Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

BJP का भड़काऊ नेता बोला "बांद्रा की घटना" मस्जिद ने की देश के खिलाफ साजिश, राउत बोले- पुलिस करे FIR

Ragib Asim
15 April 2020 6:16 PM IST
BJP का भड़काऊ नेता बोला बांद्रा की घटना मस्जिद ने की देश के खिलाफ साजिश, राउत बोले- पुलिस करे FIR
x

कपिल मिश्रा ने बिना किसी सबूत के इसे मस्जिद द्वारा कि गई देश के खिलाफ साज़िश तक बता डाला। संकट के समय में कपिल मिश्रा द्वारा की गई इस शर्मनाक हरकत की जमकर आलोचना हो रही है। लोग कपिल मिश्रा को देश में नफ़रत फैलाने के लिए गिरफ़्तार किए जाने कि मांग कर रहे हैं...

जनज्वार। कोरोना की भयावहता के बीच भी नेता अपनी नफरत की राजनीति करने से बाज नहीं आ रहा है, इसलिए भारत में आते ही इसका सांप्रदायिकरण हो गया है। नफरत की राजनीति इस बीच चरम पर है।

हले से ही सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के खिलाफ कई वीडियो उन्हें कोरोना वायरस कहते हुए प्रचारित किये जा रहे हैं, अब नेताओं ने भी दूसरे तरीके से मुस्लिमों पर हमला करना शुरू कर दिया है। भाजपा इन सबसे सबसे आगे है।

पिछले दिनों दिल्ली में हुए सीएए-एनआरसी के दंगों में अग्रणी भूमिका निभाने वाले कपिल मिश्रा कोरोना के नाम पर सांप्रदायिक राजनीति करने से बाज नहीं आये। मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर दूसरे लॉकडाउन की घोषणा के बाद इकठ्ठा हुई भीड़ के मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश करते हुए कपिल मिश्रा ने एक भड़काऊ ट्वीट किया कि, 'जो मुंबई में हो रहा है, हजारों लोग एक साथ एक जगह, यह बिना प्लानिंग के असंभव है। जैसे दिल्ली में बसों में भीड़ भेजी गई, मुंबई में भी वैसी ही साजिश है। ट्रेनें बंद हैं तो भीड़ स्टेशन पर कैसे आई? क्या मास मैसेजिंग हुई? कुछ लोग देश के खिलाफ बहुत गंदी साजिश कर रहे हैं।'



?s=20

संबंधित खबर : मोदी के गुजरात मॉडल में कोरोना मरीज़ों में हिंदू-मुस्लिम का भेदभाव, धर्म के आधार पर अलॉट किए जा रहे बेड, डॉक्टर बोले- राज्य सरकार का है आदेश

पने एक अन्य ट्वीट में कपिल मिश्रा ने बांद्रा की भीड़ को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश करते हुए लिखा है, तीन बड़े कड़वे सवाल - 1. अगर घर जाने वाले मजदूरों की भीड़ तो इनमें से किसी के भी पास बड़े बैग, थैले, समान क्यूं नहीं? 2. भीड़ जामा मस्जिद के सामने क्यूँ? 3. महाराष्ट्र में 30 अप्रैल तक का लॉकडाउन पहले से ही घोषित था तो आज हंगामा क्यूं? ये साजिश हैं..'



?s=20

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 14 अप्रैल को दूसरा लॉकडाउन 3 मई तक के लिए घोषित करने के बाद मुंबई के बांद्रा में हजारों हजार मजदूर इकट्ठा हो गये थे। इस भीड़ को मुंबई पुलिस को बलप्रयोग कर वहां से हटाना पड़ा था। मजदूरों का कहना था कि वे किसी भी हाल में अपने घर वापस जाना चाहते हैं। उनके सामने भुखमरी एक बड़ा संकट था।

मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन का नजारा कुछ ऐसा ही नजर आ रहा था, जैसा पहला लॉकडाउन घोषित होने के बाद दिल्ली के आनंद विहार में नजर आया था। आनंद विहार पर भी हजारोंहजार लोग इकट्ठा हो गये थे। बड़ी संख्या में पैदल ही लोग सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने घरों के लिए निकले थे, जिनमें से दर्जनों मजदूरों—गरीबों की मौत भी हुई थी।

बांद्रा की भीड़ को कपिल मिश्रा ने इसलिए सांप्रदायिक रंग दिया, क्योंकि भीड़ के साथ एक मस्जिद नजर आ रही थी, उसी को टार्गेट कर उन्होंने इस भीड़ को प्रायोजित भीड़ करार देने की पूरी कोशिश की।

संबंधित खबर : लॉकडाउन में राशन के नाम पर केजरीवाल बांट रहे गरीबों को गेहूं, क्या वे इसे कच्चा चबायेंगे

पिल मिश्रा की सोशल मीडिया पर इस ट्वीट के बाद खूब आलोचना हुई, कहा कि वे कोरोना संकट का सांप्रदायिकरण कर रहे हैं। इसी के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने इस मामले पर गौर किया और मुंबई पुलिस से मांग की कि कपिल मिश्रा जैसे लोगों पर एफआईआर दर्ज की जाये।

संजय राउत ने ट्वीट किया कि “कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में हम सभी को एकजुट होना चाहिए, लेकिन कपिल मिश्रा जैसे लोग प्रधानमंत्री की बात भी नहीं सुन रहे हैं और बांद्रा में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं। मुंबई पुलिस को ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी चाहिए।”



?s=20

Next Story

विविध