कानपुर के फेथफुल गंज से पकड़ा गया 'डॉक्टर बम' के नाम से मशहूर जलीस अंसारी
कानपुर के फेथफुल गंज में पकड़ा गया जलीस अंसारी, 1993 बम धमाकों का आरोपी है जलीस, 50 से अधिक बम विस्फोट में है जलीस का नाम, लखनऊ एटीएस ने किया गिरफ्तार....
कानपुर से मनीष दुबे की रिपोर्ट
जनज्वार। कानपुर के फेथफुल गंज से 1993 में मुम्बई में हुए बम धमाकों के आरोपी जलीस अंसारी को लखनऊ एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है जलीस मुम्बई की जेल से पैरोल पर बाहर आया था जहां से मौका देखकर फरार हो गया।
50 से अधिक बम विस्फोट में उसका नाम था और 17 जनवरी को वापस पैरोल खत्म कर उसे वापस जेल जाना था। पेशे से डॉक्टर जलीस को बीती 26 दिसम्बर को 3 सप्ताह की पैरोल पर छोड़ा गया था।
जलीस यहां की एक मस्जिद से निकल कर रेलवे स्टेशन जा रहा था। वह बम बनाने का मास्टरमाइंड था। जलीस उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर का रहने वाला है। वह कानपुर के सेंट्रल स्टेशन से भागने की फिराक में था।
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देश में कई सिलसिलेवार बम धमाके के मामलों में दोषी करार दिया गया 69 साल का जलीस अंसारी गुरुवार सुबह मुंबई स्थित अपने घर से लापता हो गया। वह 'डॉक्टर बम' के नाम से मशहूर है। उसे 1993 में मुम्बई बम धमाकों के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। उसे उच्चतम न्यायालय ने 21 दिन की पैरोल दी थी, उसके खत्म होने से एक दिन पहले ही वह लापता हो गया है।
अंसारी के परिवार वालों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई है। अंसारी पिछले महीने अजमेर की जेल से पैरोल पर बाहर आया हुआ था। जिसकी मियाद शुक्रवार को खत्म हो रही थी। उस पर 50 से ज्यादा सीरियल धमाकों को अंजाम देने का आरोप है। वह अजमेर की जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। अंसारी के लापता हो जाने से सुरक्षा एजेंसियां सकते में आ गई थीं।
महाराष्ट्र एटीएस, मुंबई क्राइम ब्रांच समेत अन्य एजेंसियां भी अंसारी की खोज में लग गई हैं। उसके परिवार ने पुलिस को बताया कि वह गुरुवार सुबह मुंबई सेंट्रल स्थित अपने मोमिनपुरा घर से निकला और वापस नहीं आया। पेशे से एमबीबीएस डॉक्टर अंसारी 1994 से जेल में है। उसे सबसे पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने राजधानी एक्सप्रेस में बम लगाने में उसकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था।
अंसारी को पांच और छह दिसंबर, 1993 को राजस्थान में छह स्थानों पर ट्रेनों में विस्फोट करने का दोषी पाया गया था। अंसारी के परिवार का कहना है कि वह गुरुवार को नमाज पढ़ने के लिए घर से निकला था और फिर वापस नहीं आया। उसके परिवार से पुलिस से संपर्क किया। उन्हें लगा कि वह पुलिस स्टेशन गया होगा क्योंकि उसे रोज सुबह पुलिस थाने जाना होता था।
जब उन्हें वह वहां नहीं मिला तो पुलिस ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज की और अंसारी के परिवारवालों के बयान दर्ज किए। एक वरिष्ठ एटीएस अधिकारी ने कहा, 'हम उसे ढूंढ रहे हैं।' पुलिस उस व्यक्ति को भी ढूंढने की कोशिश कर रही है जो अंसारी की पैरोल के लिए जमानतदार बना था। इसके अलावा क्षेत्र की सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है। एक दोषी आमतौर पर 15 से 30 दिनों की पैरोल पाने का हकदार होता है।