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Yasin Malik Hunger Strike : तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर बैठा अलगाववादी नेता यासीन मलिक, मांग न माने जाने से है नाराज

Janjwar Desk
23 July 2022 8:36 AM IST
Yasin Malik Hunger Strike : तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर बैठा अलगाववादी नेता यासीन मलिक, मांग न माने जाने से है नाराज
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Yasin Malik Hunger Strike : तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर बैठा अलगाववादी नेता यासीन मलिक, मांग न माने जाने से है नाराज

Yasin Malik Hunger Strike : तिहाड़ जेल अधिकारियों के रवैये से नाराज अलगाववादी संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का मुखिया यासीन मलिक जेल के अंदर भूख हड़ताल पर बैठा।

Yasin Malik Hunger Strike : देश की राजधानी दिल्ली की तिहाड़ जेल ( Tihar jail ) में बंद आतंकी और अलगाववादी संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का मुखिया यासीन मलिक ( Yasin malik ) जेल के अंदर भूख हड़ताल ( Hunger strike ) पर बैठ गया है। कई आतंकी घटनाओं के लिए सुर्खियों में रहा यासीन मलिक ( Yasin Malik ) शुक्रवार सुबह 7 बजे से हड़ताल पर है। आतंकी यासीन मलिक तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। वह जेल नंबर 7 में कैद है।

अलगाववादी नेता यासीन मलिक ( Yasin malik ) से जेल अधिकारिकों ने हड़ताल खत्म करने की अपील की थी, लेकिन वह पीछे हटने को तैयार नहीं है। बताया गया है कि वह अपनी मांग न माने जाने से नाराज है।

पेंडिंग मामलों की जांच सही से न होने का लगाया आरोप

भूख हड़ताल पर बैठे आतंकी यासीन मलिक का आरोप है कि उसके खिलाफ पेंडिंग मामलों की जांच सही ढंग से नहीं हो रही है। इसी जांच को सही तरीके से कराने की मांग के साथ वह सुबह से भूख हड़ताल पर बैठा है। मलिक को मनाने की तमाम कोशिश नाकाम साबित हुई है। हड़ताल खत्म न होने पर जेल प्रशासन की ओर से सरकारी एजेंसियों को भी इस बात की सूचना दे दी गई है।

मेडिकल टीम अलर्ट पर

यासीन मलिक द्वारा भूख हड़ताल पर बैठने के बाद से जेल में सुरक्षा इंतजाम पुख्ता कर दिए गए हैं। मेडिकल टीम भी अलर्ट पर रखी गई है। ताकि अगर उसकी तबीयत बिगड़ती है तो तत्काल इलाज मुहैया कराया जा सके। किसी भी आपात स्थिति में उसे दिल्ली के किसी अस्पताल में भर्ती करने के इंतजाम भी किए गए हैं।

बता दें कि अलगाववादी नेता और आतंकी यासीन मलिक को 25 मई को दिल्ली की अदालत ने टेरर फंडिंग के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उस पर 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। यासीन मलिक पर UAPA और आईपीसी की अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई गई है। भारत के खिलाफ जंग छेड़ने और आतंकियों के लिए फंड जुटाने का उसे दोषी पाया गया था। अदालत ने 19 मई को सुनवाई के दौरान ही उसे दोषी ठहरा दिया था।

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