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हाशिये का समाज

गर्लफ्रेंड को ​​उधार लेकर दी दलित युवक ने मोबाइल तो दबंगों ने चटवाया थूक, पहनाई जूतों की माला

Janjwar Desk
1 Jun 2021 5:11 AM GMT
गर्लफ्रेंड को ​​उधार लेकर दी दलित युवक ने मोबाइल तो दबंगों ने चटवाया थूक, पहनाई जूतों की माला
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दलित युवक को प्रेम की मिली भयानक सजा : दबंगों ने अमानवीयता की हदें कर लीं पार

प्रेम की सजा के तौर पर दलित युवक और उसके दोस्त का जबरदस्ती सर मुंडा दिया गया, दोनों को एक दूसरे का थूक चाटने के लिये मजबूर किया गया और जूते-चप्पल की माला पहनाई गयी...

जनज्वार ब्यूरो, दिल्ली। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के चारगांव पुलिस थाने में स्थित गांव दमन खमरिया में दो दलित युवकों के उत्पीड़न का मामला सामने आया है। प्रेम-प्रसंग के एक मामले में दलित युवक व उसके दोस्त के साथ गांव के उच्च जाति के लोगों ने गम्भीर उत्पीड़न किया है। यह घटना 22 मई की है।

पीड़ित युवक का ओबीसी से ताल्लुक रखने वाली युवती से प्रेम प्रसंग था। युवक ने अपनी मित्र को बात करने के लिये मोबाइल दिया था। युवती के परिजनों को मामले की जानकारी मिलने पर युवती के परिजनों व गांव के उच्च जाति के ग्रामीणों ने जातीय दम्भ में आकर दलित युवक व उसके दोस्त को बुरी तरह प्रताड़ित किया। दोनों युवकों का जबरदस्ती सर मुंडा दिया गया। दोनों युवकों को एक दूसरे का थूक चाटने के लिये मजबूर किया गया। युवकों को जूते-चप्पल की माला पहनाई गयी।

पुलिस को दी गयी शिकायत में पीड़ित राजकुमार डेहरिया ने बताया कि उसकी गाँव की ही 19 वर्षीय युवती से दोस्ती थी। जो अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से ताल्लुक रखती है। युवती ने युवक से कहा था कि उसे बाहर निकलने की अनुमति नही है और उसके पास बात करने के लिये फोन भी नहीं है। इसके बाद युवक ने अपने दोस्त से फोन उधार लेकर युवती को दे दिया था। मामले की जानकारी युवती के पिता को लगने पर राजकुमार व उसके दोस्त के साथ बर्बरता व अमानवीय व्यवहार किया गया।

उक्त घटना की जानकारी दि दलित वॉइस द्वारा सोशल मीडिया पर दी गयी है। प्रेम-प्रसंग के मामले में दलितों के उत्पीड़न की घटनाएं आज भी आम हैं। कितने ही युवकों को अपनी जान तक गँवानी पड़ी है। जातिवाद का यह जहर आज भी लोकतांत्रिक भारत में कैंसर की तरह फैला हुआ है।

पूर्व अभिनेत्री व शिव सेना की नेत्री उर्मिला मातोंडकर ने इस घटना पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि यह घटना भयानक और बहुत ज्यादा परेशान करने वाली है। सोशल मीडिया पर वे कहती है- क्या कोरोना से हमारी लड़ाई ने हमें कुछ नहीं सिखाया.. यह अमानवीयता, आतंक और नफरत कब खत्म होगी? यह बहुत ज्यादा परेशान करने वाला है। कृपया इसे रोकिये। यह उग्र जातिवाद देश की सबसे बड़ी चुनौती है। बहुत ही दुःखद और दुर्भाग्यपूर्ण।


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