Begin typing your search above and press return to search.
समाज

पुलिस में भर्ती हुआ जवान बन गया कश्मीर में 'आतंकवादी'

Janjwar Team
28 Oct 2017 4:01 PM GMT
पुलिस में भर्ती हुआ जवान बन गया कश्मीर में आतंकवादी
x

यह पहली घटना नहीं है बल्कि पहले भी कई कश्मीरी नौजवान पुलिस और सेना में भर्ती होने के चंद महीनों बाद आतंकवादी संगठनों में शामिल होते रहे हैं...

जम्मू—कश्मीर। कुछ महीनों पहले पुलिस की नौकरी में आया कश्मीर पुलिस का जवान इस्ताक अहमद डार आतंकवादी संगठन लश्कर—ए—तैयबा में शामिल होकर उसका लड़ाकू बन गया है। उसके आतंकवादी बनने की पुष्टी उसकी उस तस्वीर से हो रही है जो सोशल मीडिया पर घूम रही है, जिसमें इस्ताक ने एके 47 बंदूक थाम रखी है। हालांकि अभी पुलिस कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही इस्ताक के बारे में कुछ साफ तौर पर कहेगी।

ग्रेटर कश्मीर में छपी खबरों के अनुसार कश्मीर पुलिस में कांस्टेबल की नौकरी पाने वाला इस्ताक अहमद डार शोपियन के जेनापोरा वाची इलाके के गांव हेफ का रहने वाला था। कश्मीर के ही कठुआ पुलिस लाइन में ट्रेनिंग ले रहा इस्ताक अहमद डार अपने अधिकारियों से इसी हफ्ते छुट्टियों पर अपने गांव आया था।

पर कश्मीर पुलिस और आईबी के उस वक्त कान खड़े हो गए जब इस्ताक की एक तस्वीर एके 47 के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो गयी। इस्ताक के घरवालों ने भी 27 अक्टूबर के को इस्ताक के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। हालांकि यह साफ नहीं हो सका है कि घरवालों ने रिपोर्ट इस्ताक की फोटो वायरल होने के बाद दर्ज कराई है या पहले।

शोपियन के एएसपी इफरोज अहमद डार ने कहा कि हम सोशल मीडिया पर आई तस्वीर को लेकर जांच कर रहे हैं पर अभी दावे के साथ कुछ नहीं कहा जा सकता है।

पर कश्मीरी आवाम इस्ताक अहमद डार के आतंकवादी संगठन लश्करे तैयबा में शामिल होने को लेकर निश्चिंत है, क्योंकि यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई पुलिसकर्मी आतंकवादी संगठनों में शामिल हो चुके हैं।

इसी साल मई में शोपियन का ही निवासी सिपाही सैयद नावीद मुस्ताक अपना और चार अन्य इंसास राइफल लेकर ड्यूटी से भागकर हिजबुल मुजाहिद्दीन में शामिल हो गया। वह जिस वक्त इंसास लेकर भागा वह उस वक्त वह फूड कॉरपोरेशन आॅफ इंडिया के बड़गांव जिले के चांदपोरा गोडाउन में ड्यूटी पर तैनात था।

उसके बाद जुलाई में इंडियन आर्मी के सिपाही के रूप में भर्ती हुए पुलवामा जिले के सरनू गांव का जहूर अहमद ठोकार ने तीन मैगजीन गोली और एक एके 47 लेकर भाग गया और वह लश्कर का आतंकी बन गया। जब वह भागा उस समय वह 173 आर्मी के इंजीनियरिंग रेजीमेंट में तैनात था।

15 मार्च 2015 को पुलवामा जिले के ही करीमाबाद का रहने वाला नसीर अहमद पंडित उस समय 2 एके 47 लेकर भाग गया जब वह पीडीपी मंत्री के यहां ड्यूटी पर तैनात था। हालांकि नसीर अहमद पिछले साल 7 अप्रैल को मुठभेड़ में एक अन्य आतंकी वसीमाला के साथ शायिपन के विहिल गांव में मारा गया।

Janjwar Team

Janjwar Team

    Next Story

    विविध