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भारत में गोला-बारूद की कमी को दुश्मन देश न जान पाएं इसलिए CAG की रिपोर्ट को नहीं किया ऑनलाइन : पूर्व प्रमुख

Janjwar Desk
10 Aug 2020 1:30 AM GMT
भारत में गोला-बारूद की कमी को दुश्मन देश न जान पाएं इसलिए CAG की रिपोर्ट को नहीं किया ऑनलाइन : पूर्व प्रमुख
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File photo

राजीव महर्षि ने CAG के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद यह बात कही, उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्णय उनका था, सरकार का नहीं...

जनज्वार। देश के CAG के रूप में राजीव महर्षि ने अपने लगभग 3 वर्षों का कार्यकाल पूरा कर लिया है। भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General of India) के रूप में शुक्रवार को अपना कार्यकाल पूरा करने वाले राजीव महर्षि (Rajiv Mehrishi) ने इसके बाद रक्षा अंकेक्षण रिपोर्टों को उनके कार्यकाल में ऑनलाइन नहीं किए जाने के कारणों का खुलासा किया है।

एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए उन्होंने कहा 'जब मैं गृह मंत्रालय में था तब पाकिस्तान के साथ बहुत ज्यादा तनाव चल रहा था। तब एक रिपोर्ट आई थी CAG की, जिसमें बताया गया था कि गोला-बारूद की कितनी कमी है। अगर कमी हो भी तो भी, मान लीजिए है शॉर्टेज, तो कम से कम दुश्मन को मालूम नहीं होना चाहिए।'

इससे पहले वे केंद्रीय गृह सचिव भी रह चुके हैं। वर्ष 2017 के सितंबर में वे CAG नियुक्त किए गए थे। उनके पदभार लेने से बहुत पहले आखिरी बार CAG की कोई रिपोर्ट वेबसाइट पर प्रकाशित की गई थी और वह रिपोर्ट The performance Audit of Defense Pension (26/2017) थी, जिसे 28 जुलाई 2017 को संसद में प्रस्तुत किया गया था।

सेवानिवृत्त हुए CAG राजीव महर्षि ने कहा कि रक्षा ऑडिट रिपोर्टों (audit reports) को इसलिए ऑनलाइन (Online) उपलब्ध नहीं कराया गया, क्योंकि कोई वाशिंगटन (Washington) में भी देख रहा है, कोई बीजिंग (Beijing) में भी देख रहा है और कोई इस्लामाबाद (Islamabad) में भी इन रिपोर्ट्स को देख रहा है। हमारा विचार इन रिपोर्टों को एक बटन के क्लिक (On the tap of a bitton) द्वारा सबके हाथ न जाने देने का है। इसकी कोई जरूरत भी नहीं है।'

उन्होंने कहा कि यह 'सरकार का निर्णय नहीं था, बल्कि मेरा निर्णय था। 'संसद (Parliament) को हम रिपोर्ट दे रहे हैं, संसद की लोक लेखा समिति को हम रिपोर्ट दे रहे हैं। यह वास्तव में कोई रहस्य नहीं है। बस हम इसे एक बटन दबाते ही उपलब्ध नहीं करा रहे हैं।'

उन्होंने आगे कहा 'कोई वाशिंगटन में भी देख रहा है, बीजिंग (Beijing) में भी देख रहा है और इस्लामाबाद (Islamabad) में भी देख रहा है. इसलिए, हमने ऐसा निर्णय लिया। यह दुनिया में हर किसी के लिए आसानी से उपलब्ध क्यों होनी चाहिए।'

राजीव महर्षि ने कहा, 'हमारी रिपोर्ट आयेगी तो हम उसमें कमियां तो बताएंगे ही। लेकिन डिफेंस की रिपोर्ट को वेबसाइट पर डालने का कोई मतलब नहीं है। यह दुनिया में हर किसी के लिए आसानी से सुलभ क्यों होना चाहिए। इसलिए हमने ऐसा निर्णय लिया।'

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