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लॉकडाउन: सोलन में किसानों के लिए हेल्पलाइन शुरू, फसल कटायी के लिये मंगा सकते हैं मशीन
प्रवासी मजूदर अपने अपने घरों को चले गये हैं। ऐसे में फसल की कटाई किसानों के लिए परेशानी की वजह बन गयी थी। ऐसे में यदि मशीन उन्हें समय पर मिल जाए तो उनकी परेशानी कुछ हद तक कम हो सकती है...
जनज्वार ब्यूरो, शिमला। प्रवासी मजदूरों के पलायन के बाद फसल कटाई के लिए लेबर की समस्या का सामना कर रहे किसानों के लिए डीसी सिरमौर की पहल उम्मीद की एक किरण जगा रही है। डीसी सिरमौर डाक्टर आरके पुरूथी ने एक किसान हेल्प लाइन शुरू की है। इससे जिले का कोई भी किसान काल कर मदद मांग सकता है।
डीसी ने बताया कि किसानों की फसल कटाई के लिए परेशानी न आये। इसी को ध्यान में रख कर यह हेल्प लाइन शुरू की गयी है। उन्होंने बताया कि फसल कटाई के लिए 30 रिपर और दो हार्वेस्टर उपलब्ध कराये गये हैं । यह मशीन पांवटा साहिब के आसपास के किसानों के उपलब्ध होगी।
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डीसी ने बताया कि इस वक्त क्योंकि फसल कटाई का सीजन चल रहा है। ऐसे में इस तरह के उपाय किसानों के लिए खासे कारगर साबित हो सकते हैं। इसी को ध्यान में रख कर यह कदम उठाया गया है। डीसी की पहल से किसान भी खासे उत्साहित है।
किसानों ने बताया कि जिस तरह से गेहूं व सरसों की कटाई के लिए इस तरह के कदम उठाये गये हैं। इसी तरह से फूल, फल व सब्जी की खेती करने वाले किसानों को भी ओर भी ध्यान दिया जाना चाहिये। उन्हें भी इस तरह की कोई सुविधा मिल जाये तो लॉकडाउन का मुश्किल समय उनके लिये कुछ आसान हो सकता है।
लॉकडाउन हिमाचल के किसानों के लिये काफी दिक्कत वाला साबित हो रहा है। क्योंकि यहां बड़ी संख्या में किसान फूलों व सब्जी की खेती भी करते हैं। ऐसे किसानों को भी यदि इसी तरह की कोई सुविधा मिल जाये तो उनके लिये भी यह मुश्किल वक्त आसान हो सकता है।
हिमाचल सीमांत किसान संघ के प्रधान सोमेश ठाकुर ने बताया कि इसके लिए सरकार एक मैकेनिज्म तैयार कर लें। यहां की सब्जी यदि दिल्ली तक पहुंच जाये तो कम से कम फसल खेत में सड़ने से तो बच जायेगी।
उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं है कि सब्जी की डिमांड नहीं है। लेकिन कोई भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए कोई सिस्टम बनना चाहिए, जिससे किसानों के फल और सब्जी तो कम से कम उपभोक्ता तक पहुंच सके। इसके लिए संभावना तलाशी जानी चाहिये। यदि ऐसा होता है तो किसान बहुत भारी आर्थिक संकट से बच सकते है।
सोमेश ठाकुर ने बताया कि सिरमौर के डीसी ने जो रास्ता निकाला है, इसमें सरकार का किसी तरह का अतिरिक्त खर्च नहीं हुआ है। बस उन्होंने एक सिस्टम तैयार किया है। इसी तरह का सिस्टम यदि फसल व सब्जी के लिए हो जाये तो किसानों के कल्याण के लिए यह बहुत बड़ा कदम साबित हो सकता है।