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शिक्षा

पंजाब: मिड डे मिल की राशि में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी, हर पात्र तक खाना पहुंचाने की व्यवस्था पुख्ता

Nirmal kant
23 May 2020 6:42 AM GMT
पंजाब: मिड डे मिल की राशि में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी, हर पात्र तक खाना पहुंचाने की व्यवस्था पुख्ता
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शिक्षामंत्री विजय इंद्र सिंह ने बताया कि इस वक्त मंहगाई बढ़ गयी है, इसे देखते हुये यह कदम उठाया गया है। खाना हर बच्चें तक पहुंचे, इसके लिये स्कूल के मुखिया की जिम्मेदारी फिक्स की गयी है...

जनज्वार ब्यूरो। लॉकडाउन के वक्त देश के कई राज्यों में जहां बच्चों को मिड डे मिल नहीं दिया जा रह है, वहीं पजाब ने इस दिशा में पुख्ता कदम उठाये हैं। मिड डे मिल की राशि में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इसके साथ ही अब स्कूल के मुख्य शिक्षक की जिम्मेदारी भी तय कर दी कि हर बच्चे तक खाना पहुंचना चाहिये। पहले यह राशि 4.48 रुपये थी जो अब बढ़ाकर 4.97 रुपये और प्राथमिक कक्षाओं के लिए 6.71 से 7.45 रुपये कर दी गई है। पिछले साल, जून में खाना पकाने की लागत में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

संशोधित लागत मई से प्रभावी होगी, प्रबंधक, पंजाब मिड-डे मील योजना के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किया गया है। योजना के तहत खाना पकाने की लागत में खाना पकाने का तेल, दालें, सब्जियां और मसालों की खरीद शामिल है। राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत, खाना पकाने की लागत का 60 प्रतिशत केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य द्वारा साझा किया जाता

पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के बीच हर पात्र बच्चे तक खाना पहुंचाने के लिय पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। स्कूल के इंचार्ज को इसकी जिम्मेदारी दी गयी है। जिससे शत प्रतिशत तक बच्चों तक खाना पहुंचे। इसके अलावा अभिभावकों से भी आग्रह किया कि यदि किसी जगह पर बच्चों तक खाना या राशन नहीं पहुंच रहा है वह इसकी शिकायत तुरंत करें।

न्होंने बताया कि इसके अलावा हम लगातार औचक निरीक्षण भी कर रहे हैं। जिससे मिड डे मिल की व्यवस्था पुख्ता बनी रहे। पंजाब में 19,166 सरकारी स्कूल हैं। इसमें प्राइमरी से लेकर दस जमा दो तक 23 लाख बच्चे छात्र पढ़ रहे हैं।

शिक्षा मंत्री ने बताया कि न सिर्फ हम मिड डे मिल के प्रति सख्ती बरत रहे हैं, इसके साथ ही हमारी यह भी कोशिश है कि शिक्षा में गुणात्मक सुधार आये। इस वक्त क्योंकि कोरोना की वजह से सब कुछ ठप हो गया है। फिर भी बच्चों की शिक्षा की ओर विशेष ध्यान दिया जा रह है। हम ऑन लाइन बच्चों को पढ़ा रहे हैं। इसके लिए शिक्षकों को बोला गया कि वह इस तरह का सिलेबस तैयार करें, जो ऑन लाइन बच्चों को जोड़ सके। बच्चे इसे रुचि लेकर पढ़े।

मंत्री ने बताया कि हमारी यह भी कोशिश है कि पंजाब के स्कूल ढांचागत और शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर निजी स्कूलों को टक्कर देे। हम इसी सोच के तहत काम कर रहे हैं। इसके लिए सीएम कैप्टन अमरेंदर सिंह भी लगातार काम कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि स्कूलों में बच्चों की संख्या भी बढ़ रही है। अगले साल सब कुछ यदि ठीक ठाक रहता है तो हम कुछ और योजनाओं पर भी काम करने जा रहे हैं।

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