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लखनऊ में लगी धारा 144, योगी सरकार को आशंका कि विपक्ष कर सकता है धरना प्रदर्शन
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जनज्वार। लखनऊ में धारा 144 लागू कर दी गई है। सरकार ने 144 लागू करने के पीछे का कारण विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा संविधान दिवस वाले दिन धरना प्रदर्शन इत्यादि की आशंका को ध्यान में रखते हुए बताया है। राजधानी के कमिश्नरेट क्षेत्र में किसी भी राजनीतिक दल के लोगों की आवाजाही पर भी पाबंदी लगाई गई है।
योगी सरकार द्वाा जारी आदेशों के मुताबिक राजधानी में एक दिसंबर तक धारा 144 लागू रहेगी। सरकार ने ये फैसला राजनीतिक दलों के धरने, प्रदर्शन की आशंका के अलावा कोरोना वायरस का प्रभाव बढ़ने और त्यौहारों में भीड़ जुटने को देखते हुए लिया गया बताया है। साथ ही आदेश दिया गया है कि शादी समारोह व अन्य आयोजनों के लिए कमिश्नरेट से अनुमति लेनी होगी। नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई की जाएगी।
संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था नवीन अरोरा द्वारा बुधवार 25 नवंबर को ये आदेश जारी किया गया। साथ ही आदेश में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश विधानपरिषद की खंड स्नातक और खंड शिक्षक चुनाव और काउंटिंग के मद्देनजर निषेधाज्ञा बढ़ाने का फैसला लिया गया है। इस दौरान राजनैतिक, सामाजिक और धार्मिक आयोजनों के लिए आवेदन करना होगा, जिसमें महज 100 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी जाएगी।
जेसीपी के मुताबिक 23 नवंबर को कोरोना के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई थी, जिसके तहत सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्कैनिंग, सैनेटाइजेशन और फेस मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है। नियम का उल्लघंन करने वालों के खिलाफ महामारी अधिनियम की धारा 188 के तहत विधिक कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि हरियाणा पंजाब इत्यादि तमाम राज्यों में किसान आंदोलन चरम पर है। किसान अपनी मांगों के लिए दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। भारी संख्या में लगा पुलिस बल बैरिकेडिंग लगाकर किसानों को रोकने की कोशिश कर रहा है। एहतियात के तौर पर कोरोना का बहाना लेकर ही सही योगी सरकार ने पहले ही प्रदेश में एस्मा लागू कर दिया है। इसके तहत अगले 6 महीनों तक कोई भी धरना प्रदर्शन नहीं कर सकेगा।