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राजनीति

CAA PROTEST : योगी सरकार ने 28 लोगों को भेजा 64 लाख के हर्जाने का नोटिस, कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे दारापुरी

Janjwar Team
20 Feb 2020 1:59 PM GMT
CAA PROTEST : योगी सरकार ने 28 लोगों को भेजा 64 लाख के हर्जाने का नोटिस, कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे दारापुरी
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लखनऊ की एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (ईस्ट) के पी सिंह की ओर से जारी किए नोटिस के मुताबिक 28 लोगों को तीस दिन के भीतर इसकी भरपाई करनी होगी। एडीएम ने उन्हें अवैध गतिविधि के लिए जिम्मेदार पाया और हर्जाना तय किया है....

जनज्वार। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की ओर से पूर्व डीजीपी एसआर दारापुरी, मोहम्मद शोएब, सदफ जफर समेत उन 28 लोगों को नोटिस जारी किया गया है जिनपर 19 जनवरी को परिवर्तन चौक पर नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान निजी और सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान पहुंचाने का आरोप है। योगी प्रशासन की ओर से इसके लिए 64 लाख रुपये का हर्जाना भरने का नोटिस जारी किया गया है।

नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान कई वाहनों जिनमें पुलिस की मोटरसाइकिलें और बसों को आग के हवाले कर दिया गया था। जिन लोगों को नोटिस जारी किया गया है उनमें सेवानिवृत्त आईपीएस एसआर दारापुरी, वकील और सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद शोएब, कांग्रेस सदस्य सदफ जफर, शिक्ष रोबिन वर्मा और सांस्कृतिक कार्यकर्ता दीपक कबीर का नाम शामिल है।

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डिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (ईस्ट) के पी सिंह की ओर से जारी किए नोटिस के मुताबिक 28 लोगों को तीस दिन के भीतर इसकी भरपाई करनी होगी। एडीएम ने उन्हें अवैध गतिविधि के लिए जिम्मेदार पाया और हर्जाना तय किया है।आरोपी जमानत पर बाहर हैं और उनके खिलाफ आगजनी और तोड़फोड़ का मामला दर्ज किया गया है।

पहले लखनऊ में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट कोर्ट की ओर से इसी महीने 13 लोगों को नोटिस जारी कर 21.76 लाख रुपये का भुगतान करने को कहा गया था। उनके खिलाफ खादरा इलाके में सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया था।

हीं प्रशासन की ओर से जारी किए गए नोटिस के खिलाफ पूर्व आईपीएस एस आर दारापुरी और सदफ जफर ने कोर्ट में जाने का फैसला किया है।

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दारापुरी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा, मुझे खबर मिली है कि जिला प्रशासन द्वारा मुझे वसूली नोटिस जारी किए गए हैं, हालांकि मुझे अब तक ऐसा कोई नोटिस नहीं मिला है। अगर मुझे कोई नोटिस मिलता है तो मैं इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दूंगा।

सामाजिक कार्यकर्ता और कांग्रेस नेता सदफ जफर ने कहा कि अगर उन्हें कोई रिकवरी नोटिस मिलता है तो वह इसके खिलाफ कोर्ट का रुख करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों को असंवैधानिक रूप से वसूली नोटिस भेज रही है। मेरे खिलाफ हिंसा भड़काने का कोई सबूत नहीं है लेकिन असामाजिक तत्वों को गिरफ्तार करने के बजाय उन्होंने मुझे गिरफ्तार किया और प्रताड़ित किया।

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