चिंतित किसान कर रहे आंदोलन, पर बीजेपी कृषि कानूनों के फायदे गिनाने के लिए देशभर में लगाएगी चौपाल
जनज्वार। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर जहां एक तरफ किसान अपने भविष्य के लिए चिंतित होकर आंदोलन पर हैं, वहीं बीजेपी अब इसके फायदे गिनाएगी। इसके लिए देशभर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी और चौपाल लगाएगी।
कृषि कानून को लेकर किसानों के साथ विपक्ष के विरोध का सामना कर रही भारतीय जनता पार्टी अब सीधे मैदान में उतर रही है। किसानों के आंदोलन को लेकर बीजेपी शुरू से कह रही है कि उन्हें भड़काया जा रहा है।
बीजेपी आज से देश के अलग-अलग शहरों में 700 प्रेस कॉन्फ्रेंस और चौपाल का आयोजन करेगी। इसके जरिए मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून के फायदों को गिनाया जाएगा और किसानों को इसके बारे में समझाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों का किसान लगातार विरोध कर रहे हैं। पिछले दो हफ्तों से दिल्ली की सीमाओं पर किसान डेरा डाले हुए हैं। केंद्र सरकार के साथ किसानों की कई दौर की वार्ता भी हुई, पर किसान कानून को वापस लेने के अलावा किसी बात को सुनने के लिए तैयार नहीं हैं।
ऐसे में अब बीजेपी ने पार्टी लेबल पर कृषि कानूनों के मामले को जनता के सामने पेश करने का प्लान बनाया है। पिछले दिन ही कृषि कानून पर एक बुकलेट जारी की गई थी, जिसमें तीनों कृषि कानूनों के फायदों को गिनाया गया था। इसके अलावा कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कृषि कानून के फायदे गिनाए थे और किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की थी।
भारतीय जनता पार्टी लगातार कृषि कानून को लेकर विपक्ष पर किसानों को भड़काने का आरोप लगा रही है। बीजेपी का आरोप है कि विपक्ष किसानों के कंधे पर बंदूक रख चला रहा है और बिचौलियों का पक्ष ले रहा है। बीजेपी का दावा है कि तीनों कानून किसानों के फायदे के हैं, अगर किसानों को कुछ शंकाएं हैं तो बातचीत से हल निकल सकता है।
हाल ही में राजस्थान के पंचायत चुनाव और देश के अन्य राज्यों में हुए कुछ चुनावों में मिली जीत के बाद बीजेपी की ओर से इसे कृषि कानून पर समर्थन के तौर पर पेश किया गया। बीते दिनों प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि राजस्थान में दो करोड़ से अधिक किसानों ने बीजेपी के पक्ष में मतदान किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कई मौकों पर आरोप लगाया है कि विपक्ष किसानों को भड़का रहा है। पीएम मोदी ने कहा है कि सरकार MSP खत्म नहीं करेगी, मंडी सिस्टमों में भी किसी तरह का बदलाव नहीं होगा। सरकार की ओर से भी किसानों को जो लिखित संशोधन दिए गए थे, उनमें इनका जिक्र किया गया था। हालांकि, किसानों ने सरकार के संशोधनों को मानने से इनकार किया और कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं।