गुजरात चुनाव से ठीक पहले बीजेपी को झटका, किसानों के मुद्दे पर दिया सांसद ने इस्तीफा
गोंदिया से भाजपा सांसद नाना पटोले ने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया है, वे लंबे समय से किसानों की समस्याओं के मुद्दे पर मोदी से थे नाराज, सरकार नहीं उठा रही थी किसानों को लेकर कोई सकारात्मक पहल
अगस्त में पटोले ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की थी। वह महाराष्ट्र सरकार के कर्जमाफी के तरीके से खुश नहीं थे। उन्होंने यह भी कहा था कि भाजपा सरकार किसान समस्याओं को लेकर असंवेदनशील है। माना जा रहा है कि किसानों को लेकर भाजपा की अगंभीरता के कारण ही पिछड़ी जाती के पटोले ने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया है।
भंडारा गोंदिया सीट से सांसद नाना पटोले पूर्व केंद्रीय मंत्री और एनसीपी के नेता प्रफुल्ल पटेल को हराकर सांसद बने थे।
नाना पटोले में सितंबर में मोदी पर आरोप लगाया था कि वह किसी को पार्टी में बोलने नहीं देते हैं। उनका रवैया बहुत ही तानाशहीपूर्ण होता है। नाना पटोले के अनुसार जब उन्होंने प्रधानमंत्री से किसानों की समस्याओं को लेकर बात की तो मोदी ने उन्हें 'शट अप' बोला था। पटोले ने यह सवाल भाजपा सांसदों की बैठक में किया था।
उसी के बाद से पटोले पार्टी में हाशिए पर चल रहे थे। पटोले के अुनसार मोदी को सवाल सुनने की आदत नहीं है। उनकी बैठकों में उनके कहे पर कोई सवाल नहीं करता। गोंदिया सीट से पटोले पहली बार सांसद बने थे। पटोले ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है।
पत्रकार गोपाल झा कहते हैं, प्रफुल्ल पटेल जैसे कद्दावर नेता को डेढ़ लाख वोटों से हराने वाले सांसद नाना पटोले ने लोकसभा और भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मोदी और शाह की कार्यशैली से नाराज होकर यह फैसला किया। पटोले किसानों की बिगड़ती स्थिति से आहत हैं और केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश लागू नहीं करने सबंधी पेश हलफनामे से खफा थे। पटोले के त्यागपत्र से मीडिया को सांप सूंघ गया। सच तो यह है कि यह छोटी घटना नहीं। लेकिन मोदी–शाह को नाराज करने का जुर्म क्यों करेंगे खबरिया चैनल वाले?