Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

क्या 2019 में भाजपा की 'B team' ही साबित होगी आप

Prema Negi
4 July 2018 3:23 PM GMT
क्या 2019 में भाजपा की B team ही साबित होगी आप
x

उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में जिस तरह से आप एकाएक अति सक्रिय और अतिउत्साही दिखी है, उससे लगता है कि वह 2019 लोकसभा चुनावों के मद्देनजर महागबंधन से अ​लग वह कुछ नया राग अलापेगी

कांग्रेस आम आदमी पार्टी पर आरोप लगा चुकी है कि बीजेपी और आप की लड़ाई केवल दिखावा मात्र है, अंदर से दोनों पार्टियां मिली हुई हैं, क्योंकि आज के दौर में आप सिर्फ कांग्रेस का ही वोट काटेगी

स्वतंत्र कुमार की रिपोर्ट

जनता ने हमेशा आम आदमी पार्टी सुप्रीमो केजरीवाल को देश के प्रधानमंत्री मोदी से उलझते हुए ही देखा और सुना होगा। क्या कभी ये नहीं लगता कि आप नेता का बीजेपी के प्रति ये गुस्सा ऊपरी तौर पर है, लेकिन अंदरखाने कुछ और ही खिचड़ी पकती है जिसका न तो मीडिया को पता चलता है और न ही आम जनता को समझ आता है कि आखिर आप की राजनीति क्या है?

दरअसल आम आदमी पार्टी जहां भी चुनाव होते हैं, वहीं खुद चुनाव लड़ने का दावा ठोक देती है, भले ही उसे वोट सैकड़ों से हज़ार में मिले। आम आदमी पार्टी का वोट परंपरागत रूप से वही है जो वोट बैंक कांग्रेस व अन्य सेक्युलर पार्टियों का है।

इस तरह आम आदमी पार्टी अपने उम्मीदवार उतार कर सेक्युलर वोट बैंक में ही सेंध लगाती है। यानी आप परोक्ष रूप से बीजेपी को फायदा पहुंचाते नज़र आती है। इसका उदाहरण गुजरात और कर्नाटक लोगों के सामने है। ये आरोप सीधे तौर पर कांग्रेस आम आदमी पार्टी पर लगा चुकी है कि बीजेपी और आप की लड़ाई केवल दिखावा मात्र है, अंदर से दोनों पार्टियां मिली हुई हैं।

आने वाले समय में लोकसभा चुनाव और कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं, जहां कांग्रेस के सत्ता में वापसी के पूरे आसार हैं। लेकिन आम आदमी पार्टी भी इन राज्यों में चुनाव लड़ने की घोषणा कर डाली। इतना ही नहीं राजस्थान में आप अपने 20 कैंडिडेट भी घोषित कर चुकी है। ऐसे में अगर आप राजस्थान में चुनाव लड़ती है तो सीधे तौर पर कांग्रेस के वोट कटेंगे और लाभ सीधा बीजेपी को होगा।

इसी तरह मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी आप कांग्रेस के वोट काटकर सीधा बीजेपी को लाभ पहुंचाएगी।

इन दिनों आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह उत्तर प्रदेश में जनाधिकार यात्रा निकाल रहे हैं। उत्तर प्रदेश में बसपा, सपा और कांग्रेस का गठबंधन होता है तो आम आदमी पार्टी का कोई वजूद न होने के चलते उसे महागठबंधन में जगह नहीं मिलेगी तो सवाल है आप नेता अभी से राज्य में यात्रा क्यों निकाल रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश में लोकसभा के कैंडिडेट तलाशने के लिये ये यात्रा निकाल रही है, ताकि उसे ऐसे कैंडिडेट मिल जायें जो अपने दम पर 30 से 50 हज़ार वोट लें आये। ऐसी परिस्थिति में महागठबंधन के वोट कटेंगे और सीधा लाभ बीजेपी को होगा। आने वाले लोकसभा के चुनावों के लिये आप की यही रणनीति दूसरे राज्यों में भी काम करेगी।

इसी तरह पार्टी का नाम चर्चा में रखने के लिए आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में पार्टी के संयोजक नवीन जयहिंद को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है, जबकि पार्टी हरियाणा में पार्षदी के चुनाव जीतने की हालत में भी नहीं है। फिर ऐसी घोषणा के क्या मायने।

दरअसल इस तरह की घोषणा करके आम आदमी पार्टी अपना वजूद दिखा हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों पर 10 ऐसे कैंडिडेट तलाश कर लेगी, जिन्हें 50 हज़ार तक वोट मिल सकें। ये वोट सीधे तौर पर कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध होगी और इसका लाभ भी सीधे तौर पर बीजेपी को मिलेगा।

आम आदमी पार्टी के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक पिछले दिनों जब दिल्ली में शीला दीक्षित और अजय माकन एकजुट होकर काम करने लगे तो आम आदमी पार्टी में खलबली मच गई और आप व बीजेपी ने मिलकर एलजी के घर पर धरने के ड्रामा रचा, जिससे कांग्रेस एक बार फिर पीछे खिसकती दिखी और आप ने खुद को दिल्ली के लिए संघर्ष करने वाली पार्टी के तौर पर फिर से खुद को स्थापित कर लिया।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक बीजेपी को पता था कि यदि कांग्रेस दिल्ली में मजबूत हुई तो ये मैसेज पूरे देश में जायेगा और इसका सीधा नुकसान बीजेपी को होगा। लेकिन आप के साथ मिलकर बीजेपी ने ऐसा खेल खेला है जिससे आम आदमी पार्टी के साथ साथ बीजेपी को भी लाभ हो गया।

कुल मिलाकर अब यह गुप्त बात नहीं रह गई है कि बाहर से एक दूसरे के जानी दुश्मन आम आदमी पार्टी और बीजेपी अंदर से एक दूसरे के मददगार हैं।

(फोटो : माई वॉइस डॉट आपइंडिया से)

Next Story

विविध