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Haldwani News: उत्तराखंड के कुमाउं में याद किए गए काकोरी काण्ड के शहीद, हल्द्वानी रामनगर काशीपुर सहित कई जगह दी श्रद्धांजलि

Janjwar Desk
18 Dec 2022 5:38 PM GMT
Haldwani News: उत्तराखंड के कुमाउं में याद किए गए काकोरी काण्ड के शहीद, हल्द्वानी रामनगर काशीपुर सहित कई जगह दी श्रद्धांजलि
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Haldwani News: काकोरी काण्ड के शहीदों की शहादत दिवस के मौके पर कुमाउं मंडल के कई शहरों में लोगों ने अपने नायकों को याद करते हुए उनकी क्रांतिकारी विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया। हल्द्वानी नगर निगम सभागार में इस दौरान गोष्ठी का आयोजन किया गया तो रामनगर व काशीपुर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।

Haldwani News: काकोरी काण्ड के शहीदों की शहादत दिवस के मौके पर कुमाउं मंडल के कई शहरों में लोगों ने अपने नायकों को याद करते हुए उनकी क्रांतिकारी विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया। हल्द्वानी नगर निगम सभागार में इस दौरान गोष्ठी का आयोजन किया गया तो रामनगर व काशीपुर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।

नगर निगम सभागार हल्द्वानी में विचार गोष्ठी का आयोजन परिवर्तनकामी छात्र संगठन (पछास) के नेतृत्व में किया गया। जिसमें क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन (क्रालोस) और प्रगतिशील महिला एकता केंद्र (प्रमएके) आदि संगठनों ने संयुक्त रूप से काकोरी कांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए गोष्ठी की शुरुआत राम प्रसाद बिस्मिल की पसंदीदा नज़्म "सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है" गीत के साथ की गई।

गोष्ठी में बात रखते हुए पछास के केंद्रीय महासचिव महेश ने कहा कि ब्रिटिश साम्राज्यवादी भारत की जनता को गुलाम बनाकर यहां के लोगों का मेहनताना लूट कर इंग्लैंड ले जाते थे। काकोरी के शहीद जुल्म-उत्पीड़न-अन्याय समसामयिक समस्याओं के सभी रूपों के विरुद्ध संघर्ष कर रहे थे। इन रूपों को पालने वाली पूंजीवादी-साम्राज्यवादी व्यवस्था के विरुद्ध क्रांतिकारी संघर्ष छेड़े हुए थे। क्रालोस के टीकाराम पांडे ने कहा कि आज जनता को जाति-धर्म के नाम पर बांटा जा रहा है। आजादी के आंदोलन में ब्रिटिश साम्राज्यवादी भी अपना राज चलाने के लिए जनता को इसी तरह बांटते थे। क्रांतिकारियों सहित मेहनतकश जनता ने कभी इस बंटवारे को स्वीकार नहीं किया। अशफाक-बिस्मिल की हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल आजादी के आंदोलन में मजबूत और प्रगाढ़ हुई थी। आज की बाँटने वाली ताकतों को अशफाक-बिस्मिल की इसी एकता से सीख लेकर मुकाबला किए जाने की जरूरत है। प्रमएके की महासचिव रजनी जोशी ने कहा कि आज सरकारें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, रोटी, कपड़ा, मकान जैसी जनता की मूलभूत समस्याओं की अनदेखी कर रही है। समाज के अंदर में मेहनतकश जनता इन समस्याओं से कराह रही है। काकोरी के शहीदों से प्रेरणा लेकर उनके संघर्षशील तरीके के साथ हमें अपनी समस्याओं के खिलाफ लड़ते हुए उन शहीदों के सपनों का भारत समाजवादी भारत बनाने की ओर बढ़ना चाहिए। इन शहीदों के सपनों का समाज समाजवादी समाज में ही देश की जनता की मुक्ति संभव है। कार्यक्रम का संचालन पछास की रूपाली ने किया। यहां कार्यक्रम में चंदन, रूपाली, महेश, टीकाराम पांडे, रजनी जोशी, मोहन मटियाली, अनुराग, अनिषेक, उमेश, कुमकुम, इंशा, रियासत, वासिद, पूजा, आरती, रीना, हेमा, प्रगतिशील भोजन माता संगठन से दीपा, चंपा गिनवाल, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी से दीवान सिंह खनी, समता सैनिक दल से जगदीश चंद्र (जीतू) सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।

जबकि रामनगर में काकोरी काण्ड के शहीद नायकों के शहादत दिवस के मौके पर रविवार को शहीद पार्क में इंकलाबी मजदूर केंद्र ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए शहीदों के मार्ग पर चलने का संकल्प दोहराया गया। लखनपुर शहीद पार्क में काकोरी के शहीदों रामप्रसाद बिस्मिल, अशफ़ाक़ उल्ला खान, राजेंद्र लाहिड़ी और रोशन सिंह को उनके शहीदी दिवस पर श्रद्धांजलि देने के साथ ही संगठन के उबेदुल हक के संचालन में एक सभा का आयोजन किया। जिसमें वक्ताओं ने हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोशियेशन से जुड़े क्रांतिकारियों के क्रांतिकारी आंदोलन की चर्चा करते हुए कहा कि काकोरी में ट्रेन रोककर सरकारी खजाना लूटने की क्रांतिकारियों की यह कार्यवाही अंग्रेजी सत्ता को खुली चुनौती थी। जिससे बौखलाकर अंग्रेजी सत्ता ने कई क्रांतिकारियों को गिरफ्तार कर काकोरी कांड के नाम से एक मुकदमे का नाटक कर देश के चार नायकों राजेंद्र लाहिड़ी रामप्रसाद बिस्मिल, अशफ़ाक़ उल्ला खान और रोशन सिंह को फांसी पर चढ़ाकर उनके जीवन का अंत कर दिया था। रामप्रसाद बिस्मिल के मशहूर गीत "सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है" से आरंभ हुए कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि इन महान क्रांतिकारियों के जीवन का भले अंत हो गया लेकिन उनके विचार आज भी जिंदा हैं। ये विचार हर जिंदादिल इंसान को आज भी प्रेरित कर रहे हैं कि वे इन क्रांतिकारियों के अधूरे सपनों को पूरा करने के लिये क्रांतिकारी आंदोलन को तेज करें। कार्यक्रम का समापन क्रांतिकारी गीत "मेरा रंग दे बसंती चोला" से किया गया। कार्यक्रम में इंकलाबी मजदूर केंद्र, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र परिवर्तनकामी छात्र संगठन, प्रगतिशील भोजन माता संगठन एवं समाजवादी लोक मंच से जुड़े साथियों ने भागीदारी की।

काशीपुर में पंत पार्क में इंक़लाबी मज़दूर केंद्र, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन और प्रगतिशील महिला एकता केंद्र ने काकोरी कांड के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए सभा की। सभा का संचालन करते हुए परिवर्तनकामी छात्र संगठन के राकेश ने कहा कि काकोरी के शहीदों ने आज़ादी के आंदोलन के दौरान अंग्रेजी खजाने को काकोरी नामक जगह पर लूटा। बाद में पकड़े जाने पर अंग्रेजों ने उन्हें फांसी पर चढ़ा दिया था। अंग्रेजों ने हिन्दु मुस्लिम में नफरत का बीज बोया था वो आज पेड़ बन चुका है। बिस्मिल और अशफाक की दोस्ती हिन्दु मुस्लिम एकता का प्रतीक है। उन्होंने आजादी के दौरान होने वाले दंगों को रोकने का काम किया। पीपी आर्या ने कहा कि मेहनतकश लोग समाज में मेहनत करते हैँ लेकिन उन्हें ही मेहनत का फल नहीं मिलता। आज जरूरत है ऐसे समाज को बदला जाये। शहीदों का यही सपना था जिसे हमें आगे बढ़ाना है। अन्य वक्ताओं ने बात रखते हुए सत्ता में बैठी भाजपा सरकार या मोदी सरकार का चरित्र के बारे में पर्दाफाश करते हुए बताया कि समाज में समस्याओं की जड़ ये मोदी सरकार है जो पूंजीपतियों के इशारों पर काम कर रही है। सभी चैनल पूंजीपतियों के इशारे पर मोदी सरकार का ही गुणगान करते रहते हैँ। जनता की सम्पति को मोदी सरकार पूंजीपतियों को सौंप रही है। इस कार्यक्रम में पंकज, समन, आरती, शबनम, अल्फ़ेज़, प्रियंका, मदन, विमल, शोभा, ललित, सुषमा आदि लोग मौजूद रहे।

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