Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

अरविंद केजरीवाल से मिलने जा रहे आदिवासियों को पुलिस ने पीटकर वापिस भेज दिया

Janjwar Team
11 March 2018 2:32 PM GMT
अरविंद केजरीवाल से मिलने जा रहे आदिवासियों को पुलिस ने पीटकर वापिस भेज दिया
x

यह आदिवासी आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल से दिल्ली मिलने के लिए आ रहे थे...

हिमांशु कुमार
प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता

लक्ष्मी की बेटी हिड़मे को छत्तीसगढ़ में पिछले साल सुरक्षाबलों ने घर से खींचकर निकाला और जंगल में ले जाकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। उन्होंने उसकी योनि में चाकू डालकर नाभि तक चीर दिया और उसके बाद उसे गोलियां मारी। बाद में हिड़मे की लाश को नक्सलियों जैसी नई वर्दी पहनाई गई।

हिड़मे की मां लक्ष्मी केजरीवाल से मिलने के लिए आ रही थी। गोरखा गांव का भीमा हिड़मे की हत्या के इस मामले में गवाह था। उसने सुरक्षाबलों के सिपाहियों को हिड़मे को खींचकर जंगल की तरफ ले जाते हुए देखा था। जब भीमा गवाही के लिए आ रहा था तो उसे पुलिस वालों ने पीटा था।

उसने कोर्ट में शिकायत करी, दोबारा पुलिस वालों ने घर में जाकर भीमा की पिटाई करी, भीमा ने फिर कोर्ट में शिकायत करी, लेकिन पुलिस वालों ने तीसरी बार फिर उसको गांव में जा कर पीटा और जान से मारने की धमकी दी।

भीमा भी केजरीवाल से मिलने के लिए आ रहा था। बुर्कापाल गांव के 35 आदिवासियों को रोजगार दिलाने के बहाने जमा किया गया और पुलिस उनका अपहरण करके ले गई और माओवादी कह कर उन्हें जेल में डाल दिया।

उनके परिवार की महिलाएं भी अरविंद केजरीवाल से मिलने आ रही थी, यह सभी आदिवासी जब कुकानार थाने के सामने से गुजर रहे थे तो पुलिस ने इन्हें रोक लिया और पूछा कि कहां जा रहे हो ? आदिवासियों ने बताया कि रायपुर में आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल की मीटिंग है हम उनसे मिलने जा रहे हैं

तो पुलिस ने इन लोगों को बुरी तरह पीटा फिर पुलिस वालों ने इन्हें जबरदस्ती बस में चढ़ाया और पुलिस की गाड़ी काफी दूर तक इन्हें वापस इनके गांव की तरफ छोड़ कर आई।

इन आदिवासियों को पुलिस ने धमकी दी कि अगर तुमने केजरीवाल की मीटिंग की तरफ एक कदम भी बढ़ाया तो तुम्हें जिंदगी भर जेलों में सड़ा दिया जाएगा।

छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री रमन सिंह और भारत का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ जाकर बड़ी-बड़ी सभाएं करते हैं और वहां वह आदिवासी युवाओं से आह्वान करते हैं कि वे लोग हथियारबंद संघर्ष का रास्ता छोड़ कर राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल हो

लेकिन जब बस्तर के लोग किसी भी राजनीतिक गतिविधि में शामिल होते हैं, तो पुलिस उन पर हमला करती है, और उनकी समस्त राजनीतिक गतिविधियों को रोक देती है।
यह गंभीर राजनीतिक तानाशाही का मामला है।भाजपा अपने अलावा किसी दूसरी पार्टी को राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल होने से रोकना चाहती है.... इसका पुरजोर विरोध किया जायेगा।

Janjwar Team

Janjwar Team

    Next Story

    विविध