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बलिदान दिवस पर बरहज आश्रम में याद किए गए काकोरी कांड के शहीद

Prema Negi
19 Dec 2018 5:30 PM IST
बलिदान दिवस पर बरहज आश्रम में याद किए गए काकोरी कांड के शहीद
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आज स्वतंत्रता आंदोलन की मूल भावना को खत्म करने की साजिश चल रही है और देश को नए सिरे से गुलाम बनाया जा रहा है। अब नए सिरे से समतामूलक समाज के लिए लड़ाई लड़ने की जरूरत है...

देवरिया, जनज्वार। उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद स्थित बरहज आश्रम के अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल की समाधि पर विभिन्न संगठनों द्वारा आज 19 दिसंबर को पुष्पांजलि अर्पित कर काकोरी शहीदों को याद किया गया। गौरतलब है कि आज ही के दिन राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और रोशन सिंह को फांसी दी गई थी, इसलिए इस दिन को बलिदान दिवस के बतौर याद किया जाता है।

बरहज आश्रम में शहीदों की याद में आयोजित कार्यक्रम में अनेक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने 'अमर शहीदों का पैगाम जारी रखना है संग्राम, जैसे नारे लगाकर और बिस्मिल के तराने गाकर काकोरी के शहीदों को याद करते हुए आज के दौर में उनकी विरासत को आगे बढ़ाने एवं उनके सपनों का समाजवादी समाज बनाने का संकल्प लिया।

रामप्रसाद बिस्मिल के समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पण करते हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी एवं पूर्व सैनिक संगठन के संयोजक कर्नल प्रमोद शर्मा ने कहा कि जिस हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (एचआरए) का गठन ब्रिटिश साम्राज्यवादी की लूट से देश को आजाद कराने के लिए किया गया था, उनके पिता स्वर्गीय विश्वनाथ राय भी उसके सदस्य थे। उन्होंने क्रांतिकारियों बिस्मिल एवं बाबा राघवदास से उनके संबंधों एवं संस्मरणों का विस्तार से जिक्र किया। कहा कि 25 वर्ष सांसद के रूप में गुजारते हुए स्वर्गीय विश्वनाथ राय ने भगत सिंह के सपनों का भारत बनाने के लिए संसद में सदैव संघर्ष किया।

जनवादी लोकमंच के नेता डॉक्टर चतुरानन ओझा ने कहा कि क्रांतिकारियों द्वारा अपने संगठन मे समाजवादी शब्द जोड़ना बहुत महत्वपूर्ण था। वे स्पष्ट महसूस कर रहे थे कि भारत को एक समाजवादी क्रांति की जरूरत है। वे समझ गए थे कि महज अंग्रेजों के चले जाने से खास बदलाव नहीं आएगा। मजदूरों मेहनतकशों को शोषण उत्पीड़न से तभी मुक्ति मिलेगी, जब साम्राज्यवाद पूंजीवाद का पूरी तरह खात्मा होगा।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश महासचिव संजय दीप कुशवाहा ने कहा कि आज स्वतंत्रता आंदोलन की मूल भावना को खत्म करने की साजिश चल रही है और देश को नए सिरे से गुलाम बनाया जा रहा है। आज नए सिरे से समतामूलक समाज के लिए लड़ाई लड़ने की जरूरत है।

पूर्वांचल छात्र संघर्ष समिति के मण्डल अध्यक्ष अरविंद गिरि ने कहा कि बिस्मिल ने देशवासियों के लिए 'अपनी ही जमीं होगी और अपना आसमां होगा' का नारा दिया था, किन्तु आज के नौजवानों से शिक्षा और रोजगार दोनो छीन लिया गया है। उन्हें आवारा भीड़ मे तब्दील कर सरकार उनका नकारात्मक इस्तेमाल कर रही है

कार्यक्रम में बोलते हुए रामकिशोर वर्मा ने कहा कि आज जरूरत है नौजवानों की ऊर्जा को शहीदों की विरासत की रोशनी में दिशा देकर समाजवादी समाज निर्माण की दिशा में लगाने की, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार सबका अधिकार होगा और लोगों को बुनियादी जरूरतों के लिए तरसना नहीं पड़ेगा।

डॉ अमित राय ने कहा अपने शहीदों की तरह ही हम बिना थके, बिना रुके, बिना झुके संघर्ष करते रहेंगे। इस दौरान 'शहीदों के मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले जैसे बिस्मिल के तराने भी गाए गए।

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