बिश्नोई ( Jayant Singh Bishnoi ) ने ट्विटर पर नाम बदलने की जानकारी साझा करते हुए कहा कि क्या आप जानते हैं, मेरे नाम में चौधरी अजित सिंह ( Chaudhary Ajit Singh ) की इच्छा के अनुरूप कुमार भी है? अब मैंने माता के स्मृति में और शांतिप्रिय बिश्नोई समाज के सम्मान में जून माह के लिए ट्विटर पर नया नाम जोड़ा है। ऐसे वक्त में जब धर्म और जाति पर आधारित बंटवारों पर चर्चा है, शायद कुछ लोगों के आंखों से पर्दे उठ जाएं।

भाजपा को दी नसीहत

इसी के साथ अपने ट्विट में जयंत सिंह बिश्नोई ( Jayant Singh Bishnoi ) ने भारतीय जनता पार्टी को नसीहत भी दी है। दरअसल, भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा के एक विवादित बयान के बाद से न केवल कानपुर हिंसा घटनाएं हुई हैं, बल्कि देश और दुनिया में इसका विरोध हो रहा है। यही वजह है कि जयंत सिंह ने ताजा ट्विट में लिखा है कि शायद धर्म और जाति के आधार पर बंटवारे के समर्थकों के आंखों पर से पर्दे उठ जाएं।

जयंत सपा के समर्थन से बने राज्यसभा सांसदा

बता दें कि आरएलडी प्रमुख जयंत सिंह बिश्नोई ( RLD Chief Jayant Chaudhary ), चौधरी अजित सिंह के बेटे हैं, उनका निधन पिछले साल 6 मई, 2021 को हुआ था। अजित सिंह निधन से पहले कोरोना वायरस से भी संक्रमित हुए थे। चौधरी अजित सिंह वाजपेयी सरकार में दो साल कृषि मंत्री और 2011 में पूर्व पीएम मन मोहन सिंह नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री रह चुके हैं। वहीं इस बार आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी भी राज्यसभा सांसद बन गए हैं। उन्हें यूपी से समाजवादी पार्टी और आरएलडी गठबंधन का संयुक्त उम्मीदवार बनाया गया था लेकिन नामांकन खत्म होने के बाद 11 सीटों पर केवल 11 नामांकन हुआ था। ऐसे में सभी उम्मीदवारों का राज्यसभा सदस्य बनना तय हो गया।



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