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उत्तराखंड

Ankita Murder Case: अंकिता हत्याकांड की कवरेज पर पत्रकार को मिली जान से मारने की धमकी

Janjwar Desk
26 Sep 2022 1:56 PM GMT
Ankita Murder Case: अंकिता हत्याकांड की कवरेज पर पत्रकार को मिली जान से मरने की धमकी, विनोद आर्य बोल रहा हूँ केस को भी निबटा देंगे और तुमको भी
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Ankita Murder Case: अंकिता हत्याकांड की कवरेज पर पत्रकार को मिली जान से मरने की धमकी, "विनोद आर्य बोल रहा हूँ केस को भी निबटा देंगे और तुमको भी"

Ankita Murder Case: पूरे देश को शर्मसार कर देने वाले ऋषिकेश के अंकिता हत्याकांड की धारदार रिपोर्टिंग पर प्रशासन पर दबाव बनाने वाले पत्रकारों पर भी अब अंकिता हत्याकांड को अंजाम देने वाले अपराधियों के पैरोकारों की नजरें गड़ गई हैं।
सलीम मलिक की रिपोर्ट

Ankita Murder Case: पूरे देश को शर्मसार कर देने वाले ऋषिकेश के अंकिता हत्याकांड की धारदार रिपोर्टिंग पर प्रशासन पर दबाव बनाने वाले पत्रकारों पर भी अब अंकिता हत्याकांड को अंजाम देने वाले अपराधियों के पैरोकारों की नजरें गड़ गई हैं। हत्याकांड की रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों को धमकियां देने का सिलसिला एक न्यूज पोर्टल के संपादक आशुतोष नेगी से शुरू हो चुका है। अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वह पत्रकार को खुलेआम धमकी देते हुए केस और पत्रकार दोनों को निपटा देने की धमकी दे रहे हैं।

जनज्वार से बात करते हुए आशुतोष नेगी ने बताया कि सारे धमकी भरे फोन एक के बाद एक करके आज ही आए हैं। अभी पुलिस को विधिवत शिकायत नहीं दी गई है। कुछ देर में वह देहरादून के डालनवाना थाने में इन सभी नंबर की शिकायत दर्ज करवाने जा रहे हैं।

अंकिता हत्याकांड को लेकर प्रशासन की भूमिका शुरू से ही संदिग्ध रही थी। मामले में प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता के कारण राजस्व पुलिस ने इस मामले को बेहद हल्के से लिया। जिस वजह से पूरे देश को दहला देने वाली इस घटना को समय रहते घटित होने से नहीं रोका जा सका।


हाई प्रोफाइल मामले की धारदार और खोजपरक रिपोर्टिंग के कारण ही प्रशासन की मामले में सक्रियता बढ़ी। जिसके चलते सत्ताधारियों का संरक्षण प्राप्त इन हत्यारों को जेल भेजा जा सका। तीखे तेवर वाली पत्रकारिकता के चलते हत्यारोपियों को तो जेल जाना ही पड़ा, भारतीय जनता पार्टी से जुड़े नेताओं का भी पर्दाफाश हुआ, जिससे पूरी सरकार असहजता की स्थिति में पहुंच गई।

लेकिन अब इस मामले का सनसनीखेज अपडेट यह है कि हत्याकांड की तथ्यपरक रिपोर्टिंग करने की वजह से देहरादून के एक वरिष्ठ पत्रकार हत्यारोपियों के निशाने पर हैं। जागो उत्तराखंड न्यूज पोर्टल के संपादक आशुतोष नेगी नाम के पत्रकार को कई अलग-अलग नंबरों से न केवल धमकी मिलनी शुरू हो गई है, बल्कि उनके घर के इर्द-गिर्द संदिग्ध लोगों की आवाजाही हो रही है। आशुतोष को अभी तक तीन फोन नंबर से इस हत्याकांड की बाबत फोन आ चुके हैं। जिसमें पहला फोन +912250995230 से आया गया बताया गया है। इस नंबर से फोन करने वाले ने कहा कि "विनोद आर्य बोल रहा हूँ केस को भी निबटा देंगे और तुमको भी !"।

एक अन्य नंबर +912250172153 से भी आशुतोष को धमकी भरा यह संदेश मिला है कि "कितनी भी खबर चला लो पुलकित भाई दो चार दिन में बाहर आ जायेगा", फोन करने वाले ने पूछने पर "इसको धमकी समझो" कहकर फोन काट दिया।

तीसरा फोन यमकेश्वर की भाजपा विधायक रेनू बिष्ट की पैरवी करता +919594795839 नम्बर आया। जिसमें फोन करने वाले ने धमकी भरे शब्दों में कहा कि "रेणु बिष्ट (स्थानीय विधायक) के खिलाफ़ गलत खबर मत उठाओ, बीजेपी की सरकार है कुछ नहीं होने वाला !"।

इस मामले में आशुतोष नेगी यह सब धमकियां मिलने के बाद एक वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर डालते हुए कहा है कि पुल्कित के जिस रिजॉर्ट में अंकिता भंडारी कार्यरत थी, वहां संघ परिवार के भी तमाम लोगों का आना-जाना लगा रहता था। सभी मामलों को वह लोगों के सामने लाएंगे।

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