- Home
- /
- सिक्योरिटी
- /
- फोर्टिस हॉस्पिटल पर...
फोर्टिस हॉस्पिटल पर एफआईआर और मैक्स पर कार्रवाई की मांग
निजी अस्पतालों पर सोशल मीडिया के प्रेशर के कारण सरकार आई काबू में और फोर्टिस और मैक्स जैसे फाइव स्टार अस्पतालों के खिलाफ कसा शिकंजा
फोर्टिस ने 15 दिन डेंगू के इलाज का वसूला था 16 लाख तो मैक्स हॉस्पिटल ने जिंदा बच्चे को ही कफन में लपेट दिया
जनज्वार, दिल्ली। इलाज के नाम पर लाखों की वसूली करने वाले बड़े निजी अस्पतालों के खिलाफ सरकार ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। जनदबाव में सरकार द्वारा बरती गई यह सख्ती तब अमल में आएगी जब इन अस्पतालों के मुनाफाखोर मालिक और मरीजों को पैसे की मशीन मान चुके डॉक्टर जेलों में ठूसे जाएंगे।
गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल के खिलाफ कल हरियाणा सरकार ने तीन सदस्यीय पैनल के निर्णय के बाद एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने पत्रकारों को बताया कि यह एफआईआर डेंगू पीड़ित 7 वर्षीय बच्ची की मौत और उसके परिजनों से 15 दिन में वसूले गए 16 लाख रुपए के खिलाफ दर्ज की है।
संबंधित खबर : फोर्टिस अस्पताल ने पथरी के आॅपरेशन का वसूला 55 लाख, फिर भी नहीं बचा मरीज
मंत्री ने कहा कि फोर्टिस अनियमितताओं और अनैतिक डॉक्टरी पेशा अपनाने की तमाम गड़बड़ियों से भरा पड़ा है। हरियाणा सरकार फोर्टिस के ब्लड बैंक और फॉर्मेसी को लाइसेंस निरस्त करने के मामले में पहले ही कारण बताओ नोटिस जारी कर चुकी है। 50 पन्नों की जांच रिपोर्ट में फोर्टिस अस्पताल में कई अनियमितताएं पाई गई हैं।
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने 7 वर्षीय आद्या की मौत के मामले में यह एक्शन आद्या के पिता द्वारा सोशल मीडिया पर अपनी साथ हुए घटनाक्रम का खुलासा करने के बाद लिया है। सोशल मीडिया पर आद्या के पिता ने आमजन से अपील की थी कि क्यों न ऐसे खून चूसने वाले अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई हो।
ये था पूरा मामला : फोर्टिस ने 15 दिन में वसूले 16 लाख, फिर भी नहीं बची डेंगू पीड़ित बच्ची
वहीं राजधानी दिल्ली स्थित शालीमार बाग के मैक्स हॉस्पिटल में पैदा हुए दोनों जुड़वा बच्चों की मौत हो चुकी है। जिनमें से एक की मौत जन्म के तुरंत बाद हो गई थी और दूसरे जिंदा बच्चे को मैक्स ने मृत बताकर कफन में लपेट दिया था। दूसरे बच्चे की पीतमपुरा के एक अस्पताल में इलाज के दौरान कल मौत हो गई। 30 नवंबर को जन्मे ये जुड़वा बच्चे प्रीमेच्योर थे।
बच्चों के पिता आशीष कुमार ने पुलिस में शिकायत की है कि कल इलाज के दौरान मेरे बच्चे की इंफेक्शन से मौत इसलिए हुई, क्योंकि मैक्स ने उसके जिंदा रहते ही उसे पॉलिथीन में लपेट दिया था। पॉलिथीन से उसे इंफैक्शन हुआ।
इस मामले में मैक्स हॉस्पिटल दो डॉक्टरों को निकाल चुका है, लेकिन बच्चे के पिता आशीष कुमार ने सरकार से मांग की है कि अस्पताल का लाइसेंस रद्द किया जाए।
ये किया था मैक्स ने : मैक्स हॉस्पिटल ने जिंदा बच्चे को बताया मरा, कफन में लपेट सौंप दिया परिजनों को