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यूपी: बहराईच में पीटे गए प्रोफेसर के पक्ष में शिक्षक संघ हुआ लामबंद, कहा न्याय ना मिलने पर सीएम ऑफिस के बाहर कर लूँगा आत्मदाह
मनीष दुबे की रिपोर्ट
जनज्वार, बहराईच। उत्तर प्रदेश में बहराईच के किसान महाविद्यालय के प्रोफेसर की पिटाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। प्रोफेसर ने उसकी सुनवाई ना किए जाने पर मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह कर लेने की बात कही है। यूपी में कई एक शिक्षक संघ तथा समूहों ने शिक्षक की पिटाई पर कड़ा रूख अपनाते हुए इसे आसुरी काम बताया है। तो किसान महाविद्यालय के दर्जनो शिक्षकों ने मार खाए शिक्षक व उसे बचाने वालों के खिलाफ चिट्ठी लिखी है।
गौरतलब है कि रविवार 11 अक्टूबर को बहराईच के किसान महाविद्यालय में शिक्षक संघ के चुनाव चल रहे थे। उसी दौरान शिक्षक संघ के अध्यक्ष जटाशंकर के पुत्र छोटू ने मीटिंग में बैठे असिस्टेंट प्रोफेसर आलोक प्रताप सिंह पर जानलेवा हमला कर दिया था। छोटू इसी कॉलेज में क्लर्क के पद पर तैनात बताया जाता है। आरोप था कि छोटू ने आलोक प्रताप सिंह से महामंत्री पद से नाम वापस ना लेने पर प्रोफेसर को लात-घूँसों से बेदम होने तक पीटा था। जिसकी खबर 'जनज्वार' में प्रमुखता से छपी थी। 'जनज्वार' पर खबर लगने के बाद प्रदेश के कई एक शिक्षक संघों ने पत्र लिखकर कड़ा विरोध जताते हुए कार्यवाही की मांग की है।
बहराईच में प्रोफेसर आलोक प्रताप सिंह पर हुए जानलेवा हमले के मामले में वीर बहादुर सिंह पुर्वांचल विश्वविद्यालय शिक्षक संघ जौनपुर के अध्यक्ष व महामंत्री ने घोर निंदा की है। साथ ही इस आचरण को आसुरी बताया है। चौधरी चरन सिंह यूनिवर्सिटी टीचर एशोसिएशन ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ (SUACTA) ने दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग की है। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर महाविद्यालय शिक्षक संघ (GUACTA) ने शिक्षक से दुर्वव्यवहार के सम्बंध में जोरदार प्रतिरोध करने की बात कही है।
वहीं दूसरी तरफ अनुदानित स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ किसान स्नातकोत्तर महाविद्यालय बहराईच के दर्जनो शिक्षकों ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया है कि कुछ नियमित शिक्षकों द्वारा स्ववित्तपोषित शिक्षकों से अभद्र व्यवहार किया जाता है। एस चिट्ठी में मार खाने वाले प्रोफेसर आलोक प्रताप सिंह, उन्हें पिटने से बचाने वाले शिक्षक आशुतोष शुक्ला सहित विवेक कुमार जायसवाल व गोपाल कृष्ण शुक्ला पर विद्यालय का माहौल बिगाड़ने का आरोप है। चार पेज की इस एप्लीकेशन के आखिरी पेज पर दर्जनो की संख्या में हस्ताक्षर हैं, जो आरोपियों के एकाधिकार को साफ बयान करते हैं।
मामले में पीड़ित शिक्षक आलोक प्रताप सिंह ने प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन को पत्र लिखा है। पत्र में प्रोफेसर ने लिखा है कि घटना के बाद जब वह घर गए तो पत्नी उनकी लगीं चोटों को देखकर फफककर रोने लगी और अचेत होकर गिर पड़ी। सभी शिक्षकों व प्राचार्यों के सामने उन्हें पीटा गया। पिछले डेढ़ साल में प्रबंध तंत्र द्वारा नियमित शिक्षकों के साथ मारपीट की यह तीसरी घटना है। प्रोफेसर ने अपने पत्र में आगे लिखा कि प्रबंध तंत्र समर्थित लोगों द्वारा मेरे उपर किए गए जानलेवा हमले के बाद लगातार पुलिस और थाने का चक्कर लगाने के बाद 13 अक्टूबर को एफआईआर दर्ज की गई है। साथ ही साथ उनके और उनके शिक्षक साथियों पर क्रास एफआईआर लिखकर पुलिस मामले को दबाने में लगी है।
प्रोफेसर आलोक प्रताप ने बताया कि महज उनका साथ देने पर ही प्रबंध तंत्र व उनके समर्थित लोग उनके उन्य साथियों पर भी गलत आरोप लगा रहे हैं। उन्होने कहा कि वह घटना के बाद हर तरह से हताश हो चुके हैं। आलोक प्रताप ने सभी शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि 'मैं आप सभी के सहयोग से इस अन्याय के खिलाफ खड़ा हूँ, सभी लोग सहयोग कर उनको न्याय दिलाने में मदद करें। उन्होने कहा कि प्रबंध तंत्र समक्षौता करने का पूरा जोर लगा रहा है। लेकिन यह एक शिक्षक के मान-सम्मान के साथ विश्वासघात होगा। ऐसे में अगर मुक्षे न्याय नहीं मिला तो सिर्फ आत्मदाह करना ही उनके आगे एकमात्र विकल्प होगा।'