दो दिन के लिए पश्चिम बंगाल के दौरे पर पहुंचे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह चाहते थे बंगाली समाज के बड़े और लोकप्रिय बुद्धिजीवियों से मिलना और संबोधित करना, लेकिन बुद्धिजीवियों ने कहा हम नहीं मिलेंगे अमित शाह से
जनज्वार। 27 जून को देश के प्रमुख पूर्वी राज्य पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह चाहते थे कि वह अपनी दो दिन की यात्रा में कोलकाता की संस्कृति, समाज और कला के बड़े विद्वानों—बुद्धिजीवियों से मिलें, लेकिन राज्य भाजपा को इसमें सफलता नहीं मिली।
'वंदे मातरम' गीत के रचयिता बंकिम चंद्र चटोपाध्याय की जन्मतिथि 27 जून को आयोजित एक कार्यक्रम पहुंचे अमित शाह का मूड था कि वह बंगाली बुद्धिजीवियों को प्रभावित कर अपने पक्ष में करें, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन ने किया था।
द हिंदू में छपी खबर के मुताबिक प्रसिद्ध अभिनेता सौमित्र चटर्जी, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज अशोक गांगुली, लेखक—कार्यकर्ता संतोष राना, थियेटर अभिनेता रुद्रप्रसाद सेन गुप्ता, चंदन सेन मित्रा, गायक अमल पॉल और पेंटर समीर आइच ने अमित शाह से मिलने और बंकिम चंद्र पर उनका भाषण सुनने से इनकार कर दिया।
बंगाल भाजपा की राज्य इकाई ने करीब 250 लेखकों, बुद्धिजीवियों और सामाजिक रूप से सक्रिय लोगों को दक्षिणी कोलकाता के आॅडोटोरियम में बुलाया था। पदाधिकारियों ने कहा भी कि सैकड़ों के संख्या में बुद्धिजीवी आएंगे पर ऐसा नहीं हुआ। हां, उनमें से ज्यादातर ने निमंत्रण को स्वीकार भी किया पर जाने में असमर्थता जताई।
द हिंदू अखबार के अनुसार शाह के कार्यक्रम के लिए अभिनेता सौमित्र चटर्जी को भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने निमंत्रित किया था, लेकिन वह नहीं गए क्योंकि उन्हें भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति और नोटबंदी देशहित में नहीं लगती।
इसी तरह लेखक और थियेटर निर्देशक मनोज मित्रा से भाजपा के वरिष्ठ नेता मुकुल राय ने मिलकर उन्हें आज के कार्यक्रम के लिए निमंत्रित किया था, पर वह भी नहीं गए। बकौल मनोज मित्रा, 'कार्यक्रम के बारे में जानकर मैं उत्साहित था पर मैंने मुकुल राय को बता दिया कि मैं आ नहीं सकता।'