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उत्तरप्रदेश : पुलिस ने ज्ञानपुर के बाहुबली विधायक विजय मिश्रा पर लगाया गुंडा एक्ट
जनज्वार। कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे के कारनामों के बाद उत्तरप्रदेश की पुलिस एक्टिव मोड में आती दिख रही है। इसी क्रम में पुलिस ने भदोही के बाहुबली विधायक विजय मिश्रा पर गुंडा एक्ट लगा दिया है।
पुलिस ने यह कार्रवाई टोल प्लाजा के मामले में एक व्यापारी गोपाल कृष्ण माहेश्वरी को धमकी देने वाला आडियो वायरल होने के बाद की है। पुलिस ने उनके खिलाफ 71 मामलों की लिस्ट भी जारी की है। पुलिस ने मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की है।
टोल प्लाजा लालानगर संचालक को धमकी देने और रंगदारी मांगने के आरोप में विजय मिश्र के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। उनके खिलाफ औराई कोतवाली में गुंडा नियंत्रण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी गई है।
एसपी रामबदन सिंह ने इस संबंध में शनिवार (18 July 2020) को कहा है कि विधायक अपने लोगों को टोल प्लाजा लालानगर का टेंडर दिलवाना चाहते थे, जिनके नाम से वह टोल प्लाजा लेना चाहते थे उन्हें नहीं मिला।
पुलिस के अनुसार, विजय मिश्रा लालानगर का टोल प्लाजा लेना चाहते थे, पर वे नहीं ले पाए और उसे जवाहर लाल गुप्ता ने ले लिया, उसमें गोपी कृष्ण माहेश्वरी का पैसा लगा हुआ है। इसके बाद विजय मिश्रा की ओर से उस टोल प्लाजा का लेकर स्थानीय प्रशासन व प्रदेश से लेकर केंद्र तक शिकायत की गई कि इसमें बहुत गड़बड़ी है, भ्रष्टाचार है, लेकिन वह सही नहीं पाया गया।
फिर हमें एक आडियो क्लिप मिला जिसमें गोपी कृष्ण माहेश्वरी को विधायक द्वारा धमकी दी जा रही है, जान से मारने की धमकी दी जा रही है, हमारे बीट कांस्टेबल ने इस मामले में माहेश्वरी को शिकायत दर्ज करवाने को कहा तो उन्होंने कहा कि मेरी हिम्मत नहीं है कि इस आदमी के खिलाफ शिकायत दर्ज करायें, क्योंकि यह बहुत गुंडा आदमी है। उसके बाद हमने इस मामले में विधायक के खिलाफ गुंडा एक्ट लगाया है और उसकी चलानी रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दिया है।
विजय मिश्रा भदोही की ज्ञानपुर सीट से विधायक हैं। वे यहां से 2002, 2007 व 2012 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतते रहे हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव ने उनका टिकट काट दिया जिसके बाद वे निषाद पार्टी के टिकट पर लड़े और विजयी हुए।
विजय मिश्रा शुरुआत में कांग्रेस से जुड़े हुए थे। उन्होंने एक इंटरव्यू में दावा किया था कि राजीव गांधी से उनके अच्छे संबंध थे। बाद के दिनों में वे मुलायम सिंह यादव के करीबी हो गए।