नजीब की मां ने की थी इंडिया टुडे, टाइम्स ग्रुप के खिलाफ मानहानि, कोर्ट से गायब हुए कागजात
नजीब की गुमशुदगी वाले केस की सुनवाई के लिए दिल्ली आईं उसकी मां फातिमा नफीस बोलीं इंडिया टुडे, टाइम्स ग्रुप के खिलाफ मानहानि के केस की कोर्ट से कर दी गई है फाइल गायब....
सुशील मानव की रिपोर्ट
जनज्वार दिल्ली। राजधानी दिल्ली में 14 सितंबर को आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए जेएनयू के लापता छात्र नजीब की मां फ़ातिमा नफ़ीस ने कहा कि वो सीधे कोर्ट से आ रही हैं। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में इंडिया टुडे ग्रुप और टाइम्स ग्रुप के खिलाफ़ मानहानि का मुकदमा किया था, उसकी आज सुनवाई थी। कोर्ट गई तो पता चला फाइल ही गायब है। या यूं कि मानहानि की उनकी फाइल कोर्टरूम से गायब करवा दी गई।
सिस्टम के आगे अपनी लाचारगी और बेबसी का हाल सुनाते हुए वो कहती हैं कि “बदायूं से दिल्ली आना-जाना मेरे लिए बहुत मुश्किल भरा होता है। कोर्ट में जाती हूं केस देखकर दूसरी अगली तारीख दे देते हैं सुनवाई तक नहीं करते। मैं कई बार कहती हूँ जज से कि नजदीक की तारीख दें सुनवाई करें लेकिन नहीं, अब कि बार तो साढ़े तीन महीने बाद की तारीख लगा दी है। टाइम्स नाउ, इंडिया टुडे आज तक ये कुछ चैनल हैं, जिन्होंने मेरे बच्चे मेरे नजीब को बदनाम किया।”
गौरतलब है कि 21 मार्च 2017 को टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाला देते हुए एक सनसनीखेज ख़बर छापी थी। ख़बर में अख़बार ने दावा किया था कि नजीब अहमद आईएसआईएस के संपर्क में था और उससे संबंधित वीडियो और कंटेंट गूगल और यूट्यूब पर देखता था। ऐसा उसके लैपटॉप के सर्च हिस्ट्री में मिला है, लेकिन दिल्ली पुलिस ने एक प्रेस कांफ्रेंस में ऐसी किसी भी खबर का खंडन करते हुए कहा कि हमने तो नजीब अहमद का लैपटॉप खोला ही नहीं। पर ये ख़बर फर्जी थी।
इस खबर की काफी आलोचना भी हुई, बाद में इसी फर्जी ख़बर को कई चैनलों ने भी दिखाया था। जिसकी बुनियाद पर कोई सोशल साइटों पर लापता नजीब अहमद की छवि खराब करने वाली खबरें और पोस्ट लोगों ने लिखे और भेजे थे। कोर्टरूम से केस की फाइल का गायब होना कोर्ट प्रशासन की आरोपियों से मिलीभगत का भंडाफोड़ करता है।
नजीब अहमद जेएनयू में पढ़ने वाला छात्र था जो 15 अक्टूबर 2016 से कैंपस से लापता है। जबकि 14 अक्टूबर 2016 को उसकी दक्षिणपंथी छात्र संगठन एबीवीपी के सदस्यों से झगड़ा हुआ था, जिसमें उसके ऊपर हमला भी किया गया था। जबकि यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा 25 बिंदु बुलेटिन जारी की गई थी जिसमें नजीब अहमद पर हमले की बात का जिक्र तक नहीं किया गया था, जिसकी जेएनयू अध्यापक संघ ने कड़ी निंदा करते हुए प्रशासन पर बेरुख़ी और पक्षपाती होने का आरोप लगाया था।
बाद में लापता नजीब अहमद की माँ फ़ातिमा नफ़ीस की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने नजीब अहमद की ग़ुमशुदगी का केस सीबीआई को सौंपते हुए डीआईजी स्तर की जांच के विशेष निर्देश दिये थे।
दिल्ली में पल—पल न्यूज के एक कार्यक्रम में आईं नजीब की मां फ़ातिमा नफ़ीस ने इसी पर आगे कहा, “आप सब जानते हैं कि ये सब झूठ था बेबुनियाद था। पुलिस ने भी बाद में इसे नकार दिया। लेकिन ये बहस आज भी सोशल मीडिया और इनकी तमाम साइटों पर चल रही है कि नजीब सीरिया चला गया नजीब यहाँ चला गया, नजीब वहां चला गया आप ये सब छोड़ दो, आप घर बैठ जाओ। ये सब इन लोगो की बकवास है। ये लोग चाहते हैं कि मैं हताश होकर दिल्ली-बदायूं से धक्के खा-खाकर घर बैठ जाऊं। लेकिन आप सबका साथ आप सबकी मोहब्बत है मेरे साथ तो मैं यूं चुप बैठने वाली नहीं हूं। सच एक दिन सामने आएगा, नजीब एक दिन जरूर आएगा और इनके झूठ का पर्दाफाश करेगा। सच्चाई सबके सामने होगी। इन्होंने मेरे बच्चे पर जो भी इल्जाम लगाए हैं, एक दिन सारे इल्जाम झूठे साबित होंगे। ये मीडिया और ये बड़े लोग और इनके सहयोगी चाहते हैं कि हम गरीब और बेबस लोग थक-हारकर घर बैठ जाएं और इनसे लड़ाई न लड़ें। लेकिन ऐसा नहीं होगा बिल्कुल नहीं होगा।”
मंच से ही अपील करते हुए फ़ातिमा नफ़ीस आखिर में कहती हैं “जब तक हम सब लोग एक साथ मिलकर धक्का नहीं मारेंगे ये लोग नहीं हटेंगे। ये चाहते हैं कि हम एकजुट न हों, लेकिन हम सब एक होकर इनको धक्के मारेंगे। अब इनको वापिस नहीं लाना है। हमारी कोशिश ये रहेगी कि हम अपने पास-पड़ोस के लोगों रिश्तेदारों, दोस्तों सभी जानने-पहचानने वालों से एक-एक करके मिलें उन्हें कन्वेंस करें कि वे लोग अबकी बार इन्हें वोट हर्गिज न दें।
उन्होंने आगे कहा कि, कुछ लोग सत्ता के नशे में चूर हैं। उन्हें लगता है कि सबकुछ सही हो रहा है लेकिन सब कुछ सही नहीं हो रहा है। आज नजीब गया है कल कोई और नजीब जाएगा। हम सब एक मंच पर आएं और शांति से सबकुछ निपटारा हो जाए। 2019 में कोई और आए। मोदी हमें नहीं चाहिए इसने देश का बेड़ा गर्क कर दिया है।