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उत्तराखंड

Ankita Murder Case : अंतिम संस्कार के लिए शाम को राजी हुए अंकिता के परिजन, दिनभर तनाव के बाद प्रशासन ने ली राहत की सांस

Janjwar Desk
25 Sept 2022 7:52 PM IST
Ankita Murder Case : अंतिम संस्कार के लिए शाम को राजी हुए अंकिता के परिजन, दिन भर तनाव के बाद प्रशासन ने ली राहत की सांस
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Ankita Murder Case : अंतिम संस्कार के लिए शाम को राजी हुए अंकिता के परिजन, दिन भर तनाव के बाद प्रशासन ने ली राहत की सांस

Ankita Murder Case : भाजपा नेता के बेटे पुल्कित के हाथों मौत का शिकार बनी अंकिता भंडारी का अंतिम संस्कार करने पर परिजन रविवार की शाम को राजी हो गए। खबर भेजे जाने तक अंकिता का शव मोर्चरी से निकालकर शमशान घाट ले जाया जा रहा था, जहां उसका आंटी संस्कार होने वाला है।

Ankita Murder Case : भाजपा नेता के बेटे पुल्कित के हाथों मौत का शिकार बनी अंकिता भंडारी का अंतिम संस्कार करने पर परिजन रविवार की शाम को राजी हो गए। खबर भेजे जाने तक अंकिता का शव मोर्चरी से निकालकर शमशान घाट ले जाया जा रहा था, जहां उसका आंटी संस्कार होने वाला है। अंकिता की हत्या के बाद से लोगों में भारी उबाल है। जिस वजह से अंकिता के शव को पोस्टमार्टम के बाद से ही श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के मोर्चरी में रखा गया था। जहां पर स्थानीय लोगों का जमावड़ा लगा था। आक्रोशित लोगों ने मोर्चरी का घेराव करते हुए बद्रीनाथ हाइवे जाम कर रखा था। करीब एक हजार वाहन इस जाम में फंसे हुए थे। लोगों के तेवर देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।

उत्तराखंड में अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद लोगों में भारी रोष है। अंकिता भंडारी के परिजनों ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। परिजन पोस्टमार्टम की फाइनल रिपोर्ट आने पर ही अंकिता की अंत्येष्टि पर अड़े हुए थे। जिले में भाजपा के छः विधायक होने के बाद भी अंकिता के परिजनों को ढांढस बंधाने और अंतिम संस्कार में किसी के भी शामिल न होने से लोगों का आक्रोश और बढ़ गया है। हत्यारे के भाजपा पृष्ठभूमि से होने के कारण भारतीय जनता पार्टी से जुड़े विधायकों को विरोध का डर सता रहा है। बीते रोज भी जब यमकेश्वर विधायक रेनू बिष्ट एम्स ऋषिकेश पहुंचीं तो लोगों ने जोरदार विरोध करते हुए आक्रोशित भीड़ ने विधायक रेनू बिष्ट की गाड़ी पर तोड़फोड़ भी की। माहौल खराब होता देख विधायक वहां से निकल गईं। माना जा रहा है कि लोगों के गुस्से से बचने और अपने विरोध और प्रदर्शन के चलते मंत्री और विधायक दूरी बना रहे हैं।

रविवार की सुबह से ही शासन-प्रशासन परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए मनाने में जुटा हुआ था। लेकिन उसे सफलता शाम उस समय मिली है, जब इस मामले में मुख्यमंत्री का सीधा दखल हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के आश्वासन के बाद अंकिता का शव अन्तिम संस्कार के लिये ले जाया गया है। धामी ने कहा है कि परिवार की मांग मान ली गई है। मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी। इसके अलावा पोस्टमार्टम की डिटेल्स रिपोर्ट भी परिवार को दी जाएगी। अंकिता के पिता की अपील पर लोगों ने बद्रीनाथ हाइवे से जाम हटा लिया है।

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