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यूपी : भू-माफियाओं ने किया करोड़ों का स्टांप घोटाला, कागजात में हेराफेरी कर बेच दी वक्फ की जमीन
संतोष देव गिरी की रिपोर्ट
जनज्वार ब्यूरो। उत्तर प्रदेश में भू-माफियाओं पर लगातार का साम्राज्य बढ़ता ही जा रहा है। ताजा मामला गोंडा जनपद से जुड़ा हुआ है जहां भू -माफियाओं ने अधिकारियों के साथ मिलकर करोड़ों का स्टांप घोटाला तो किया ही है, फर्जी तरीके से नगर पालिका की जमीनों पर कब्जा कर उसे ओने- पौने दामों में बेच भी दिया। यही नहीं वक्फ बोर्ड की जमीन को भी इन माफियाओं ने नहीं छोड़ा और फर्जी तरीके से वक्फ बोर्ड की जमीन का बैनामा करा कर इसकी प्लाटिंग कर दी। इन भू- माफियाओं के खिलाफ शिकायत की गई है। शिकायतकर्ता ने जिलाधिकारी गोंडा, कमिश्नर देवीपाटन मंडल सहित सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर शिकायत की है, लेकिन अभी इन माफियाओं के खिलाफ अबतक कोई भी एक्शन नहीं लिया गया है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इन दिनों लगातार भू-माफियाओं के खिलाफ एक्शन ले रही है। कई बड़े-बड़े रसूखदाओं द्वारा किए गए कब्जों को जेसीबी लगाकर हटाया जा रहा है, लेकिन अभी भी कई ऐसे भू-माफिया है जो बिना किसी डर के सरकारी जमीनों पर कब्जा कर फर्जी तरीके से बैनामा कर रहे हैं।
ताजा मामला यूपी के गोंडा के प्रधान डाकघर के बगल आईटीआई रोड का है जहां भू माफियाओं ने गाटा संख्या- 387 जमीन का फर्जी तरीके से बैनामा करा कर बेच दिया। जिसमें करोड़ों रुपए की राजस्व चोरी भी की गई। इस जमीन का सर्किल रेट 27000 प्रति वर्ग मीटर निर्धारित है, लेकिन भू- माफियाओं ने पहले इसे 400 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से बैनामा कर स्टांप घोटाला किया। इसके बाद इसी जमीन को साल 2018 में 8000 प्रति वर्ग मीटर की दर से बेचकर दो बार में करोड़ों रुपए का घोटाला किया। इसकी शिकायत डीएम से लेकर सूबे के सीएम तक पत्र द्वारा की जा चुकी है। बावजूद अभी तक इसमें कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
यही नहीं इन भू माफियाओं ने वक्फ बोर्ड की जमीन को भी फर्जी तरीके से बैनामा कराकर बेच दिया है। गाटा संख्या 386 की जमीन जो वक्फ बोर्ड के नाम था, साल 1940 में गाटा संख्या 386 की जमीन जिस का मालिकाना हक सैयद बुनियाद हुसैन नामक व्यक्ति के पास था। उसने 1940 में ही वक्फ बोर्ड को दे दी थी। लेकिन इस जमीन को भू-माफियाओं के गैंग ने फर्जी तरीके से अपने नाम कर बेच दी। शिकायतकर्ता ने अपनो शिकायती पत्र में भू माफियाओं का नाम ले लेकर बताया कि गोंडा नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष कमरुद्दीन इस पूरे प्रकरण में शामिल है। उनकी शह पर ही भू माफियाओं खलील रईस, तौफीक व अरफात ने इस पूरे खेल को अंजाम दिया है। शिकायती पत्र में शिकायतकर्ता अनिल कुमार मिश्र ने आरोप लगाते हुए कहा की भू माफियाओं ने अधिकारियों से मिलीभगत कर जमीन को फर्जी तरीके से बैनामा कर बेच दिया।
दूसरी ओर कुछ अरसा पहले नगर क्षेत्र के पथिक होटल सहित 113 दुकानें जो कि रसूखदार और विभागीय मिलीभगत से फर्जी तरीके से बनाई गई थी जिसे कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने ऐतिहासिक रूप देते हुए पथिक होटल सहित सभी दुकानें को गिराने का काम किया था। फिलहाल पूरे मामले की शिकायत जिले से लेकर शासन स्तर तक के अधिकारियों के साथ ही सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की गई है, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
गौरतलब हो कि गोंडा जिले में तमाम ऐसे मामले हैं जिनकी अगर सही ढंग से जांच हो तो सरकार को करोड़ों के राजस्व का फायदा होगा, साथ ही कई भू माफिया जेल की सलाखों के पीछे होंगे। अब देखना यह होगा कि दोबारा फर्जी तरीके से बनाए गए निर्माण को कैसे ध्वस्त किया जाता है।