Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

मानवाधिकार संगठनों ने कहा, कोरोना महामारी की तुलना में बड़ा खतरा बन गई भारत की राज्य मशीनरी

Janjwar Team
29 March 2020 7:31 AM GMT
मानवाधिकार संगठनों ने कहा, कोरोना महामारी की तुलना में बड़ा खतरा बन गई भारत की राज्य मशीनरी
x

ह्यूमन राइट्स वॉच की दक्षिण एशिया की निदेशक मीनाक्षी गांगुली ने भी भारतीय अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि सभी को भोजन और चिकित्सा देखभाल तक पहुंच हो और गरीब व हाशिए पर बैठे लोगों के साथ गलत व्यवहार न हो...

जनज्वार। एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) ने शनिवार को देश में पुलिस बलों से कोरोनोवायरस लॉकडाउन के दौरान कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए संयम से काम लेने का आग्रह किया।

मनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया (एआईआई) के कार्यकारी निदेशक अविनाश कुमार ने एक बयान में कहा कि लॉकडाउन से वे लाखों लोग फंसे हुए हैं, जिन्होंने भोजन और पानी की तलाश में संघर्ष किया है। उन्होंने कहा, 'दुर्भाग्य से इन लोगों के लिए एक राज्य मशीनरी COVID-19 महामारी की तुलना में एक बड़ा खतरा बन गई है।'

कहा कि यह 'दुर्भाग्यपूर्ण' है और भारत सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि महामारी से लड़ने में 'असंवेदनशील और बर्बर' बल को बदलकर लोगों के अनुकूल उपाय किए जाने चाहिए।

संबंधित खबर : घर लौट रहे मजदूर के माथे पर पुलिस ने लिखा, ‘मैने लॉकडाउन का उल्लंघन किया, मुझसे दूर रहना’

कुमार ने कहा कि जो लोग क्वारंटीन में हैं भारत को उनका सम्मान और उनके अधिकारों की रक्षा करे और यह भी सुनिश्चित करे कि उनकी पर्याप्त आश्रय, भोजन, पानी और स्वच्छता जैसी बुनियादी जरूरतें पूरी हों।

'द हिंदू' की रिपोर्ट के मुताबिक, ह्यूमन राइट्स वॉच की दक्षिण एशिया की निदेशक मीनाक्षी गांगुली ने भी भारतीय अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि सभी को भोजन और चिकित्सा देखभाल तक पहुंच हो और गरीब व हाशिए पर बैठे लोगों के साथ गलत व्यवहार न हो।

न्होंने कहा कि इस महामारी से लोगों को बचाने की भारत सरकारी की जिम्मेदारी मानव अधिकारों के उल्लंघन की कीमत पर नहीं होनी चाहिए।

गांगुली ने आरोप लगाया कि देश में रेल और बस सेवाएं बंद होने से हजारों की संख्या में प्रवासी कामगार फंसे हुए हैं। पुलिस कथित तौर पर आदेश के उल्लंघन के आरोप में कार्रवाई के रूप में लोगों के साथ अपशब्दों का इस्तेमाल कर रही है।

संबंधित खबर : लॉकडाउन से मुश्किलों भरा सफर, हजारों की संख्या में कोई घंटों पैदल चला तो कोई कई दिन रहा भूखा

न्होंने आगे कहा, भारतीय पुलिस को लॉकडाउन लागू करते हुए संयम से काम लेने का आदेश दिया जाना चाहिए। फोटो और वीडियो दिखाते हैं कि कई राज्यों में ऐसे लोगों की पिटाई की जा रही है जो जरूरी सामान को हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होने कहा, पश्चिम बंगाल में कथित तौर पर एक 32 वर्य़ी व्यक्ति की इसलिए पीट-पीटकर हत्या कर दी गई क्योंकि उसने दूध पाने के लिए अपने घर से बाहर कदम रख दिया था।

Next Story

विविध