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Zafarul Islam Khan : कौन हैं जफरुल इस्लाम जिनके बुलावे पर पत्रकार बन भारत आया था पाकिस्तानी जासूस नुसरत मिर्जा?

Janjwar Desk
13 July 2022 11:52 AM IST
Zafarul Islam Khan : कौन हैं जफरुल इस्लाम जिनके बुलावे पर पत्रकार बन भारत आया था पाकिस्तानी जासूस नुसरत मिर्जा?
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Zafarul Islam Khan : कौन हैं जफरुल इस्लाम जिनके बुलावे पर पत्रकार बन भारत आया था पाकिस्तानी जासूस नुसरत मिर्जा?

Zafarul Islam Khan : जफरुल इस्‍लाम ऑनलाइल इस्‍लामिक पब्लिकेशन मिली गैजेट के संस्‍थापक हैं।

नई दिल्ली। इस्‍लामिक पब्लिकेशन मिली गैजेट ( Milee Gadget ) के संस्‍थापक और दिल्‍ली अल्‍पसंख्‍यक आयोग के अध्‍यक्ष रहे जफरुल इस्लाम खान ( Zafarul Islam Khan ) एक बार फिर चर्चा में है। इस बार उनकी चर्चा पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा ( Nusrat Mirza ) के बारे में यह खुलासा होने की वजह से है कि वो आएसआई का जासूस ( Nusrat Mirza ISI spy ) है। उसने भारत से जानकारियां जुटाकर ISI चीफ तक पहुंचाई। एक पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल पर पत्रकार नुसरत मिर्जा ( Journalist Nusrat Mirza ) के खुलासे से भारत में सनसनी मच गई है।

दरअसल, यूट्यूबर शकील चौधरी के साथ बातचीत में मिर्जा ने तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का नाम लिया। मिर्जा ने कहा कि जब हामिद अंसारी ( Hamid ansari ) उपराष्ट्रपति थे तब उसे भारत बुलाया गया था। बता यहीं तक सीमित नहीं है। नुसरत मिर्जा ने कहा कि वह तत्कालीन उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी और एक अंग्रेजी अखबार मिली गजट के संस्थापक जफरूल इस्लाम खान के न्योते पर भारत पहुंचे थे। नुसरत मिर्जा के इस खुलासे के बाद से ही जफरूल इस्लाम भी सुर्खियों में हैं।

कौन हैं जफरुल इस्‍लाम खान?

जफरुल इस्‍लाम ऑनलाइल इस्‍लामिक पब्लिकेशन मिली गैजेट के संस्‍थापक हैं। मिली गैजेट को कट्टरपंथी विचारधारा के साथ जोड़ा जाता है। पिछले साल नवंबर में हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाने वाले स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी के बचाव में मिली गैजेट ने गोधरा ट्रेन हिंसा का समर्थन तक किया था।

जफरुल इस्‍लाम खान जब दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन थे तो उनका एक पोस्ट काफी विवादों में आया था। इसमें उन्‍होंने दावा किया था कि मुसलमानों पर भारत में अत्याचार हो रहा है और अरब देश इसका विरोध कर रहे हैं। ऐसे में अगर भारतीय मुसलमानों ने उनसे (अरब देशों) शिकायत कर दी तो भारत में सैलाब आ सकता है। हालांकि, इस मसले पर विवाद के बाद जफरुल इस्‍लाम ने सफाई दी थी। उन्‍होंने कहा था कि उन्‍होंने किसी भी विदेशी मुल्‍क या संस्‍था से भारत की शिकायत नहीं की है। न ही भविष्‍य में वो ऐसी कोई मंशा रखते हैं। उन्‍होंने कहा था कि वो एक देशभक्‍त हैं और विदेश में हमेशा अपने देश के पक्ष में बोलते हैं।

राकेश सिन्हा पर भी साध चुके हैं निशाना

इससे पहले वह एक और ट्विट को लेकर विवादों में आये थे। उस समय उन्‍होंने अपने ट्विट में राज्‍यसभा सदस्‍य राकेश सिन्‍हा की जामिया मिलिया इस्‍लामिया यूनिवर्सिटी के अंजुमन में नियुक्ति पर अटपटे तरीके से विरोध जताया था। उन्‍होंने वो लाइनें लिखी थी जो मुस्लिम समुदाय के लोग किसी की मौत पर बोलते हैं। ऐसा उन्होंने जामिया मिलिया इस्‍लामिया यूनिवर्सिटी (Jamia Millia Islamia University) के अंजुमन (सभा या कोर्ट) में राज्‍यसभा सदस्‍य राकेश सिन्‍हा (Rakesh Sinha) को शामिल किए जाने से दुखी होने पर लिखा था। जफरुल इस्लाम खान (Zafarul-Islam Khan)। जफरुल इस्‍लाम दिल्‍ली अल्‍पसंख्‍यक आयोग के अध्‍यक्ष रह चुके हैं। यानि जफरूल इस्लाम विवादित ट्विट की वजह से समय-समय पर सुर्खियों में आते रहते हैं।

जाकिर नाइक को मानते हैं हीरो

जफरुल इस्‍लाम खान ने ट्विटर पर एक पोस्ट में भगोड़े जाकिर नाइक को हीरो की तरह पेश किया था। उन्‍होंने अपने पोस्ट में लिखा था कि कट्टर लोग यह भूल गए कि अरब देश भारतीय मुसलमानों को प्यार करते हैं क्योंकि उन्होंने सालों से इस्लाम की सेवा की है। आगे उन्होंने जाकिर नाइक समेत अन्य लोगों के नाम लिखे थे और कहा था कि सभी भारत से हैं और अरब और मुस्लिम देशों में उनकी बड़ी इज्जत है। बता दें कि जाकिर नाइक पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं।

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