यूपी पुलिस की फर्जी गिरफ्तारियों पर उत्तराखंड की अधिकारी का बड़ा बयान - कहा निर्दोष को पकड़ डाल देती है जेल में
यूपी पुलिस की फर्जी गिरफ्तारियों पर उत्तराखंड की अधिकारी का बड़ा बयान - कहा निर्दोष को पकड़ डालती है जेल में
Dehradun News : बीती सप्ताह यानि 12 अक्टूबर की रात मुरादाबाद पुलिस एक माफिया को पकड़ने के लिए उत्तराखंड के जसपुर में छापा मारने गई थी। गांव वालों ने पुलिस को घेर लिया। दोनों तरफ से फायरिंग हुई जिसमें जसपुर के बीजेपी नेता गुरताज की पत्नी की हत्या हो गई। आरोप है कि महिला की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई है। अब इस मामले में यूपी ( UP Police ) और उत्तराखंड सरकार ( Uttarakhand government ) के वरिष्ठ नौकरशाहों के बीच वाक-युद्ध जारी है। ताज्जुब की बात ये है कि दोनों ही राज्य में भाजपा ( BJP ) की सरकार है। इसके बावजूद ये हालात पैदा हो गए है कि यूपी और उत्तराखंड प्रशासन आमने सामने हैं।
अब इस मामले में उत्तराखंड की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी (Uttarakhand ACS Radha Raturi) ने मीडिया को बताया कि यूपी की पुलिस आमतौर पर निर्दोष लोगों को पकड़ लेती है और फिर जांच पूरी होने का दावा करती है। ये गलत है। आगर आप एक निर्दोष व्यक्ति को सजा देते हैं तो इसके कारण 99 अन्य अपराधियों का जन्म होता है। सही कदम उठाए जाने जरूरी हैं और जिन्होंने वाकई अपराध किया है, उन्हें ही सजा होनी चाहिए।
एसीएस रतूड़ी का बयान तथ्यों पर आधारित नहीं है : प्रशांत कुमार
रतूड़ी के इस बयान पर यूपी पुलिस ने आपत्ति जताते हुए कहा कि उत्तराखंड पुलिस को इस तरह का गैर-जिम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए। यूपी के एडीजी (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ( ADG prashant Kumar ) ने कहा कि यूपी पुलिस ने अपराध और अपराधियों के प्रति कार्रवाई करके एक नजीर प्रस्तुत की है। यूपी पुलिस उत्तराखंड सरकार से मांग करती है कि इस तरह के गैर जिम्मेदाराना बयान पर रोक लगाई जाए। उत्तराखंड एसीएस गृह का बयान खेदजनक है और तथ्यों पर आधारित नहीं है। मुख्तार अंसारी और विजय मिश्रा, जिन्हें न्यायालय ने सजा दी है, क्या वे निर्दोष लगते हैं? क्या जफर जो खनन माफिया है, वो निर्दोष लगता है?
हम तो केवल ये चाहते हैं कि निर्दोष को सजा न मिले
Uttarakhand News : प्रशांत कुमार के बयान के बाद एक बार फिर से उत्तराखंड की अपर मुख्य सचिव राधा रत़ड़ी ने अपनी सफाई में कहा कि यूपी पुलिस अच्छा काम कर रही है और वो आशा करती हैं कि किसी मामले में कोई निर्दोष व्यक्ति नहीं फंसेगा। पुलिस को सिर्फ दोषियों के खिलाफ ही कार्रवाई करनी चाहिए। अपराध की सही विवेचना होनी चाहिए और सही लोगों को सजा मिलनी चाहिए।