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राजनीति

सरकार ने संसद में लिखित जवाब में कहा, देशभर में NRC लागू करने का अभी कोई प्लान नहीं

Nirmal kant
4 Feb 2020 2:12 PM GMT
सरकार ने संसद में लिखित जवाब में कहा, देशभर में NRC लागू करने का अभी कोई प्लान नहीं
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NRC-CAA लागू करने के सवाल पर बोले गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय,अभी नहीं लिया गया कोई फैसला, एनपीआर के लिए नहीं लिए जाएंगे कोई दस्तावेज, आधार नंबर देना पूरी तरह स्वैच्छिक...

जनज्वार। नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को लेकर देशभर में चल रहे हंगामे के बीच सरकार ने संसद में लिखित में जवाब दिया है। मंगवलार 4 जनवरी को सरकार ने संसद में कहा कि उसने इसे लागू करने को लेकर अभी कोई फैसला नहीं लिया है।

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन में चंदन सिंह और नमा नागेश्वर राव के प्रश्नों के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। राय ने कहा, 'अभी तक एनआरसी को राष्ट्रीय स्तर पर तैयार करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।' सदस्यों ने सवाल किया था कि क्या सरकार की पूरे देश में एनआरसी लाने की कोई योजना है? उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने के लिए कोई दस्तावेज इकट्ठे नहीं किए जाएंगे। आधार नंबर देना पूरी तरह से स्वैच्छिक है।

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इस दौरान भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सरकार से पूरे देश में एनआरसी लागू करने की मांग की। निशिकांत दुबे ने कहा, ‘आज मैं केंद्र से एक आग्रह कर रहा हूं कि पूरे देश में एनआरसी लागू किया जाए।’ उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ दल पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के मुसलमानों के नाम पर वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। दूबे ने आरोप लगाया कि कांग्रेस देश को बांटना चाहती है और देश को इससे बचाने की जरूरत है।

सरकार ने बेशक लोकसभा में एनआरसी पर लिखित में जवाब दिया है लेकिन विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा में एनआरसी और सीएए के खिलाफ नारे लगाए।

बता दें कि केंद्र सरकार ने सीएए कानून को दोनों सदनों से पास करवा लिया है। इसपर राष्ट्रपति रानमनाथ कोविंद भी हस्ताक्षर कर चुके हैं। इस कानून को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। देश की राजधानी दिल्ली में जामिया और शाहीन बाग में प्रदर्शनकारी इसके खिलाफ धरने पर बैठे हैं।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह कानून संविधान का उल्लंघन करता है। विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी इसे असंवैधानिक करार दिया है। पार्टी का कहना है कि यह संविधान के मूल अधिकारों के खिलाफ है। उसने इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी हुई है।

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वहीं दिसंबर में दिल्ली के रामलीला मैदान में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि एनआरसी पर किसी भी स्तर पर अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है। जबकि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कई टीवी इंटरव्यूज में कह चुके हैं कि पहले सीएए आएगा, फिर एनआरसी लाया जाएगा। वहीं इसको लेकर विपक्षी पार्टियों ने कहा था कि प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं।

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