Dehradun News: नशामुक्ति केन्द्र हैं या अय्याशी के अड्डे? छापे में मिल रही हैं यौनवर्धक दवाएं!
Dehradun News: नशामुक्ति केन्द्र हैं या अय्याशी के अड्डे? छापे में मिल रही हैं यौनवर्धक दवाएं!
Dehradun News: बीते वर्ष अगस्त में देहरादून के नशामुक्ति केंद्रों में अनियमितताएं मिलने के बाद कुमाऊं के नशामुक्ति केन्द्र भी संदेह के दायरे में आ गए हैं। एक सेंटर पर छापामार कार्यवाही के दौरान सरकारी टीम को यौनवर्धक, गर्भनिरोधक दवाइयां तक मिली हैं। इस सेंटर पर एक रोगी की संदिग्ध मौत के बाद छापा मारा गया था। जिससे पता चला कि यह नशा मुक्ति केंद्र नशा छुड़ाने की जगह मरीजों को और बीमार बना रहे हैं। यहां न तो इलाज की बेहतर सुविधाएं हैं और न ही डिग्रीधारी डॉक्टर्स। प्रशासन ने एक केंद्र को सील कर दिया। जबकि दूसरे केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
जानकारी के अनुसार चकरपुर खटीमा निवासी पूर्व सैनिक एवं व्यापारी लक्ष्मी दत्त कापड़ी ने अपने बेटे सूरज को 15 मई को सितारगंज के नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था। बीते शनिवार को सूरज की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। इसके बाद परिजनों ने नशा मुक्ति केंद्र संचालक पर सूरज से मारपीट कर हत्या की तहरीर सितारगंज पुलिस को दी तो स्वास्थ्य विभाग की नींद टूटी। विभाग ने क्षेत्र के नशा मुक्ति केंद्रों पर छापेमारी की तो तमाम अनियमितताओं का खुलासा हुआ। जीवनदान नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीम को गर्भ निरोधक और सेक्सवर्धक दवाएं, नशे के इंजेक्शन आदि आपत्तिजनक सामान मिले। टीम ने केंद्र को सील करने के बाद उसमें रह रहे तीन मरीजों को सरकारी अस्पताल में शिफ्ट कर दिया है। माना जा रहा कि केंद्र में वैश्यावृत्ति का खेल चल रहा था।
एसीएमओ डॉ. तपन कुमार शर्मा, तहसीलदार जगमोहन त्रिपाठी ने पुलिस, स्वास्थ्य और औषधि विभाग के अधिकारियों के साथ चिंतीमजरा मोहल्ले में नुकलिया मार्ग पर स्थित जीवनदान नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र पर छापा मारा। टीम ने केंद्र के अभिलेखों की जांच और मरीजों को दी जाने वाली दवाओं आदि की जानकारी ली। वहां मौजूद महिला ने टीम को बताया कि केंद्र के तीन पार्टनर हरजेंद्र सिंह, वाहिद अली, साजिम अंसारी हैं। तीनों पार्टनर मौके पर नहीं मिले। केंद्र में तीन मरीज भर्ती मिले, लेकिन उनकी कोई केस हिस्ट्री नहीं मिली थी। जांच टीम को मौके पर गर्भ निरोधक दवाएं, नशे की गोलियां, दर्द निवारक इंजेक्शन समेत तमाम प्रतिबंधित दवाएं मिलीं। टीम को केंद्र का पंजीकरण भी नहीं मिला और वहां रह रहे मरीजों के इलाज व देखभाल के लिए भी कोई डॉक्टर तैनात नहीं था। मरीजों के कक्ष में नशे की औषधियां, बीड़ी, सिगरेट पड़ी थीं। औषधि विभाग के वरिष्ठ निरीक्षक डॉ. सुधीर कुमार ने आपत्तिजनक सामान को जब्त कर केंद्र सील कर दिया। चिकित्साधीक्षक डॉ. राजेश आर्या ने बताया कि केंद्र संचालकों व डॉक्टर के न मिलने से पूछताछ नहीं हो सकी। जांच के बाद केंद्र संचालकों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
नशा मुक्ति केंद्र में मिले 40 मरीज, नोटिस जारी
बिजटी स्थित नवजीवन नशा मुक्ति केंद्र में 40 मरीज मिले हैं। प्रशासन ने केंद्र संचालक को नोटिस जारी किया है। केंद्र संचालक से यहां मरीजों को देखने वाले चिकित्सक और पंजीकरण समेत अन्य जानकारियां मांगी हैं। एसीएमओ डॉ तपन शर्मा ने कहा कि अगर नवजीवन नशा मुक्ति केंद्र संचालक एक हफ्ते में जवाब नहीं देता है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा। बताया जा रहा है कि सितारगंज क्षेत्र में करीब आधा दर्जन अवैध नशा मुक्ति केंद्र संचालित हो रहे हैं। इन केंद्रों का पंजीकरण भी नहीं है। यहां भर्ती होने वाले मरीजों को समुचित इलाज तो दूर सामान्य सुविधाएं भी नहीं मिलती हैं। बताया जाता है कि इलाज के लिये आने वाले मरीजों को अप्रशिक्षित लोग दवा देते हैं। जिससे मरीजों की दिक्कतें और बढती हैं। वैसे इन नशामुक्ति केंद्रों में अनियमितताएं मिलना कोई नई बात नही है। प्रदेश की राजधानी देहरादून के नशामुक्ति केन्द्र में तो बकायदा सेक्स रैकेट ही चल रहा था। इस केंद्र से जब एक साथ कई युवतियां लापता हुई तो इस गोरखधंधे का खुलासा हुआ था कि एक नम्बर के पियक्कड़ ही इस नशामुक्ति केंद्र को चला रहे थे। इस केंद्र का संचालक विद्यादत्त रतूड़ी नशा छुड़ाने के लिए केंद्र में भर्ती लड़कियों से रेप करता था। जिससे निजात पाने को चार लड़कियां एक साथ फरार हो गई थीं।