मोदी के तीसरे साल में भ्रष्टाचारियों के कालेधन में 50 फीसदी की बढ़ोतरी
न खाउंगा ने खाने दुंगा का जुमला बोलने वाले प्रधानमंत्री के काल में पिछले 13 सालों में सबसे ज्यादा पैसा विदेश में कालाधन के रूप में हुआ है जमा
मोदी सरकार सत्ता में आने से पहले तक कालाधन लाने की बात करती थी, उसी सरकार के तीसरे साल यानी 2017 में स्विस बैंक में कालाधन रखने वालों ने 50 फीसदी अधिक पैसा जमा किया है
जनज्वार। राजनेताओं के लिए ईमानदारी और भ्रष्टाचार मुक्त भारत का वादा किसी जुमला से अधिक औकात नहीं रखता, यह बात एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी ने साबित की है। हालांकि कालाधन वापस लाकर हर नागरिक उसमें से 15 लाख देने के प्रधानमंत्री के चुनावी वादे को उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पहले ही जुमला बता चुके हैं।
वर्ष 2014 में चुनाव जीतने से पहले तक कालाधन को सबसे बड़ा मुद्दा बनाने वाले प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल की हालत यह है कि इनके शासन काल में भ्रष्ट भारतीयों ने सबसे ज्यादा पैसा विदेश में ले जाकर स्विस बैंक में जमा किया है। 2017 में कालाधन जमा करने का औसत पिछले 13 सालों में सबसे ज्यादा है और जो कुल जमा कालाधन था, उसका 50 फीसदी सिर्फ 2017 में बढ़ा है। वह अब 7 हजार करोड़ रुपए हो चुका है।
यह आंकड़े स्विटजरलैंड की सेंट्रल बैंकिंग अथॉरिटी स्विस नेशनल बैंक ने 28 जून को जारी किए। रिपोर्ट के अुनसार 2017 में स्विस बैंकों का मुनाफा 25 प्रतिशत बढ़कर 67 हजार 620 करोड़ हो चुका है। इसमें भारतीयों की भागीदारी ये है कि कालाधन के लिए बदनाम स्विस बैंक में 2017 के आखिर में भारतीय पूंजीपतियों की ओर से 7 हजार करोड़ रूपए जमा किए गए जो सीधे तौर पर 50.02 प्रतिशत की बढ़ोतरी है।
जाहिर है मोदी सरकार के तीसरे साल में कालाधन जमा करने वालों की पूंजी बढ़ी है और 13 सालों में सबसे ज्यादा कालाधन स्विस बैंक में जमा हुआ है।