Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

स्टालिन ने पिता करुणानिधि के नाम भावुक पत्र लिख कहा क्या आपको अंतिम बार अप्पा बुला सकता हूं

Prema Negi
8 Aug 2018 12:08 PM IST
स्टालिन ने पिता करुणानिधि के नाम भावुक पत्र लिख कहा क्या आपको अंतिम बार अप्पा बुला सकता हूं
x

पत्र में लिखा, आप बस एक बार उडनपिराप्पे कह दो। यह अगले 100 साल तक हमारी मदद करेगा। आपको 'अप्पा' बुलाने की जगह मैं हमेशा 'थलाईवार' (नेता) कहता रहा। क्या अब, एक बार मैं आपको 'अप्पा' बुला सकता हूं....

जनज्वार। तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि की निधन के बाद उनके चाहने वाले शोकाकुल हैं। ऐसे अवसर पर उनके बेटे एमके स्टालिन ने अपने पिता करुणानिधि के नाम एक भावुक पत्र सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर पोस्ट किया है।

पत्र में स्टालिन लिखते हैं, 'क्या मैं आपको अंतिम बार अप्पा बुला सकता हूं? आप जहां जाते थे, मुझे जरूर बताते थे। अब, बिना बताए कहां चले गए? हमें लड़खड़ाता हुए क्यों छोड़ गए?''

गौरतलब है कि स्टालिन करुणानिधि और दयालु अम्माल के बेटे हैं। 86 साल की अम्माल करुणानिधि की दूसरी पत्नी हैं।

स्टालिन पत्र में आगे लिखते हैं, '33 साल पहले आपने कहा था कि आपकी याद में क्या लिखना चाहिए। आप वह इंसान थे, जो अनजाने में लोगों के लिए बहुत कुछ करते रहे। क्या अब आपने तय कर लिया कि आप तमिल समाज के लिए काफी कुछ कर चुके हैं? या यह देखने के लिए कहीं छुप गए हैं कि 80 साल के सावर्जनिक जीवन में जो उपलब्धियां आपने हासिल कीं, उन्हें कोई दूसरा क्या हासिल कर पाता है? 3 जून को आपके जन्मदिन पर मैंने आपकी आधी योग्यता मांगी थी। क्या अरिगनार अन्ना की तरह आप मुझे अपना प्यार देंगे? क्योंकि, आपके प्यार के सहारे ही हम आपके अधूरे सपनों और आदर्शों को पूरा कर पाएंगे।"

संबंधित खबर : नहीं रहे तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके चीफ एम करुणानिधि

स्तालिन भावुक हो लिखते हैं, करोड़ों उडनपिराप्पे (डीएमके कार्यकताओं को करुणानिधि इसी नाम से बुलाते थे, जिसका मतलब रिश्ते में भाई होता है) की तरफ से मैं आपसे निवेदन करता हूं कि "आप बस एक बार उडनपिराप्पे कह दो। यह अगले 100 साल तक हमारी मदद करेगा। आपको 'अप्पा' बुलाने की जगह मैं हमेशा 'थलाईवार' (नेता) कहता रहा। क्या अब, एक बार मैं आपको 'अप्पा' बुला सकता हूं?"

हालांकि इसी बीच करुणानिधि के निधन के बाद उनके उत्तराधिकारी को लेकर भी राजनीतिक कयासों का दौर जारी हो गया है। स्टालिन का नाम वैसे सबसे पहले नंबर पर है, मगर उनके सामने अलागिरी भी एक चुनौती हैं। स्टालिन और अलागिरी, दोनों ही करुणानिधि और दयालु अम्माल के बेटे हैं। वैसे करुणानिधि ने स्टालिन को अपना राजनीतिक वारिस घोषित किया था, मगर डीएमके में अलागिरी को चाहने वालों की भी कमी नहीं है।

करुणानिधि का स्टालिन के प्रति विशेष प्रेम और लगाव था। इसके लिए वे कई बार विवादों में भी आई कि उन्होंने स्टालिन के लिए अपने खासमखास लोगों को किनारे करने से भी परहेज नहीं किया। मगर इसके उलट यह भी सच है कि उन्होंने स्टालिन को कभी भी स्वतंत्र रूप से पार्टी चलाने का अधिकार नहीं दिया।

करुणानिधि तमिलनाडु के बड़े नेताओं में शुमार रहे। जब वहां की राजनीति में पेरियार ईवी रामासामी, सीएन अन्नादुरई, के कामराज, एमजी रामचंद्रन और सी राजगोपालाचारी का बोलबाला रहा, वैसे समय में उन्होंने अपनी एक खास जगह बनाई। देखना यह है कि उनका राजनीतिक उत्तराधिकारी कौन बनता है।

Next Story

विविध