Dehradun News: BJP सांसद अजय टम्टा की पत्नी का नियम के विरुद्ध हुआ ट्रांसफर, सरकार सवालों के घेरे में
सलीम मालिक की रिपोर्ट
Dehradun News: विधानसभा चुनाव की ओर बढ़ रहे उत्तराखण्ड में भाजपा सांसद की अध्यापक पत्नी के सुदूर पिथौरागढ़ इलाके से देहरादून हुए ट्रांसफर से प्रदेश सरकार एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गयी है। सत्ता की हनक में हुए इस ट्रांसफर पर उंगलियां उतनी शुरू हो गयी हैं। लोग आरोप लगा रहे हैं कि गंभीर रूप से बीमार अथवा किसी परिस्थितियों से लाचार शिक्षक भले ही तबादले के लिए सरकार और विभागीय मुख्यालयों में चप्पलें घिस रहे हों, मगर सरकार ने एक सांसद की पत्नी के लिए नियमों को दरकिनार करते हुए यह तबादला किया है।
बता दे कि अल्मोड़ा के भाजपा सांसद अजय टम्टा की शिक्षिका पत्नी सोनल टम्टा राजकीय इंटर कालेज जुम्मा, जिला पिथौरागढ़ में अंग्रेजी विषय की लेक्चरर पद पर बीते सात साल से कार्यरत हैं। टम्टा का तबादला एससीईआरटी देहरादून में प्रवक्ता के रिक्त पद पर प्रतिनियुक्ति अथवा सेवा स्थानांतरण के रूप में कर दिया है। जिस जुमा गांव में सांसद की पत्नी बतौर शिक्षिका तैनात थीं, इस गांव में बीते साल आयी भयानक आपदा के बाद सांसद ने इस गांव को गोद भी लिया है। जिस वजह से इस तबादले पर और अधिक उंगलियां उठ रहीं हैं।
वैसे एक हैरान करने वाली बात यह भी है कि कि सरकार राज्य में तबादला सत्र को शून्य घोषित कर चुकी है। अब विभाग सिर्फ उन लोगों के तबादले ही कर सकता है जो विधवा हैैं, गंभीर रूप से बीमार हैैं अथवा विधुर शिक्षक हैैं। उनके अनुरोध पर ही ट्रांसफर पर विचार किया जा सकता हैं।
लेकिन यहां बैठक होने से पहले ही शिक्षा विभाग ने यह कारनामा कर दिखाया जिसकी प्रदेश भर में चर्चा शुरू हो गई है। मानक और नियमों की श्रेणी में न आते हुए भी राजकीय इंटर कालेज जुम्मा, जिला पिथौरागढ़ में कार्यरत अंग्रेजी विषय की लेक्चरर सोनल टम्टा का तबादला एससीईआरटी देहरादून में प्रवक्ता के रिक्त पद पर प्रतिनियुक्ति अथवा सेवा स्थानांतरण के रूप में कर दिया है। शासन के पत्र के आधार पर शिक्षिका के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में अपर निदेशक एसपी खाली ने ट्रांसफर आदेश जारी किए हैं।
इस मामले को कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने उठाते हुए इसे भाजपा की कथनी और करनी में अन्तर बताया है। धामी ने अपनी फेसबुक पोस्ट पर लिखा है 'माननीय सांसद अजय टम्टा जी ने अपने गोद लिए गाँव से अपनी शिक्षिका पत्नी का स्थानांतरण देहरादून करवा लिया है। बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का अधिकार किसने दिया आपको ?'
वहीं इस पोस्ट पर भारत सिंह आर्य ने टिप्पणी करते हुए कहा कि जुम्मा के छात्रों के साथ न्याय हुआ। चलो नया अध्यापक तो मिलेगा। वह भौतिक रूप से जुम्मा में थी ही नही। जबकि कृष्णा सिंह कार्की का कहना है कि इनके जाने में ही फायदा है। क़ोई नया टीचर आकर पढ़ाएगा तो सही। यह तो बिना पढ़ाये ही 7 साल से तनख्वाह ले रहीं थी। अब कम से कम पद रिक्त तो माना जाएगा।