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Yogi के गृहनगर में खनन माफियाओं के हौसले बुलंद, गोनघट में दिन ढलते ही शुरू हो जाता है अवैध खनन

Janjwar Desk
11 Jun 2022 6:54 AM GMT
Yogi के गृहनगर में खनन माफियाओं के हौसले बुलंद, गोनघट में दिन ढलते ही शुरू हो जाता है अवैध खनन
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Yogi के गृहनगर में खनन माफियाओं के हौसले बुलंद, गोनघट में दिन ढलते ही शुरू हो जाता है अवैध खनन

गोरखपुर ( Gorakhpur ) में खनन माफियाओं का नेटवर्क इतने मजबूत हैं कि उनके मर्जी के बगैर वहां कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता।

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath ) इस बात का दावा करते हैं कि यूपी ( UP ) में कानून का शासन है लेकिन उनके गृह नगर Gorakhpur में ही खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। गोरखपुर के बड़हलगंज थाना क्षेत्र में सरयू नदी के किनारे दिन ढलते ही गोनघट गांव ( देवारा ) में पुलिस और खनन विभाग के मिलीभगत से बालू का अवैध खनन ( illegal mining ) अप्रैल माह से धड़ल्ले से चल रहा है।

शाम से तड़के सुबह तक जारी रहता है अवैध खनन का कारोबार

गोनघट गांव में यह खनन ( illegal sand mining ) गांव के प्राथमिक विद्यालय से लगभग 200 मीटर दूरी पर हो रहा है। यहां से प्रतिदिन लगभग पचासों ट्रक बालू पोकलैंड और जेसीबी से निकाला जा रहा है। दिनभर ट्रक खड़ी रहती है। शाम होते ही इन मशीनों से बालू निकालकर ट्रकों पर भरा जाता है। ये सिलसिला तड़के सुबह तक चलता रहता है।

दूसरे जिले का मामला बता अधिकारी झाड़ लेते हैं पल्ला




गोरखपुर के बगल में मऊ जिला का रोशनपुर सरफोरा गांव पड़ता है। यहां पहुंचने का रास्ता भी उसी गांव से होकर गुजरता है। खनन माफियाओं के रेत भरे ट्रक मधुबन थाना की पुलिस के सामने से गुजरते रहते हैं। लोगों के द्वारा अवैध खनन के बारे में शिकायत करने पर भी थाना पुलिस दूसरे जिले का मामला बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं। बताया जाता है कि इस काली कमाई का हिस्सा मऊ और गोरखपुर में नीचे से ऊपर तक जाता है। गोरखपुर के खनन निरीक्षक जितेंद्र शर्मा से बार-बार संपर्क करने का प्रयास के बावजूद उनकी ओर से कोई रिस्पांस नहीं मिला है। कोई रिस्पांस नहीं मिला है।

योगी के राज में खनन माफिया बेखौफ

संभवत: इसी का नतीजा है कि गोनघट सरयू नदी घट पर पूरी रात कारोबारी बेफिक्र होकर खनन करवाते हैं। दूसरी तरफ संबंधित विभाग अवैध खनन ( Illegal sand mining )पर रोक के दावे करने से नहीं चूकता। इस मसले पर कोई आला अफसर बोलने को तैयार नहीं है। पिछले माह 17 मई को दोहरीघाट थाने में पकड़ी गई चार ट्रकें आज भी इसके सबूत हैं। कारोबारियों के नेटवर्क इतने मजबूत हैं कि उनके मर्जी के बगैर वहां कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता।

सैकड़ों गांव पर मंडरा रहा है डूब का खतरा

बता दें कि पूर्व वर्ष यहां सरयू नदी में आई बाढ़ से पूरा क्षेत्र डूब गया था। बगल स्थित मऊ जिला का सूरजपुर परसिया बांध में भी दरार आ गई थी। लोग भयभीत होकर अपने सुरक्षित ठिकाने की ओर पलायन करने लगे थे। अब इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर खनन से खाई बन गईं है। अबकी बाढ़ आने पर पानी का प्रवाह तेज रहेगा। ऐसे में बांध टूटने की आशंका है। अगर ऐसा हुआ तो मऊ और देवरिया जिला के सूरजपुर, रोशनपुर सरफोरा, चकउथ, खजुहा मित्तनपुर, सिकड़ीकोल, सरगापुर, मेंहदियाकुंड, नूरलाहपुर, विसुनपुरा आदि सैकड़ो गांव डूब जाएंगे।


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