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यूपी के कॉलेज में प्रोफेसर की बेहोश होने तक लात—जूतों से पिटाई, शिक्षक संघ चुनाव में विवाद का मामला
जनज्वार। उत्तर प्रदेश के बहराईच में किसान पीजी कॉलेज में अर्थशास्त्र के असिस्टेंट प्रोफेसर पर कुछ अराजक तत्वों ने जानलेवा हमला कर दिया। प्रोफेसर जब तक गिरकर बेसुध नहीं हो गए तब तक उन्हें पीटा जाता रहा। प्रोफेसर को पीटने के बाद उन्हें इसकी शिकायत करने पर लगातार जान से मारने की धमकी दी जा रही है।
दरअसल बहराईच के किसान महाविधालय में रविवार 11 अक्टूबर को शिक्षक महासंघ का चुनाव था। लगभग 11 बजे बैठक की कार्यवाही शुरू हुई। बताया जा रहा है कि इसी दौरान प्रबंध समिती किसान पीजी कॉलेज के अध्यक्ष जटाशंकर का छोटा लड़का देवेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ छोटू अपने कई साथियों के साथ बैठक में घुस जाता है। देवेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ छोटू घुसते ही अपने साथियों के साथ विधालय के प्रोफेसर आलोक प्रताप सिंह पर हमला कर देता है। देवेन्द्र सिंह उर्फ छोटू इसी विधालय में क्लर्क के पद पर कार्यरत बताया जा रहा है।
हमले में घायल प्रोफेसर आलोक प्रताप सिंह ने जनज्वार संवाददाता से हुई बातचीत में बताया कि शिक्षक संघ का चुनाव होना था, जिसमें तीन महाविद्यालयों की भागीदारी थी। इस चुनाव में उन्हें महामंत्री पद के लिए चुना गया था। आलोक प्रताप कहते हैं कि उन्हें चुने जाने के बाद शिभक संघ के अध्यक्ष जटाशंकर के पुत्र देवेन्द्र उर्फ छोटू का फोन आता है। छोटू हाल-चाल पूछने के बाद उनसे महामंत्री पद के लिए अपना नाम वापस लेने को कहता है। अगले दिन वोटिंग थी, जिसके चलते प्रोफेसर आलोक नाम वापस लेने के लिए मना कर देते हैं।
नाम वापस लेने की मना करने पर देवेन्द्र उर्फ छोटू प्रोफेसर को देख लेने की धमकी देता है। धमकी देने के अगले दिन कार्यवाही की बैठक के दौरान देवेन्द्र उर्फ छोटू अपने कई साथियों के साथ प्रोफेसर आलोक प्रताप पर जानलेवा हमला कर देता है। अचानक हुए हमले में बैठक में शामिल सभी शिक्षक इधर-उधर भाग कर अपनी जान बचाते हैं। हमले में प्रोफेसर को अत्यधिक चोटें आई हैं। बताया जा रहा है कि प्रोफेसर जब तक गिरकर बेसुध नहीं हो गए हमलावरों ने मारना नहीं छोड़ा। मारपीट के दौरान शिक्षक आशुतोष शुक्ला लगातार प्रोफेसर आलोक को बताने का निष्फल प्रयास किया लेकिन हमलावरों ने बेहोश होने तक प्रोफेसर की पिटाई की।
घटना के बाद शिक्षकों में रोष है। प्रोफेसर राजेश मिश्रा ने जनज्वार से कहा कि 'नियम के अनुसार परिवार का कोई भी व्यक्ति अंशकालिक पद पर नहीं रह सकता। बावजूद इसके प्रबंध समिति का मुखिया होते हुए भी जटाशंकर का पुत्र वहां अंशकालिक रूप से क्लर्क है। साथ ही उसे प्रशासनिक अधिकारी के रूप में अलग से एक केबिन दिया गया है। मामले को इस प्रकार से देखा जाए तो एक सरकारी पद पर तैनात प्रोफेसर को गैर सरकारी व्यक्ति द्वारा मारा गया है। यह बेहद ही शर्मनाक व निंदनिय घटना है।
प्रोफेसर आलोक प्रताप सिंह व उनके शिक्षक मित्रों का कहना है कि सरकार को मामले में संज्ञान लेकर विधिक कार्यवाही करनी चाहिए। आरोपी पर जानलेवा हमला करने पर 307 की धारा लगाकर साथियों सहित गिरफ्तार करके जेल में डालना चाहिए। आलोक प्रताप ने इस सम्बंध में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राम मनोहर लोहिया अवध विशवविधालय, अयोध्या के कुलपति, जिलाधिकारी बहराईच, निदेशक उच्च शिक्षा प्रयागराज सहित क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी लखनऊ को पत्र लिॆककर मामले की शिकायत की है।