मोदी सरकार को एक और झटका, मूडीज ने आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को घटाकर किया 5.6 फीसदी
क्रेडिट रेटिंग और शोध सेवा सेवा देने वाली एजेंसी मूडीज ने साल 2019 के लिए भारत का आर्थिक वृद्धि दर अनुमान घटाकर 5.6 फीसदी कर दिया है। एजेंसी ने ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2020-21 में कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि आर्थिक गतिविधि 2020 और 2021 में बढ़कर क्रमश: 6.6 फीसदी और 6.7 फीसदी हो सकती है, लेकिन बीते दिनों की तुलना में इसकी गति कम रहेगी...
जनज्वार, नई दिल्ली। 8 नवंबर 2016 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देर शाम नोटबंदी की घोषणा कर पांच सौ और हजार के नोट को चलन से बाहर कर दिया था तो पूरा देश हैरान रह गया था। इस घोषणा के बाद से देशभर में बैंकों के बाहर लाइन में खड़े नजर आए थे।
इस फैसले को सरकार और उसके मंत्रियों-नेताओं के द्वारा कालेधन पर सर्जिकल स्ट्राइक और अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए लिया गया फैसला बताया जा रहा था लेकिन इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर अब पूरी तरह से नजर आने लगा है।
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दरअसल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने साल 2019 के लिए भारत का आर्थिक वृद्धि दर अनुमान घटाकर 5.6 फीसदी कर दिया है। रेटिंग एजेंसी ने ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2020-21 में कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि आर्थिक गतिविधि 2020 और 2021 में बढ़कर क्रमश: 6.6 फीसदी और 6.7 फीसदी हो सकती है, लेकिन बीते दिनों की तुलना में इसकी गति कम रहेगी।
एजेंसी ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि 2018 मध्य से मंद हो गई। इसके साथ सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 8 फीसदी से घटकर 2019 की दूसरी तिहामी में 5 फीसदी हो गया और बेरोजगारी बढ़ रही है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि मौजूदा उपभोक्ता मांग बेहद सुस्त हो गई है। बीते सप्ताह मूडीज ने भारत सरकार के सॉवरेन रेटिंग्स को बदलकर नकारात्मक कर दिया था।
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हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक की आर्थिक अनुसंधान शाखा ने 2019-2020 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया था। पहले यह अनुमान छह प्रतिशत था।
इससे पहले क्रेडिट रेटिंग और शोध सेवा सेवा देने वाली एजेंसी मूडीज ने 10 अक्टूबर को 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 6.2 फीसदी से घटाकर 5.8 फीसदी कर दिया था। पिछले सप्ताह ही रेटिंग एजेंसी ने भारत के परिदृश्य को स्थिर से नकारात्मक कर दिया है।