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उत्तराखंड

Haldwani News: 38 साल बाद घर पहुंचा शहीद का शव तो फूट-फूटकर रोने लगे परिजन, मुख्यमंत्री सहित कई नेता भी पहुंचे श्रद्धांजलि देने

Janjwar Desk
17 Aug 2022 11:28 AM GMT
Haldwani News: 38 साल बाद घर पहुंचा शहीद का शव तो फूट-फूटकर रोने लगे परिजन, मुख्यमंत्री सहित कई नेता भी पहुंचे श्रद्धांजलि देने
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Haldwani News: 38 साल बाद घर पहुंचा शहीद का शव तो फूट-फूटकर रोने लगे परिजन, मुख्यमंत्री सहित कई नेता भी पहुंचे श्रद्धांजलि देने

Haldwani News: 38 साल पहले सैन्य ऑपरेशन मेघदूत के दौरान शहीद हुए अल्मोड़ा के द्वाराहाट के हाथीगुर बिंता निवासी 19 कुमाऊं रेजीमेंट में लांस नायक शहीद चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर बुधवार दोपहर हल्द्वानी स्थित उनके आवास पर लाया गया।

Haldwani News: 38 साल पहले सैन्य ऑपरेशन मेघदूत के दौरान शहीद हुए अल्मोड़ा के द्वाराहाट के हाथीगुर बिंता निवासी 19 कुमाऊं रेजीमेंट में लांस नायक शहीद चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर बुधवार दोपहर हल्द्वानी स्थित उनके आवास पर लाया गया। सेना के जवान, जिला प्रशासन और पुलिस के जवान चंद्रशेखर हरबोला के पार्थिव शरीर को लेकर पहुंचे। इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, मंत्री रेखा आर्य, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य भी शहीद के परिवार को सांत्वना देने उनके घर पहुंचे।

मालूम हो कि हल्द्वानी निवासी लांस नायक चंद्रशेखर हरबोला का पार्थिव शरीर 38 साल बाद उनके आवास पहुंचा है। 29 मई 1984 को सियाचिन में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान लांसनायक चंद्रशेखर हरबोला अपने 18 अन्य साथियों के साथ एवलाँच में शहीद हो गए थे और 38 साल बाद सेना ने उनके पार्थिव शरीर को खोज निकाला था। जिसके बाद बुधवार को उनके आवास पर सेना उनका पार्थिव शरीर लेकर पहुंची थी। लेह से सैनिक का शव चंडीगढ़ और उसके बाद हल्द्वानी के आर्मी ग्राउंड हेलीपैड पहुंचने के बाद सड़क मार्ग से उनके पार्थिव शरीर को सरस्वती विहार धान मिल उनके आवास पर लाया गया।


सेना की फूलों से सजी गाड़ी में शहीद का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके घर पहुंचा वहां मौजूद लोगों की रुलाई फूट पड़ी। पार्थिव शरीर के घर में पहुंचते ही परिवार के लोगों की सिसकियां निकलने लगीं। पार्थिव शरीर को देखकर परिजन 38 वर्ष पुरानी यादों को ताजा करते हुए रोने लगे। शहीद चंद्रशेखर हर्बोला की पत्नी शांति देवी अपने पति के पार्थिव शरीर को देखकर रो पड़ी और उस समय का माहौल पूरी तरह से भावुक हो गया। वहां मौजूद तमाम लोगों की आंखों में गम के आंसू तो शहीद की शहादत पर गर्व देखने को मिला। स्थानीय लोगों ने शहीद के सम्मान में और श्रद्धांजलि देने के लिए पूरी गली को तिरंगामय किया था। शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए फूलों से सजी गाड़ी भी तैयार की गई थीं। उनका पार्थिव शरीर पार्थिव शरीर उनके आवास पर पहुंचते ही भारत माता की जयकारों से गूंज उठा। सीएम धामी भी शहीद चंद्रशेखर हरबोला के अंतिम दर्शन के लिए उनके घर पहुंचे। सीएम धामी ने उनके परिवार के मुलाकात भी की।


इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा शहीद चंद्रशेखर हरबोला के बलिदान को याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सीख है। सीएम धामी ने कहा चंद्रशेखर हरबोला एक परिवार के नहीं हैं, वे पूरे देश के हैं। उन्होंने कहा सैन्य धाम में भी उनकी स्मृतियों को संजोकर रखा जाएगा। उनके नाम पर स्कूल, सड़क और स्मारक की की मांग के सवाल पर बोलते हुए सीएम धामी ने कहा परिवार की भावनाओं का सम्मान करते हुए उनकी मांगों पर जरुर विचार किया जाएगा। इस ऑपरेशन में उत्तराखंड के कुमाउं के 4 जवान सियाचिन में आए एवलाँच में शहीद हुए थे, लेकिन उनके पार्थिव शरीर का अभी तक कुछ पता नहीं लग सका है। जिनकी तलाश के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रक्षा मंत्री से बात करने का आश्वासन भी दिया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने शहीद चंद्रशेखर के बलिदान को याद करते हुए कहा की उन्होंने उत्तराखंड का नाम रोशन किया है, वहीं उन्होंने शहर की मुख्य सड़क का नाम शहीद चंद्रशेखर के नाम पर रखने की अपील भी की।

श्रध्दांजलि देने वालों में हल्द्वानी के महापौर जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, विधायक डा. मोहन सिंह बिष्ट, भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा, कांग्रेस महासचिव महेश शर्मा, भाजपा प्रवक्ता प्रकाश रावत, तरुण बंसल, प्रदीप जनौटी, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत, जिलाधिकारी धीराज गर्व्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट, सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, सीओ भूपेन्द्र सिंह धौनी सेना के अधिकारी मौजूद थे।

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