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जनज्वार विशेष

कोरोना की आड़ में रोबोट्स को पत्रकारिता की कमान सौंप माइक्रोसॉफ्ट ने 2 दर्जन से ज्यादा पत्रकारों को निकाला नौकरी से

Prema Negi
30 May 2020 1:06 PM GMT
कोरोना की आड़ में रोबोट्स को पत्रकारिता की कमान सौंप माइक्रोसॉफ्ट ने 2 दर्जन से ज्यादा पत्रकारों को निकाला नौकरी से
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माइक्रोसॉफ्ट से निकाले गये पत्रकारों ने कहा वे वर्षों से रोबोट और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस से सम्बंधित समाचार बड़े चाव से एमएसएन वेबसाइट पर लगाते रहे हैं और इसमें तेजी से होती तरक्की से प्रभावित भी रहे हैं, पर यह कभी नहीं सोचा था कि एक दिन यही आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस उन्हें बेरोजगार कर देगा....

महेंद्र पाण्डेय की रिपोर्ट

जनज्वार। माइक्रोसॉफ्ट ने अपने यहाँ के दो दर्जन से अधिक पत्रकारों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है और कारण बताया है कि अब उनका काम आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस वाले रोबोट करेंगे। ये सभी पत्रकार एमएसएन वेबसाइट और इसके ब्राउज़र पर समाचार लगाने का काम करते थे।

स काम को पीए मीडिया नामक पत्रकारिता से जुडी संस्था देखती थी, जो पहले प्रेस एसोसिएशन के नाम से जाने जाती थी। इन पत्रकारों का कहना है कि वे वर्षों से रोबोट और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस से सम्बंधित समाचार बड़े चाव से एमएसएन वेबसाइट पर लगाते रहे हैं और इसमें तेजी से होती तरक्की से प्रभावित भी रहे हैं, पर यह कभी नहीं सोचा था कि एक दिन यही आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस उन्हें बेरोजगार कर देगा।

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ये सभी पत्रकार समाचार खुद लिखते नहीं थे, बल्कि अन्य स्त्रोतों से समाचारों का चयन कर, आवश्यकतानुसार हैडलाइन और एक जैसी भाषा में उसे लिखकर वेबसाइट पर लगाते थे। इनके अनुसार एमएसएन की सम्पादकीय नीति बहुत सख्त है और हिंसा या फिर दूसरे अपराधों से जुड़े समाचारों को लगाने की इजाजत नहीं थी, क्योंकि इसे बच्चे भी देखते हैं।

न कर्मचारियों को संदेह है की आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस युक्त मशीनें वह काम कर पाएंगी, जो मानव पत्रकार करते हैं। माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि इस निर्णय का कोविड 19 के दौर में गिरती अर्थव्यवस्था से कोई सम्बन्ध नहीं है, बल्कि यह समय-समय पर होने वाली समीक्षा के कारण किया गया है।

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र्ष 2016 में ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी ने कहा था कि पत्रकारिता एक ऐसा पेशा है जिसे मशीनों से बदल पाना निकट भविष्य में कठिन है। पर उस समय भी, जब कोलंबिया यूनिवर्सिटी में जब पत्रकारिता के लिए दिए जाने वाले पुलित्ज़र पुरस्कारों के 100 वर्ष पूरा होने का जश्न मनाया जा रहा था, तब परम्परागत तौर पर पत्रकारों के हिस्से आने वाले आर्थिक रिपोर्ट, खेलों के समाचार और इस तरह के दूसरे रिपोर्ट रोबोट तैयार कर रहे थे।

नैरेटिव साइंस नामक संस्था के अध्यक्ष क्रिस हैमंड ने उस समय एक वक्तव्य भी दिया था कि एक दिन ऐसा भी होगा जब पुलित्ज़र प्राइज किसी रोबोट या मशीन को मिलेगा।

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थोमसन रायटर्स पिछले अनेक वर्षों से आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस युक्त मशीनों द्वारा लिखे गए कुछ समाचार प्रकाशित करता रहा है। इसमें से अनेक समाचार तो मानव पत्रकारों द्वारा लिखे गए समाचारों की तुलना में अधिक पसंद किये जाते हैं। गूगल तो बहुत वर्षों से आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का सहारा ले रहा है और अनेक पत्रकारिता संस्थाओं को आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस अपनाने के लिए आर्थिक मदद भी कर रहा है।

श्चर्य यह है कि सबसे अधिक मदद लेने वाली संस्था प्रेस एसोसिएशन ही है, जिसके पत्रकार माइक्रोसॉफ्ट से निकाले गए हैं। इसने वर्ष 2017 में गूगल से 621000 पौंड की मदद ली थी, और एक दूसरी संस्था अरब्स मीडिया के साथ मिलकर आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस की मदद से लगभग 30000 समाचार प्रतिमाह वितरित करने की योजना है।

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स योजना में किसी पत्रकार का रोजगार नहीं छीना गया था, बल्कि उनकी मदद से आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस द्वारा समाचार लिखे जाने हैं। पर प्रेस एसोसिएशन, जो अब पीए मीडिया के नाम से जाना जाता है, ने कभी नहीं सोचा होगा कि एक दिन उसके ही पत्रकार इसी आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के कारण बेरोजगार हो जायेंगे।

त्रकारिता ही नहीं, बल्कि अब तो हरेक उद्योग अपने श्रमिकों को बाहर का रास्ता दिखाने पर उतारू हैं और इसके बदले रोबोट और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस से काम कराने वाले हैं। पूंजीवाद के शब्दों में यह औद्योगिक युग का चौथा चरण है, जब श्रमिकविहीन श्रम होगा, और कोविड 19 के दौर ने इस चौथे चरण को और नजदीक ला दिया है।

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