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UP News : योगी के मंत्री राकेश सचान कोर्ट से आदेश की कॉपी लेकर फरार, इस मामले में ठहराये जा चुके हैं दोषी
Banda news : इमेज सुधार में जुटे कैबिनेट मंत्री राकेश सचान का गीता ज्ञान, बांदा नाव हादसे के लिए यूपी सेतु निगम जिम्मेदार
UP News : पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश ( Uttar pradesh ) से भाजपा ( BJP ) नेताओं के गैर कानूनी हरकतों को लेकर एक से बढ़कर एक मामले सामने आने का सिलसिला जारी है। नोएडा और बरेली में भाजपा नेताओं द्वारा महिलाओं से मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद अब एक और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यह एक ऐसी खबर है, जिसे सुनकर आप उस पर भरोसा नहीं कर पाएंगे। क्या आप सोच सकते हैं कि एक कैबिनेट मंत्री किसी मामले में दोषी करार देने पर अदालती आदेश की कॉपी लेकर फरार हो सकता है। नहीं न, पर ये सच है। योगी के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ( Rakesh Sachan ) अवैध हथियार ( Illegal Arms ) मामले में दोषी क्या करार दिए गए, वो आदलती कॉपी लेकर ही मौके से फरार हो गए।
योगी कैबिनेट में वरिष्ठ मंत्री राकेश सचान ( Yogi minister Rakesh Sachan ) की इस हरकत के बाद से योगी सरकार की किरकिरी हो रही है। साथ ही सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार ( Yogi Government News ) पर हमला भी बोल दिया है।
कानपुर में सीएमएम कोर्ट के आदेश पर FIR दर्ज
दरअसल, यूपी सरकार में मंत्री राकेश सचान ( Rakesh Sachan ) के खिलाफ कानपुर की एक अदालत ( Kanpur Court ) ने शस्त्र अधिनियम के तीन दशक से अधिक पुराने मामले में दोषी ठहराया था। सीएमएम कोर्ट के पेशकार ने मंत्री राकेश सचान समेत तीन लोगों के खिलाफ कानपुर में कोतवाली थाने में एफआईआर ( FIR ) के लिए तहरीर दी है। पूरे मामले में पुलिस ने जांच पड़ताल भी शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच में जो निकलकर आयेगा, उसी के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।
फैसला आने से पहले मंत्री सचान कोर्ट से फरार हो गए
बता दें कि मंत्री राकेश सचान के खिलाफ 35 साल पुराने एक मामला कोर्ट में विचाराधीन था। इस मामले में शनिवार को फैसला आना था। पूरा मामला एसीएमएम आलोक यादव के कोर्ट में चल रहा है। फैसला आने से पहले मंत्री राकेश सचान कोर्ट पहुंचे। मंत्री जी पर आरोप है कि फैसला सुनाने से पहले ही राकेश सचान मौके से भाग निकले। उनके वकील ने ऑर्डर कॉपी छीनने की कोशिश की। हालांकि, ऑर्डर कॉपी छीनने की पुष्टि किसी ने नहीं की है लेकिन कस्टडी में लेने से पहले ही मंत्री राकेश सचान अदालत से भाग निकले।
मैं कहीं फरार नहीं हुआ
इस मामले में मंत्री राकेश सचान का कहना है कि मैं कहीं भी फरार नहीं हुआ हूं। बेवजह का दुष्प्रचार किया जा रहा है। 1991 में आर्म्स एक्ट का एक मामला था जिसमें मेरे नाना के नाम का एक असलहा था, जिसको फर्जी बताते हुए उस समय पुलिस ने मुझ पर मुकदमा दर्ज किया था। उसी की आज कोर्ट में सुनवाई थी। यह मामला काफी समय से चल रहा है। मेरे वकील ने कहा कि आज पेशी पर आना है। इस वजह से मैं गया था। वकील से बात करने के बाद वापस आ गया। कोर्ट में पेशी के बाद मैं कई कार्यक्रमों में भी शामिल हुआ। शाम को पनकी में उद्यमियों की ओर से आयोजित एक बैठक में भी गया। मेरे ऊपर कोई नया मुकदमा दर्ज किए जाने की सूचना मुझे नहीं है।
यही है भाजपाइयों का असली चरित्र
एसीएमएम तृतीय कोर्ट द्वारा 31 साल पुराने मामले में कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को सजा सुनाने के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी के मंत्री राकेश सचान तथा भाजपा पर हमला बोल दिया है। सपा ने पार्टी के ट्वीटर हैंडल से लिखा है कि यूपी में कंठ तक भ्रष्टाचार में डूबे भाजपाई! योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को 35 साल पुराने चोरी के मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा। सजा सुनते ही कोर्ट से भाग निकले मंत्री महोदय। शर्मनाक! यही है भाजपाइयों का असली चरित्र। मंत्री से तत्काल इस्तीफा लें।
क्या है पूरा मामला
यह मामला 31 साल पुराना है। कानपुर के नौबस्ता में 13 अगस्त, 1991 को तत्कालीन एसओ बृजमोहन उदेनिया ने राकेश सचान के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें आरोप है कि उनके पास से राइफल बरामद हुई थी जिसका वह लाइसेंस नहीं दिखा सके। नौबस्ता में हुई छात्र नेता नृपेंद्र सचान की हत्या के मामले में भी इसी राइफल का प्रयोग किए जाने की बात सामने आई थी। मामले में सभी गवाही पूरी हो चुकी थी। मंत्री राकेश सचान लाव लश्कर के साथ सुबह कोर्ट पहुंच गए थे।
अभियोजन अधिकारी रिचा गुप्ता ने बताया कि अंतिम बहस सुनने के बाद कोर्ट ने राकेश सचान को आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दे दिया। सजा के बिंदु पर सुनवाई हो रही थी। उन्होंने एक्ट के तहत अधिकतम सजा सुनाए जाने की मांग की थी। राकेश सचान के अधिवक्ता अविनाश कटियार का तर्क था कि बरामद राइफल राकेश के नाना की थी जो उनके साथ मौजूद थे लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस ने उन पर फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया था। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट को सजा पर फैसला सुनाना था। सचान को दोषी करार दिए जाने की सूचना पर वकीलों में वेष में कुछ लोग अदालत में घुस गए और हंगामा होने लगा। इसी बीच राकेश सचान आदेश की प्रति लेकर रफूचक्कर हो गए।