ऊना के बाद फिर आया गुजरात से एक दलित लड़के की निर्मम पिटाई का वीडियो
2—3 लड़के एक दलित की लात—घूंसों से पिटाई करते हुए लगातार उससे पैरों में पड़कर माफी मांगने को कह रहे हैं। पांवों पकड़कर दलित युवा उनसे अपनी जान बख्शने की गुहार लगा रहा है, मगर उसकी एक नहीं सुनी जा रही...
अहमदाबाद, जनज्वार। दलितों पर होने वाली हिंसा की घटनाएं एक के बाद एक जिस तरह सामने आ रही हैं, उससे नहीं लगता कि देश में उनके हालातों में कोई भी सरकार बदलाव ला पाएगी। देश के प्रधानमंत्री मोदी अपने लच्छेदार भाषणों में हमेशा दावा करते रहते हैं कि दलित हिंसा देश से खत्म कर दी जाएगी, मगर हालात यह हैं कि उनका अपना ही गृहराज्य दलित हिंसा में एक के बाद एक रिकॉर्ड कायम कर रहा है। ऊना पहले से ही गुजरात के माथे पर बदनुमा दाग की तरह है, उस पर सरेआम एक दलित युवा की पिटाई का एक वीडियो जिस तरह वायरल हो रहा है, उसने तमाम सवाल खड़े कर दिए हैं।
सोशल मीडिया पर दलित लड़के की पिटाई का जो वीडियो वायरल हो रहा है, वह गुजरात के अहमदाबाद के मांडल इलाके का बताया जा रहा है। 2—3 लड़के एक दलित की लात—घूंसों से पिटाई करते हुए लगातार उससे पैरों में पड़कर माफी मांगने को कह रहे हैं। दलित युवा उनसे अपनी जान बख्शने की गुहार लगा रहा है, मगर उसकी एक नहीं सुनी जा रही है। उसे पटक—पटककर मारा जा रहा है।
अभी तक इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया है या नहीं यह बात मीडिया में नहीं आ पाई है। दलित युवा दबंग लड़कों से अपनी जान बचाने के लिए भागने की भी कोशिश करता है, मगर उसे भागने नहीं दिया जाता। उसे पीछे से दबोच कर पटक—पटककर पीटा जा रहा है। दलित युवा पीटने वाले दबंग जाति के लोगों के पांव पड़कर माफी भी मांगता है, बावजूद इसके उस पर रहम नहीं किया जाता।
वीडियो का यूट्यूब अपलोड होने नहीं दे रहा है इसे आप जिग्नेश मेवानी के ट्वीटर से देखें
दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने इस वीडियो को अपने ट्वीटर को साझा करते हुए लिखा है, गुजरात सरकार एक बार फिर दलितों के प्रति होने वाले अत्याचारों को रोकने में नाकाम रही है। आखिर गुजरात में दलितों पर होने वाली हिंसा और उनकी बदतर हालातों को समझने के लिए और कितने उना की आवश्यकता है?
देश में दलित उत्पीड़न की इससे भी भयानक घटनाएं सामने आती रहती हैं। अभी कुछ दिन पहले गुजरात के राजकोट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें कुछ लोगों ने एक कूड़ा बीनने आए दलित जोड़े की जमकर पिटाई की थी। इसके अलावा देशभर में दलित उत्पीड़न की रूह कंपा देने वाली घटनाएं सामने आती रहती हैं, मानो वो इंसान नहीं जानवर से भी बदतर हों।
इसी तरह बिहार के कटिहार जनपद स्थित आजमनगर थाना क्षेत्र में 10 जून की रात हुए एक जघन्य कांड में दलित परिवार को उसकी झोपड़ी में बंद कर जिंदा जला दिया गया। इस नृशंस हत्याकांड में दलित परिवार की दो बच्चियों की मौके पर की मौत हो गई और अपाहिज मां भी थोड़ी देर बाद मर गई, जबकि पिता बज्जन दास की हालत बहुत नाजुक बनी हुई थी।