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राजनीति

गुजरात में दलित लड़की की रेप के बाद हत्या मामले में प्रदर्शन हुए उग्र, उठी सख्त कार्रवाई की मांग

Prema Negi
14 Jan 2020 11:46 PM IST
गुजरात में दलित लड़की की रेप के बाद हत्या मामले में प्रदर्शन हुए उग्र, उठी सख्त कार्रवाई की मांग
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गुजरात की मोडासा की निर्भया को न्याय दिलाने के लिए सारे गुजरात में विरोध प्रदर्शन हुए तेज, तमाम सामाजिक-राजनीतिक संगठनों समेत पार्टियां भी उतरीं विरोध में, कच्छ में 1000 लोगों ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर पुलिस कर्मचारी और आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही करने की रखी मांग...

कच्छ से दत्तेश भावसार की रिपोर्ट

जनज्वार। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाले प्रधानमंत्री मोदी के गृहराज्य गुजरात में ही बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। तमाम तरह के उत्पीड़न, शोषण और रेप जैसे जघन्य अपराध उनके साथ आम हो गये हैं। आरोपियों द्वारा बलात्कार जैसा घृणित कांड करने के बाद नृशंस तरीके से पीड़ित बच्चियों-महिलाओं को मौत के घाट उतारा जा रहा है।

गुजरात के मोडासा में हाल में ही एक ऐसी घटना सामने आयी है, जिसने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की हकीकत को उघाड़कर रख दिया है। मोडासा में 1 जनवरी से गायब 19 वर्षीय दलित लड़की 5 जनवरी को पेड़ से लटकी हुई मिली। बाद में उसकी रेप के बाद हत्या की पुष्टि हुई, जिसमें पुलिस की भूमिका बहुत लचर रही।

दलित लड़की के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मामले में पूरे गुजरात में धरना-प्रदर्शन तीव्र हो गये हैं। निर्भया को न्याय दिलाने के लिए गुजरात में कई जगहों पर धरना प्रदर्शन और आंदोलन चल रहे हैं। इसी कड़ी में कच्छ जिले में भी कई संगठनों ने मिलकर प्रदर्शन आयोजित किया और कलेक्टर को ज्ञापन देकर आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करने की मांग की।

स धरना-प्रदर्शन में अनेक संस्थाओं के अलावा आम आदमी पार्टी ने भी विरोध दर्ज कराया और ज्ञापन देकर तुरंत ही कार्यवाही करने की मांग की है।

लित लड़की के साथ 5 जनवरी को दुष्कर्म करके उसकी लाश को पेड़ पर लटका दिया गया था, जिससे दलित समाज और अन्य समाज के लोगों में रोष व्यापक तौर पर देखा जा रहा है।

गौरतलब है कि 1 जनवरी को यह दलित लड़की गायब हो गयी थी, जिसका शव 5 जनवरी को पेड़ से लटकता हुआ मिला था। बाद में लड़की के साथ गैंगरेप के बाद हत्या की पुष्टि हुई। इस मामले में गुजरात पुलिस के रवैये से नाराज लड़की के परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया था। पुलिस ने जब निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया उसके बाद हत्‍या के 4 दिन बाद 9 जनवरी को लड़की की लाश का अंतिम संस्‍कार किया गया था।

स मामले में कच्छ में भारतीय महिला अत्याचार विरोधी मोर्चा के प्रमुख नरेश महेश्वरी ने ज्ञापन देते हुए डीएम से मांग की है कि बलात्कार और हत्यारोपियों की जाति से आने वाले पुलिस कर्मचारी ने अपने समाज के लोगों को बचाने के लिए कोई कार्यवाही नहीं की और की गई कार्यवाही में भी बहुत ही कोताही बरती गई है। इस मामले में तुरंत ही उस पुलिस इंस्पेक्टर को सस्पेंड किया जाए और अन्य जिम्मेदार लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दायर किया जाए।

स पूरे विरोध प्रदर्शन में भारतीय महिला अत्याचार विरोधी मोर्चा, राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच, भीम आर्मी, आम आदमी पार्टी, कच्छ सुन्नी मुस्लिम हित रक्षक समिति के अलावा और भी कई प्रमुख संगठनों और दलों ने हिस्सा लिया और रैली का आयोजन करके कलेक्टर ऑफिस में ज्ञापन सौंपा।

स घटना के संदर्भ में भारतीय महिला अत्याचार विरोधी मोर्चा के पदाधिकारी कहते हैं, गुजरात में ऐसी कई घटनायें सामने आ चुकी हैं, मगर आरोपियों के रसूखदार होने के कारण पुलिस महकमा आरोपियों को बचाने में लग जाता है। कच्छ के ही एक और मामले में भी नाबालिग के साथ हुए रेप के बाद नाबालिग ने आत्महत्या कर ली थी। उस मामले में भी बलात्कार के बाद आत्महत्या के लिए दोषी आरोपी और तफ्तीश करने वाले अधिकारी एक ही समाज के होने के कारण आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई थी।

स मामले में जनज्वार टीम ने पीड़िता के परिवार के साथ रहकर पीड़िता के परिवार को न्याय दिलाने में सहायता की थी, मगर हर मामले में ऐसा नहीं हो पाता। ज्यादातर मामले तो मीडिया में आ ही नहीं पाते। कई मामले पुलिस की तरफ से रफा-दफा किए कर दिये जाते हैं।

ना में दलितों के साथ हुए अत्याचार के मामले के बाद उनके परिवार को सुरक्षा प्रदान नहीं की गई थी और उनके ऊपर भी कई तरह के दबाव और धमकियां दी गईं। इस मामले में भी पीड़िता के परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की करने की मांग जनसंगठनों की तरफ से उठायी जा रही है।

गौरतलब है कि बलात्कार आरोपियों के उच्च जातियों से ताल्लुक रखने के कारण कई मामलों में गुजरात पुलिस की भूमिका संदिग्ध देखी जा रही है। जांच में भी कई मामलों में पुलिस की भूमिका पर प्रश्न चिह्न लगे हैं। इस मामले में भी गुजरात पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में है। पीड़िता के दलित जाति का होने के कारण भी पुलिस की तरफ से बहुत ही कोताही बरती जाने के आरोप परिवार की तरफ से लगाये जा रहे हैं।

राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच की वनीता बहन मांग करती हैं, हैदराबाद की डॉ. रेड्डी के हत्यारों और बलात्कारियों के साथ जो सलूक पुलिस की तरफ से किया गया, वैसा ही सुलूक इन आरोपियों के साथ किया जाए, ताकि पूरे गुजरात में कायदे का शासन है यह मैसेज समाज में जा सके।

रना प्रदर्शन कच्छ मुस्लिम हित रक्षक समिति के प्रमुख इब्राहिम हालेपोत्रा ने भी सख्त शब्दों में अपरा विरोध दर्ज कराया।

म आदमी पार्टी के लालजी भाई ठाकुर कहते हैं, हम कड़े शब्दों में इस घटना का विरोध करते हैं और डीएम को ज्ञापन देकर तुरंत ही जिम्मेदार पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग करते हैं। आने वाले दिनों में अगर जिम्मेदार पुलिस कर्मचारी और आरोपियों के खिलाफ गंभीरता से कार्यवाही नहीं होगी तो आम आदमी पार्टी सड़कों पर उतरेगी और विरोध प्रदर्शन के साथ-साथ संविधान में दिए हुए अधिकारों के साथ पुरजोर से आंदोलन करेगी। लोगों को जागृत करके कानून व्यवस्था का राज्य स्थापित हो पाए, इसके लिए हम लोग जन आंदोलन खड़ा करेंगे।

लित लड़की की रेप के बाद हत्या मामले में डीएम ने ज्ञापन स्वीकारते हुए सारे संगठनों और पार्टियों को आश्वासन दिया है कि उनकी तरफ से तुरंत ही मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन भेजा जाएगा और सभी संगठन के लोगों की भावनाओं का आदर करते हुए कार्यवाही करने के लिए भेज दिया जाएगा।

गौरतलब है कि आज 14 जनवरी को हुए इस कार्यक्रम में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस नदारद रहा और आनन-फानन में अपनी साख बचाने के लिए शाम को डीएम ऑफिस में गिने-चुने लोगों के साथ ज्ञापन देने कांग्रेस कार्यकर्ता पहुंचे। गुजरात में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस होने के बावजूद भी इस मामले में कांग्रेस की प्रतिक्रिया मिली-जुली रही है। तौर पर ऐसे मामलों में विपक्ष बहुत ही आक्रामक रुख अख्तियार कर पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने में महती भूमिका निभाता है, मगर इस घटना को लेकर कांग्रेस बैकफुट पर दिख रही है।

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